मंदी का खतरा:अब देश कर रहे हैं डिफॉल्ट,40 साल में सबसे ज्यादा मामले,चीन पर भी छाया संकट
Moody's report on Countries default:पिछले 40 साल में 2022 के दौरान देशों के डिफॉल्ट के सबसे ज्यादा मामले आए हैं। इससे ज्यादा चिंता का बात यह है कि दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी इकोनॉमी चीन में भी सब कुछ अच्छा नहीं चल रहा है उसके कई सेक्टर के डूबने का खतरा बढ़ गया है।
देशों ने शुरू किया डिफॉल्ट
Moody's report on Countries default:दुनिया में क्या मंदी आने वाली है? ऐसा सवाल इसलिए उठ रहा है क्योंकि अब व्यक्ति, कंपनी, कोई खास सेक्टर नहीं बल्कि देश डिफॉल्ट कर रहे हैं। यानी देशों के पास इतना पैसा भी नहीं रह गया है कि वह अपनी ब्याज की देनदारियां और रोजमर्रा के जरुरी खर्च का पेमेंट कर सकें। चिंता की बात यह है कि पिछले 40 साल में 2022 के दौरान देशों के डिफॉल्ट के सबसे ज्यादा मामले आए हैं। इससे ज्यादा चिंता का बात यह है कि दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी इकोनॉमी चीन में भी सब कुछ अच्छा नहीं चल रहा है उसके कई सेक्टर के डूबने का खतरा बढ़ गया है। संबंधित खबरें
साल 2022 में सात देशों ने किया डिफॉल्टसंबंधित खबरें
मूडीज की रिपोर्ट के अनुसार साल 2022 में रुस,माली, श्रीलंका, बेलारूस, अल स्लवाडोर, यूक्रेन और घाना सहित 7 देशों ने सॉवरेन डिफॉल्ट किया है। जो कि साल 1983 के बाद का किसी एक साल में सबसे ज्यादा डिफॉल्ट है। यह सिलसिला साल 2023 में भी थमा नही है। रिपोर्ट के अनुसार अर्जेंटीना और मोजाम्बिक भी डिफॉल्ट कर चुके हैं। साफ है कि संकट सुधरने की जगह गहरा रहा है। इसके अलावा पाकिस्तान और बांग्लादेश के भी हालात ठीक नहीं है। साफ है कि दुनिया के हर इलाके में आर्थिक संकट गहरा रहा है।संबंधित खबरें
देश | रेटिंग |
रुस | रेटिंग हटी |
माली | CAA2 Stable |
श्रीलंका | CA stable |
बेलारुस | CA Negative |
अल स्लवाडोर | CAA3 Stable |
घाना | CA stable |
यूक्रेन | CA stable |
अर्जेंटीना | CA stable |
मोजाम्बिक | CAA2 Positive |
हालांकि रुस को छोड़कर ज्यादातर डिफॉल्ट करने वाले देश छोटे हैं। और उन्होंने सॉवरेन डिफॉल्ट किया है, ऐसे में उसका ग्लोबल इकोनॉमी पर तुरंत ज्यादा असर नहीं होगा। लेकिन एक बात तय है कि अगले एक-दो साल इसके साये में बीतेंगे।संबंधित खबरें
चीन में बढ़ा रिस्कसंबंधित खबरें
ईटी की रिपोर्ट के अनुसार चीन में एक नया संकट खड़ा हो रहा है। उसके अनुसार वहां के प्रॉपर्टी, एनर्जी और ट्रांसपोर्ट सेक्टर पर जोखिम बढ़ा है। इन सेक्टर की रेटिंग CAA से नीचे हैं। हालांकि मूडीज का यह भी कहा है कि उभरती इकोनॉमी में विकसित देशों की तुलना में डिफॉल्ट कम है। वहीं जहां तक भारत की बात है तो उसकी इकोनॉमी पर सबसे कम खतरा है। और वह सभी उभरती इकोनॉमी में सबसे बेहतर प्रदर्शन करेगा।संबंधित खबरें
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प्रशांत श्रीवास्तव author
करीब 17 साल से पत्रकारिता जगत से जुड़ा हुआ हूं। और इस दौरान मीडिया की सभी विधाओं यानी टेलीविजन, प्रि...और देखें
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