RBI का ध्यान साइबर सुरक्षा, वित्तीय सेवाओं को सशक्त बनाने पर बोले आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास

RBI के गवर्नर शक्तिकांत दास ने एक कार्यक्रम में कहा कि आरबीआई का ध्यान वित्तीय समावेशन, डिजिटल सार्वजनिक अवसंरचना (डीपीआई), उपभोक्ता संरक्षण एवं साइबर सुरक्षा, टिकाऊ वित्त और वित्तीय सेवाओं को सशक्त बनाने पर है।

RBI, UPI, Shaktikanta Das

आरबीआई गर्वनर शक्तिकांत दास

भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के गवर्नर शक्तिकांत दास ने बुधवार को अपने ध्यान वाले क्षेत्रों को रेखांकित करते हुए कहा कि यूपीआई और रुपे को सही मायने में वैश्विक बनाने के प्रयास किए जा रहे हैं। दास ने यहां ‘ग्लोबल फिनटेक फेस्ट 2024’ को संबोधित करते हुए कहा कि आरबीआई का ध्यान वित्तीय समावेशन, डिजिटल सार्वजनिक अवसंरचना (डीपीआई), उपभोक्ता संरक्षण एवं साइबर सुरक्षा, टिकाऊ वित्त और वित्तीय सेवाओं के वैश्विक एकीकरण को सशक्त बनाने पर है। उन्होंने कहा कि भारत कई देशों के साथ आर्थिक सहयोग को बढ़ावा देने के लिए अंतरराष्ट्रीय मंचों और द्विपक्षीय समझौतों का सक्रिय हिस्सा है और सीमापार भुगतान प्रणालियों सहित वित्तीय बुनियादी ढांचे को मजबूत करना रिजर्व बैंक का प्रमुख लक्षित क्षेत्र होगा।

आरबीआई गवर्नर ने कहा कि हम अब यूपीआई और रुपे को वास्तव में वैश्विक बनाने पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि इस दिशा में भूटान, नेपाल, श्रीलंका, सिंगापुर, संयुक्त अरब अमीरात (यूएई), मॉरीशस, नामीबिया, पेरू, फ्रांस और कुछ अन्य देशों के साथ यूपीआई नेटवर्क के जरिये रुपे कार्ड और भुगतान स्वीकार करने की दिशा में उल्लेखनीय प्रगति हुई है। उन्होंने कहा कि ये प्रयास दुनियाभर में भारत की पहल को अपनाने के लिए सहयोगी प्रयासों को रेखांकित करते हैं। एकीकृत भुगतान प्रणाली यूपीआई मोबाइल फोन के जरिये अंतर-बैंक लेनदेन की सुविधा देती है जबकि रुपे घरेलू रूप से विकसित एक वैश्विक कार्ड भुगतान नेटवर्क है।

दास ने कहा कि भारत अपनी प्रौद्योगिकी प्रतिभा और विकसित वित्तीय प्रौद्योगिकी (फिनटेक) पारिस्थितिकी के सहारे डिजिटल नवाचार और फिनटेक स्टार्टअप का वैश्विक केंद्र बनने, रणनीतिक साझेदारी बनाने और उसे मजबूत करने, अंतरराष्ट्रीय सहयोग की प्रतिबद्धता को सशक्त करने और उत्कृष्ट संस्थानों को विकसित करने की क्षमता रखता है। दास ने कहा कि फिनटेक क्षेत्र ने पिछले दो वर्षों में लगभग छह अरब डॉलर का निवेश आकर्षित किया है।

आरबीआई गवर्नर ने कहा कि भारत अब एक तेजी से बढ़ती आर्थिक शक्ति है। उन्होंने कहा कि भारतीय अर्थव्यवस्था में पैदा हो रहे नए अवसरों का लाभ उठाने और जोखिमों को कम करने के लिए वित्तीय संस्थानों और फिनटेक को तेजी से एक मजबूत ढांचा अपनाना चाहिए। उन्होंने कहा कि डिजिटल वित्तीय समावेशन में पैमाने पर दर्ज किए जाने लायक और किफायती लागत के अनूठे फायदे हैं। उन्होंने कहा कि जेएएम-यूपीआई-यूएलआई की नई त्रिमूर्ति भारत की डिजिटल अवसंरचना यात्रा में एक क्रांतिकारी कदम है। (इनपुट भाषा)

देश और दुनिया की ताजा ख़बरें (Hindi News) अब हिंदी में पढ़ें | बिजनेस (business News) और बजट 2024 (Union Budget 2024) की ताजा समाचार के लिए जुड़े रहे Times Now Navbharat से |

लेटेस्ट न्यूज

रामानुज सिंह author

रामानुज सिंह अगस्त 2017 से Timesnowhindi.com के साथ करियर को आगे बढ़ा रहे हैं। यहां वे असिस्टेंट एडिटर के तौर पर काम कर रहे हैं। वह बिजनेस टीम में ...और देखें

End of Article

© 2024 Bennett, Coleman & Company Limited