RBI को डरा रहा है डार्क पैटर्न, जानें क्या है ये नया डिजिटल अवतार, जिससे कस्टमर को ज्यादा खतरा
RBI On Dark Pattern: बैंक ग्राहकों को आज धोखाधड़ी वाले ऐप्स, गोपनीयता नियम का उल्लंघन और डीपफेक टेक्नोलॉजी के खतरे का सामना करना पड़ रहा है।धोखाधड़ी और डेटा लीक की बढ़ती घटनाओं के साथ कस्टरम के लिए जोखिम भी बढ़ गया है।
बैंकों की आबीआई ने लगाई क्लास
पहले से ज्यादा जोखिम में कस्टमर
आरबीआई के डिप्टी गवर्नर राजेश्वर राव ने गुरुवार को एफआईबीएसी 2023 सम्मेलन में कहा कि बैंक ग्राहकों को आज धोखाधड़ी वाले ऐप्स, गोपनीयता नियम का उल्लंघन और डीपफेक जैसे प्रौद्योगिकी प्रेरित धोखाधड़ी के खतरे का सामना करना पड़ रहा है।धोखाधड़ी और डेटा लीक की बढ़ती घटनाओं के साथ उपभोक्ता के लिए जोखिम भी बढ़ गया है। उन्होंने कहा कि ग्राहकों की सुरक्षा का एक प्रमुख तत्व उन्हें एक कुशल, त्वरित और लागत प्रभावी शिकायत निवारण तंत्र प्रदान करना है।
फ्रॉड का नया अवतार
राव ने कहा कि यहां तक कि गलत बिक्री भी अब एक डिजिटल अवतार में उभरी है, जिसे डार्क पैटर्न कहा जाता है। डार्क पैटर्न डिजाइन इंटरफेस और रणनीति हैं, जिनका उपयोग कस्टमर को वांछित व्यवहार में फंसाने के लिए किया जाता है, जैसे कि तत्काल लोन के रूप में उच्च लागत वाले अल्पकालिक कंज्यूमर लोन देना है। उन्होंने कहा कि हमें कड़ी मेहनत करनी चाहिए, स्मार्ट तरीके से काम करना चाहिए और ग्राहकों को इन खतरों से बचाने के लिए उनके विश्वास को बनाए रखने और मजबूत करने के लिए मिलकर काम करना चाहिए।
बैंक क्यों हैं पीछे
उन्होंने कहा कि दुर्भाग्य से, ऐसा लगता है कि ग्राहकों की शिकायतों का समय पर समाधान देने में बैंकों के प्रयास प्रौद्योगिकी और उत्पादों में के साथ तालमेल नहीं रख है। उन्होंने कहा कि बैंक जिस तेजी से नए कस्टमर बनाने में भारी निवेश कर रहे हैं, उतनी तेजी से ग्राहक शिकायत निवारण तंत्र में सुधार के बारे में बहुत कम सोचा जा रहा है।राव ने कहा कि यह उस क्षेत्र के लिए बहुत अजीब लगता है जो सेवा उद्योग होने पर गर्व करता है। हम निश्चित रूप से शिकायतों पर टीएटी और एमआईएस की निगरानी के बजाय शिकायत निवारण की गुणवत्ता पर बोर्ड और शीर्ष अधिकारियों की ओर से अधिक गंभीर विचार और मंशा देखना चाहते हैं।
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