Reliance Capital के कर्जदाताओं ने हिंदुजा ग्रुप से डेडलाइन तक डील पूरी करने को कहा, 27 मई तक 9650 करोड़ रु का भुगतान जरूरी

Reliance Capital-IIHL Deal: कर्ज में डूबी रिलायंस कैपिटल के कर्जदाताओं ने हिंदुजा ग्रुप की यूनिट, इंडसइंड इंटरनेशनल होल्डिंग्स लिमिटेड (IIHL) से जरूरी रेगुलेटरी मंजूरी प्राप्त करने की प्रोसेस में तेजी लाने और 27 मई की रेजोल्यूशन प्लान की डेडलाइन को फॉलो करने के लिए कहा है।

Reliance Capital-IIHL Deal

रिलायंस कैपिटल-IIHL डील पर नया अपडेट

मुख्य बातें
  • रिलायंस कैपिटल-IIHL डील पर नया अपडेट
  • कर्जदाताओं का हिंदुजा ग्रुप को निर्देश
  • डेडलाइन तक करें डील पूरी
Reliance Capital-IIHL Deal: कर्ज में डूबी रिलायंस कैपिटल के कर्जदाताओं ने हिंदुजा ग्रुप की यूनिट, इंडसइंड इंटरनेशनल होल्डिंग्स लिमिटेड (IIHL) से जरूरी रेगुलेटरी मंजूरी प्राप्त करने की प्रोसेस में तेजी लाने और 27 मई की रेजोल्यूशन प्लान की डेडलाइन को फॉलो करने के लिए कहा है। IIHL के सीनियर अधिकारियों के साथ शुक्रवार को मुंबई में हुई बैठक में रिलायंस कैपिटल के कर्जदाताओं ने कहा कि कंपनी को तय डेट तक उन्हें 9,650 करोड़ रुपये का भुगतान करना है। गौरतलब है कि नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल (एनसीएलटी) मुंबई ने 27 फरवरी को रेजोल्यूशन प्लान को मंजूरी देते हुए आईआईएचएल को 90 दिनों यानी 27 मई तक इसे लागू करने का निर्देश दिया था।
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कर्जदाताओं को है ये टेंशन

ईटी की रिपोर्ट के अनुसार कर्जदाताओं ने रिलायंस कैपिटल के रेजोल्यूशन प्लान के लागू होने में धीमी प्रगति पर चिंता व्यक्त की, क्योंकि IIHL को अभी तक रेजोल्यूशन योजना पर IRDAI से मंजूरी नहीं मिली है।
IRDAI ने रिलायंस कैपिटल के बीमा बिजनेस को IIHL में ट्रांसफर करने के लिए प्रस्तावित कॉर्पोरेट स्ट्रक्चर पर कई सवाल और चिंता जाहिर की हैं और कंपनी ने अभी तक उन चिंताओं का समाधान नहीं किया है।

IRDAI की मंजूरी है जरूरी

रिलायंस कैपिटल यानी रिलायंस जनरल इंश्योरेंस और रिलायंस निप्पॉन लाइफ इंश्योरेंस के बीमा बिजनेसों को IIHL में ट्रांसफर करने के लिए IRDAI की मंजूरी महत्वपूर्ण है। रिलायंस कैपिटल के कारोबार को आईआईएचएल को ट्रांसफर करने पर आरबीआई की मंजूरी भी 17 मई को समाप्त हो रही है। 17 नवंबर को दी गई मंजूरी केवल छह महीने की अवधि के लिए वैध थी।
यदि आईआईएचएल डेडलाइन तक रेजोल्यूशन प्रोसेस को पूरा करने में विफल रहती है, तो उसे नई मंजूरी के लिए फिर से आवेदन करते समय आरबीआई को इसका कारण बताना होगा।
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काशिद हुसैन author

काशिद हुसैन अप्रैल 2023 से Timesnowhindi.Com (टाइम्स नाउ नवभारत) के साथ काम कर रहे हैं। यहां पर वे सीनियर कॉरेस्पोंडेंट हैं। टाइम्स नाउ नवभारत की ब...और देखें

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