Jobs In India:रोजगार के आंकड़ों पर खींचतान, RBI बोला 3.31 फीसदी बढ़ा, सिटी ग्रुप रिपोर्ट का दावा-रोजगार चुनौती

Jobs In India: आरबीआई की रिपोर्ट के मुताबिक कृषि, शिकार, वानिकी और मछली क्षेत्र ने 25.3 करोड़ व्यक्तियों को रोजगार दिया था। यह आंकड़ा 2021-22 में 24.82 करोड़ था। सिटीग्रुप की हाल में आई उस रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत को सात प्रतिशत की वृद्धि दर होने पर भी रोजगार के समुचित अवसर पैदा करने के लिए संघर्ष करना पड़ सकता है।

JOBS IND INDIA

रोजगार के मौके बढ़े

Jobs In India: कृषि, बिजनेस और वित्तीय सेवाओं सहित 27 क्षेत्रों में कार्यरत लोगों की संख्या 2022-23 में सालाना आधार पर 3.31 प्रतिशत बढ़कर 59.66 करोड़ हो गई। इससे पहले 2021-22 के दौरान इन 27 क्षेत्रों में रोजगार 57.75 करोड़ था। रिपोर्ट के मुताबिक कृषि, शिकार, वानिकी और मछली क्षेत्र ने 25.3 करोड़ व्यक्तियों को रोजगार दिया था। यह आंकड़ा 2021-22 में 24.82 करोड़ था।
इस बीच श्रम मंत्रालय ने सोमवार को सिटीग्रुप की हाल में आई उस रिपोर्ट को खारिज कर दिया जिसमें कहा गया था कि भारत को सात प्रतिशत की वृद्धि दर होने पर भी रोजगार के समुचित अवसर पैदा करने के लिए संघर्ष करना पड़ सकता है। मंत्रालय ने बयान में कहा कि इस रिपोर्ट को तैयार करते समय ‘आवधिक श्रम बल सर्वेक्षण (PLFS) और भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के केएलईएमएस डेटा जैसे आधिकारिक स्रोतों से उपलब्ध व्यापक और सकारात्मक रोजगार आंकड़ों को ध्यान में नहीं रखा गया है।

क्या कहती है RBI रिपोर्ट
रिपोर्ट के मुताबिक ‘कृषि, शिकार, वानिकी और मछली’ क्षेत्र ने 25.3 करोड़ व्यक्तियों को रोजगार दिया था। यह आंकड़ा 2021-22 में 24.82 करोड़ था।इसके अलावा उल्लेखीय रोजगार देने वाले क्षेत्रों में निर्माण, व्यापार तथा परिवहन और भंडारण शामिल थे।आरबीआई ने कहा कि दस्तावेज ‘भारत केएलईएमएस डेटाबेस संस्करण-2024’ को आर्थिक वृद्धि और इसके प्रमुख क्षेत्रों में शोध को बढ़ावा देने के लिए तैयार किया गया है।आरबीआई का केएलईएमएस डेटा उत्पादन में पांच प्रमुख बिंदुओं- पूंजी, श्रम, ऊर्जा, सामग्री और सेवाओं के बारे में जानकारी मुहैया कराता है।

क्या कहती है सिटी रिपोर्ट

पीएलएफएस और आरबीआई के केएलईएमएस आंकड़ों के मुताबिक, भारत ने 2017-18 से लेकर 2021-22 के दौरान आठ करोड़ से अधिक रोजगार के अवसर पैदा किए। इस तरह प्रति वर्ष औसतन दो करोड़ से अधिक रोजगार पैदा हुए और 2020-21 के दौरान कोविड-19 महामारी के आर्थिक दुष्प्रभावों के बावजूद ऐसा देखने को मिला।बयान के मुताबिक, यह महत्वपूर्ण रोजगार सृजन विभिन्न क्षेत्रों में रोजगार को बढ़ावा देने के उद्देश्य से विभिन्न सरकारी पहलों की दक्षता को दर्शाता है।मसलन, डब्ल्यूपीआर यानी रोजगार दर 2017-18 के 46.8 प्रतिशत से बढ़कर 2022-23 में 56 प्रतिशत हो गई। इसी तरह, देश में श्रमबल भागीदारी भी 2017-18 के 49.8 प्रतिशत से बढ़कर 2022-23 में 57.9 प्रतिशत हो गई। वहीं 2017-18 में छह प्रतिशत पर रही बेरोजगारी दर 2022-23 में घटकर 3.2 प्रतिशत रह गई
देश और दुनिया की ताजा ख़बरें (Hindi News) अब हिंदी में पढ़ें | बिजनेस (business News) और चुनाव के समाचार के लिए जुड़े रहे Times Now Navbharat से |

लेटेस्ट न्यूज

प्रशांत श्रीवास्तव author

करीब 17 साल से पत्रकारिता जगत से जुड़ा हुआ हूं। और इस दौरान मीडिया की सभी विधाओं यानी टेलीविजन, प्रिंट, मैगजीन, डिजिटल और बिजनेस पत्रकारिता में काम कर...और देखें

End of Article

© 2024 Bennett, Coleman & Company Limited