12000 करोड़ के 2000 वाले नोट अब भी लोगों की जेब में, जानें RBI को पर्सनल लोन पर क्यों दिखा खतरा

RBI On 2000 Rupees Note Circulation And Personal loan Risk: आरबीआई डिप्टी गवर्नर ने बढ़ते पर्सलन लोन को लेकर चिंता जताई है। डिप्टी गवर्नर जे. स्वामीनाथन ने कहा कि 13-14 प्रतिशत की लोन ग्रोथ के मुकाबले पर्सलन लोन में 33 प्रतिशत की बढ़ोतरी में ध्यान देने की जरूरत है।

2000 rs note deadline

7 अक्टूबर है डेडलाइन

RBI On 2000 Rupees Note Circulation And Personal loan Risk: अभी भी 12 हजार करोड़ रुपये की वैल्यू वाले 2000 के नोट लोगों की जेब में पड़े हुए है। अभी तक सर्कुलेशन में रहे कुल 2000 के नोट में से 96 फीसदी वापस आए हैं। इस बात की जानकारी भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के गवर्नर शक्तिकांत दास ने मौद्रिक नीति के ऐलान के वक्त दी है। उनके अनुसार चलन से वापस लिए गए 2,000 रुपये के 87 प्रतिशत नोट बैंकों में जमा के रूप में वापस आए हैं। शेष को अन्य मूल्य के नोटों से बदला गया है। आरबीआई ने 7 अक्टूबर तक 2000 रुपये के नोट बदलने की डेडलाइन बढ़ा दी है। पहले 30 सितंबर तक आरबीआई ने नोट वापसी की डेडलाइन तय कर रखी थी।

अब तक 3.42 लाख करोड़ के नोट वापस

द्विमासिक मौद्रिक नीति समीक्षा की घोषणा के बाद संवाददाता सम्मेलन में दास ने कहा कि 19 मई, 2023 तक प्रचलन में मौजूद 2,000 रुपये के 3.56 लाख करोड़ रुपये के नोट में से 12,000 करोड़ रुपये अब भी वापस नहीं आए हैं।आरबीआई ने पिछले शनिवार को कहा था कि 29 सितंबर तक 3.42 लाख करोड़ रुपये के नोट वापस आ गए है, जबकि 14,000 करोड़ रुपये के नोट अब भी वापस आने बाकी हैं।
7 अक्टूबर तक किसी भी बैंक में नोट जमा और बदले जा सकते हैं। उसके बाद आरबीआई के कार्यालय में ही 2000 के नोट जमा किए जा सकेंगे। हालांकि उसके लिए जमाकर्ता को यह कारण बताना होगा कि अभी तक उसने नोट जमा क्यों नहीं कराए।

पर्सनल लोन

इस बीच आरबीआई डिप्टी गवर्नर ने बढ़ते पर्सलन लोन को लेकर चिंता जताई है। डिप्टी गवर्नर जे. स्वामीनाथन ने कहा कि 13-14 प्रतिशत की लोन ग्रोथ के मुकाबले पर्सलन लोन में 33 प्रतिशत की बढ़ोतरी में ध्यान देने की जरूरत है। इस कारण बैंकों को किसी भी जोखिम से बचने के लिए कदम उठाने के लिए प्रेरित किया है। आरबीआई ने निवेशकों से कहा कि संकट की आशंकाओं का पता लगाए और उचित कदम उठाएं। गवर्नर ने कहा कि यदि बिना ऑडिट वाले नतीजों को देखा जाए, तो जून तिमाही में सकल गैर-निष्पादित परिसंपत्तियों (एनपीए) में सुधार हुआ है।
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