MUKESH AMBANI FUTURE PLAN
Mukesh Ambani 2.0 Version And Future Plan:समझदार बिजनेसमैन वो है जो पहले से फ्यूचर को भांप ले और उस हिसाब से अपने कारोबार का डायरेक्शन बदल दे। दुनिया के सभी बिजनेस स्कूल में ये बात किसी न किसी रूप में जरूर सिखाई जाती है। और ऐसा ही कुछ इस समय एशिया के सबसे रईस शख्स मुकेश अंबानी की प्लानिंग और एक्जीक्यूशन में दिख रहा है। मुकेश अंबानी साल 2019 में अपने द्वारा कही गई उस बात को अब मूर्त रूप देने में लगे हैं, जिसमें उन्होंने कहा था कि अब डाटा ही नया ऑयल है। अंबानी के कहने का मतलब यह था कि जैसे तेल यानी ऑयल ने ओद्योगिक क्रांति से लेकर 20 वीं सदी में सबसे ज्यादा कमाई कराई है, वैसा ही अब डाटा के जरिए होगा। मुकेश अंबानी जिस तरह रिलांयस ग्रुप को नई पहचान दे रहे हैं, उससे साफ है कि अब दुनिया बिजनेसमैन मुकेश अंबानी का नया अवतार देखेगी, जो मुकेश अंबानी 2.0 होगा।
जियो फाइनेंशियल को दी नई पहचान
इसी कड़ी में मुकेश अंबानी ने रिलायंस इंडस्ट्रीज से जियो फाइनेंशियल सर्विसेज का डीमर्जर कर दिया है। अब नई कंपनी लोन बाजार में फोकस करेगी। इसको लेकर अंबानी का यह बयान भी आया है कि जियो फाइनेंशियल सर्विसेज फाइनेंशियल इन्क्लूजन पर जोर देगी। यानी कंपनी का ऐसे लोगों पर फोकस रहेगा जो अभी भी बैंकिंग सेक्टर का पूरी तरह से फायदा नहीं उठा पा रहे हैं। यानी लोन आदि की सुविधाएं ऐसे लोगों को आसानी से मिलेंगी।
तेल बिजनेस पहले जैसे फायदे वाला नहीं
अगर रिलायंस इंडस्ट्रीज के नतीजों को देखा जाय तो ऑयल बिजनेस अब पहले जैसे फायदे वाला नहीं दिख रहा है। रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड (आरआईएल) का चालू वित्त वर्ष की अप्रैल-जून तिमाही में शुद्ध लाभ तेल-पेट्रो रसायन कारोबार के फीके प्रदर्शन की वजह से 11 प्रतिशत घटकर 16,011 करोड़ रुपये रहा। कमाई गिरने की प्रमुख वजह कच्चे तेल की अंतरराष्ट्रीय स्तर पर 31 फीसदी कीमतें गिरना रहा है। न्यूज एजेंसी के अनुसार रिलायंस इंडस्ट्रीज की आय कम होने का मुख्य कारण कच्चे तेल के दाम में गिरावट और डीजल जैसे ईंधन पर मार्जिन में आई कमी है। पिछले साल की तुलना में इस साल की जून तिमाही में डीजल, पेट्रोल और विमान ईंधन (एटीएफ) पर रिफाइनिंग मार्जिन घट गया है।
नए बिजनेस में बच्चों का फोकस
मुकेश अंबानी की आगे की स्ट्रैटेजी क्या है, इसे इस बात से समझा जा सकता है कि उन्होंने अपने तीनों बच्चों न्यू एज बिजनेस की कमान सौंप दी है। जिससे फ्यूचर में उसे वह आगे बढ़ाए। आकाश अंबानी जहां Jio के जरिए टेलीकॉम सेक्टर पर फोकस कर रहे हैं। वहीं ईशा अंबानी रिटेल बिजनेस की कमान संभाल रही हैं। जबकि अनंत आबानी ने न्यू एनर्जी बिजनेस पर फोकस कर रहे हैं।
रिटेल और जियो ने कराई अच्छी कमाई
नए दूरसंचार ग्राहकों के जुड़ने और 5जी प्रौद्योगिकी अपनाने के अलावा प्रति ग्राहक औसत राजस्व (ARPU) के मजबूत रहने से रिलायंस जियो की आय बढ़ी है। इसी तरह रिलायंस रिटेल ने भी कोई त्योहारी मांग न होने के बावजूद बढ़िया प्रदर्शन किया है। इस अवधि में रिलायंस जियो इन्फोकॉम का शुद्ध लाभ पहली तिमाही में 12.5 प्रतिशत बढ़कर 5,098 करोड़ रुपये हो गया। उपभोक्ता आधार बढ़कर 44.85 करोड़ हो गया और एआरपीयू (प्रति उपभोक्ता औसत आय) भी मार्च तिमाही के 178.8 रुपये से बढ़कर 180.5 रुपये हो गया। वहीं रिटेल कारोबार से मुनाफा 19 प्रतिशत बढ़कर 2,448 करोड़ रुपये हो गया। इस दौरान रिलायंस रिटेल के स्टोर की संख्या 18,040 से बढ़कर 18,446 हो गई।
हालांकि अभी भी रिलायंस ग्रुप को 50 फीसदी से ज्यादा कमाई तेल और केमिकल बिजनेस से हो रही है। लेकिन रिटेल और टेलीकॉम, डिजिटल सेक्टर की हिस्सेदारी भी बढ़ती जा रही है। इन सेगमेंट की हिस्सेदारी कुल कमाई में 39 फीसदी पहुंच गई है।