RBI Monetary Policy: आरबीआई आज लेगा ब्याज दरों पर फैसला, क्या मिलेगी EMI पर राहत, जानें एक्सपर्ट की राय

RBI Monetary Policy: आरबीआई ने आखिरी बार फरवरी, 2023 में रेपो दर में बढ़ोतरी की थी और तब से यह लगातार 6.5 प्रतिशत पर बरकरार है। आर्थिक विकास दर ट्रैक पर है और महंगाई अभी भी आरबीआई के सामान्य टारगेट से ज्यादा है। ऐसे में इस बात की पूरी उम्मीद है कि वह ब्याज दरों में कोई बदलाव नहीं करेगा।

RBI MPC MEETING

आरबीआई की मौद्रिक नीति

RBI Monetary Policy:भारतीय रिजर्व बैंक आज लगातार सातवीं बार ब्याज दरों में कोई बदलाव नहीं कर सकता है। ऐसी उम्मीद है कि केंद्रीय बैंक एक बार फिर प्रमुख नीतिगत दर रेपो को यथावत रखेगा और मुद्रास्फीति नियंत्रण पर अपना ध्यान बनाए रखेगा। आर्थिक वृद्धि दर को लेकर चिंताएं कम होने से खुदरा मुद्रास्फीति पर ही ध्यान रहने की उम्मीद है। आरबीआई ने आखिरी बार फरवरी, 2023 में रेपो दर में बढ़ोतरी की थी और तब से यह लगातार 6.5 प्रतिशत पर बरकरार है। पिछली छह द्विमासिक नीतियों में रेपो दर में कोई बदलाव नहीं किया गया। गवर्नर दास की अध्यक्षता वाली समिति में शशांक भिड़े, आशिमा गोयल, जयंत आर वर्मा, राजीव रंजन और माइकल देबब्रत पात्रा भी शामिल हैं।

महंगाई पहली प्राथमिकता

आर्थिक विकास दर ट्रैक पर है और महंगाई अभी भी आरबीआई के सामान्य टारगेट से ज्यादा है। ऐसे में इस बात की पूरी उम्मीद है कि वह ब्याज दरों में कोई बदलाव नहीं करेगा। ऐसी उम्मीद है कि केंद्रीय बैंक एक बार फिर प्रमुख नीतिगत दर रेपो को यथावत रखेगा और मुद्रास्फीति नियंत्रण पर अपना ध्यान बनाए रखेगा। विशेषज्ञों के अनुसार एमपीसी बैठक में अमेरिका और ब्रिटेन जैसी कुछ प्रमुख अर्थव्यवस्थाओं के केंद्रीय बैंकों के रुख पर तवज्जो दी जा सकती है। ये केंद्रीय बैंक ब्याज दरों में कटौती को लेकर फिलहाल ‘देखो और इंतजार करने’ की स्थिति में हैं। अभी महंगाई दर 5 फीसदी की रेंज में हैं। जबकि आरबीआई इसे 4 फीसदी के रेंज में लाना चाहता है। खास तौर से खाद्य महंगाई दर आरबीआई के लिए चिंता का विषय है। फरवरी में रिटेल महंगाई दर 5.09 फीसदी और खाद्य महंगाई दर 8.66 फीसदी रही है।

भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) ने भी अपनी रिसर्च रिपोर्ट में कहा है कि मौद्रिक नीति में उदार रुख जारी रह सकता है। इसमें चालू वित्त वर्ष की तीसरी तिमाही में जाकर पहली दर में कटौती की संभावना जताई गई है।

ग्रोथ रेट से ज्यादा

राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय (एनएसओ) ने चालू वित्त वर्ष की पहली और दूसरी तिमाही के लिए सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) के वृद्धि दर के अनुमान को संशोधित कर क्रमशः 8.2 और 8.1 प्रतिशत कर दिया है। पिछले वित्त वर्ष की दिसंबर तिमाही में वृद्धि दर 8.4 प्रतिशत रही थी। आरबीआई से उम्मीदों पर हाउसिंग डॉट कॉम के समूह मुख्य कार्यपालक अधिकारी ध्रुव अग्रवाल ने कहा कि मजबूत आर्थिक वृद्धि के बीच केंद्रीय बैंक इस नीतिगत समीक्षा में रेपो दर पर यथास्थिति बनाए रख सकता है।

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