IT सेक्टर में भर्तियों में सुस्ती के बीच ERP, प्रशासन जैसे कौशल वाले पेशेवरों की मांग बढ़ी

Recruitment in IT sector: ईटी क्षेत्र में कंपनियों ने भू-राजनीतिक तनाव के बीच ‘देखो और इंतजार करो’ का रुख अपनाया हुआ है, और विवेकाधीन खर्च को रोक दिया है, इससे क्षेत्र में नियुक्तियों की रफ्तार धीमी हुई है। आईटी क्षेत्र में विकास, ईआरपी, वाहन डिज़ाइन, परीक्षण और प्रशासन जैसे कार्यात्मक कौशल वाली प्रतिभाओं की मांग चालू वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही के दौरान बढ़ती रही।

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भर्ती की आवश्यकता प्राथमिकता बनी हुई है।

तस्वीर साभार : भाषा

Recruitment in IT sector: सूचना प्रौद्योगिकी (आईटी) क्षेत्र में भर्तियों की रफ्तार सुस्त रहने के बीच ईआरपी (उद्यम संसाधन योजना), वाहन डिजायन, परीक्षण और प्रशासन जैसे कार्यात्मक कौशल क्षेत्र में दक्ष पेशेवरों की मांग में वृद्धि चालू वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही में भी जारी रही है। मंगलवार को जारी एक रिपोर्ट में यह जानकारी दी गई।

पेशेवर समाधान प्रदाता क्वेस कॉरपोरेशन ‘स्किल्स रिपोर्ट’ के अनुसार, आईटी क्षेत्र में कंपनियों ने भू-राजनीतिक तनाव के बीच ‘देखो और इंतजार करो’ का रुख अपनाया हुआ है, और विवेकाधीन खर्च को रोक दिया है, इससे क्षेत्र में नियुक्तियों की रफ्तार धीमी हुई है। रिपोर्ट में कहा गया कि हालांकि, आईटी क्षेत्र में विकास, ईआरपी, वाहन डिज़ाइन, परीक्षण और प्रशासन जैसे कार्यात्मक कौशल वाली प्रतिभाओं की मांग चालू वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही के दौरान बढ़ती रही।

क्वेस आईटी स्टाफिंग के मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) विजय शिवराम ने कहा, “हाल के समय में पहली बार बड़ी आईटी सेवा कंपनियों ने कर्मचारियों की संख्या में गिरावट देखी है, जो भविष्य में सामूहिक रूप से उनके सतर्क रुख का संकेत देता है। हमारा मानना है कि यह अनिश्चितता का दौर एक या दो तिमाहियों में और जारी रहेगा जिसके बाद इसमें तेजी आनी शुरू होगी।’’

उन्होंने कहा कि हालांकि, मुख्य सेवा प्रदाता (एमएसपी) और भर्ती प्रक्रिया आउटसोर्सिंग (आरपीओ) जैसे मॉडल को अपनाना, साथ ही पूर्व-मूल्यांकन की गई भर्ती की आवश्यकता प्राथमिकता बनी हुई है। उन्होंने कहा, “अच्छी बात यह है कि जीसीसी (वैश्विक क्षमता केंद्र) पारिस्थितिकी तंत्र तेजी से बढ़ रहा है, और जनरेटिव एआई (कृत्रिम मेधा) आने से हम भारतीय आईटी क्षेत्र में अतिरिक्त प्रौद्योगिकी के एकीकरण की उम्मीद करते हैं, जिसमें काफी दीर्घकालिक संभावनाएं हैं।”

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