शहरी सहकारी बैंक से मिलेगा 4 लाख तक का गोल्ड लोन, RBI का PM विश्वकर्मा पर भी बड़ा फैसला
RBI Upgrade Gold Loan Limit For UCB: बुलेट पुनर्भुगतान योजना के तहत कर्ज लेने वाला मूल राशि और ब्याज का भुगतान कर्ज अवधि के अंत में एकमुश्त करता है। हालांकि सोने के बदले कर्ज पर ब्याज का आकलन पूरी अवधि के दौरान हर महीने किया जाता है, लेकिन मूल राशि और ब्याज का भुगतान एक बार ही देना होता है।
गोल्ड लोन लेना हुआ आसान
RBI Upgrade Gold Loan Limit For UCB:भारतीय रिजर्व बैंक ने शहरी सहकारी बैंकों के लिए बुलेट पुनर्भुगतान योजना के तहत सोने के बदले कर्ज (गोल्ड लोन) देने की लिमिट बढ़ा दी है। अब शहरी सरकारी बैंक 2 लाख की जगह चार लाख रुपये तक का गोल्ड लोन दे सकेंगे। हालांकि बढ़ी हुई लिमिट का फायदा केवल उन शहरी सहकारी बैंकों को मिलेगा, जिन्होंने प्राथमिकता क्षेत्र को कर्ज के तहत सभी लक्ष्यों को 31 मार्च 2023 तक पूरा कर लिया है। आरबीआई के इस कदम से ग्राहकों के लिए सहकारी बैंकों से गोल्ड लोन लेना आसान हो जाएगा।
क्या है बुलेट पुनर्भुगतान योजना
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‘बुलेट’ पुनर्भुगतान योजना के तहत कर्ज लेने वाला मूल राशि और ब्याज का भुगतान कर्ज अवधि के अंत में एकमुश्त करता है। हालांकि सोने के बदले कर्ज पर ब्याज का आकलन पूरी अवधि के दौरान हर महीने किया जाता है, लेकिन मूल राशि और ब्याज का भुगतान एक बार ही देना होता है। इसीलिए इसे ‘बुलेट’ पुनभुर्गतान के नाम से जाना जाता है।
आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने द्विमासिक मौद्रिक नीति समीक्षा की घोषणा करते हुए कहा कि शहरी सहकारी बैंकों (यूसीबी) जिन्होंने 31 मार्च 2023 तक प्राथमिकता क्षेत्र ऋण (पीएसएल) के तहत तय लक्ष्य पूरा कर लिया है, उनके लिए बुलेट पुनर्भुगतान योजना के तहत गोल्ड लोन की मौजूदा सीमा को दो लाख रुपये से बढ़ाकर चार लाख रुपये करने का निर्णय किया गया है।दास ने कहा यह उपाय हमारी उस पिछली घोषणा के तहत है, जिसमें कहा गया था कि 31 मार्च 2023 तक निर्धारित प्राथमिक क्षेत्र कर्ज के लक्ष्यों को पूरा करने वाले यूसीबी को उपयुक्त प्रोत्साहन दिया जाएगा।
पीएम विश्वकर्मा पर भी फैसला
भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास ने शुक्रवार को कहा कि पीएम विश्वकर्मा को भुगतान अवसंरचना विकास कोष (पीआईडीएफ) योजना के तहत शामिल करने और योजना को दो साल का विस्तार देने का निर्णय किया गया है।गवर्नर ने द्विमासिक मौद्रिक नीति की घोषणा करते हुए कहा कि अब पीआईडीएफ योजना को दो साल की अवधि के लिए यानी 31 दिसंबर, 2025 तक बढ़ाने का प्रस्ताव है।योजना की शुरुआत जनवरी, 2021 में की गई थी। इस योजना का मकसद छोटे और कम आबादी वाले शहरी क्षेत्रों (टियर-3 से टियर-6), पूर्वोत्तर राज्यों और जम्मू-कश्मीर तथा लद्दाख जैसे केंद्र शासित प्रदेशों में बिक्री केंद्र (पीओएस), त्वरित प्रतिक्रिया (क्यूआर) कोड जैसे भुगतान स्वीकार करने वाले बुनियादी ढांचे की पहुंच स्थापित करना है।
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