RIL stock crash: Reliance के शेयरों में तगड़ी गिरावट! 52-Week Low पर पहुंचे, क्या अब और डूबेगा पैसा?
Reliance Industries (RIL) के शेयरों में 3% की गिरावट दर्ज की गई, जिससे यह 52-सप्ताह के निचले स्तर पर पहुंच गया। विदेशी निवेशकों की लगातार बिकवाली, वैश्विक मंदी की आशंका और कड़े मौद्रिक नीतियों के कारण RIL पर दबाव बढ़ रहा है। वहीं, Reliance New Energy Ltd (RNEL) पर सरकार 125 करोड़ रुपये का जुर्माना लगा सकती है।

Reliance Industries (RIL) के शेयरों में 3 की गिरावट, 52-हफ्तों के निचले स्तर पर पहुंचे।
- RIL शेयर 52-हफ्तों के निचले स्तर पर – पिछले 6 महीनों में 23% गिरावट, FII की बिकवाली से नुकसान।
- वैश्विक मंदी और कड़े आर्थिक फैसलों का असर – विदेशी निवेशकों का लगातार भारतीय बाजार से पैसा निकालना।
- RNEL पर 125 करोड़ का संभावित जुर्माना – बैटरी सेल प्लांट में देरी पर सरकार की सख्ती बढ़ी।
Reliance Industries share price: रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड (RIL) के शेयरों में सोमवार को 3% से अधिक की गिरावट दर्ज की गई। शेयर ₹1,163.70 के 52-सप्ताह के नए निचले स्तर तक गिर गए। सुबह 11:21 बजे, स्टॉक ₹1,160.95 पर कारोबार कर रहा था, जो 3.22% की गिरावट को दर्शाता है।
विदेशी संस्थागत निवेशकों (FII) की लगातार बिकवाली ने भारतीय शेयर बाजार पर दबाव बना दिया है। वैश्विक आर्थिक अनिश्चितताओं, कड़ी मौद्रिक नीतियों और मजबूत अमेरिकी डॉलर के कारण निवेशकों का भरोसा डगमगा रहा है।
रिलायंस के शेयरों में गिरावट के 3 कारण
- विदेशी निवेशकों की बिकवाली: भारतीय बाजार से बड़े पैमाने पर विदेशी निवेशकों की निकासी से RIL जैसे दिग्गज स्टॉक्स पर असर पड़ा है।
- वैश्विक मंदी की चिंता: वैश्विक आर्थिक सुस्ती और कमजोर मांग को लेकर कंपनी की आय पर दबाव बढ़ने की आशंका है।
- पिछले छह महीनों में 23% गिरावट: RIL के शेयर अपने ऑल-टाइम हाई (₹1,608.95) से 28% नीचे कारोबार कर रहे हैं।
RIL के निवेशकों को कब मिलेगी राहत?
निवेशक अब वैश्विक आर्थिक संकेतों, सरकारी नीतियों और आगामी तिमाही नतीजों पर नजर बनाए हुए हैं। यदि FII की बिकवाली धीमी होती है और मैक्रोइकॉनॉमिक स्थिति में सुधार होता है, तो RIL में रिकवरी की संभावना बन सकती है।
रिलायंस न्यू एनर्जी लिमिटेड (RNEL) पर 125 करोड़ रुपये का जुर्माना संभव!
ब्लूमबर्ग की रिपोर्ट के अनुसार, RIL की सहायक कंपनी रिलायंस न्यू एनर्जी लिमिटेड (RNEL) पर सरकार की उत्पादन-लिंक्ड प्रोत्साहन (PLI) योजना के तहत बैटरी सेल प्लांट स्थापित करने में विफल रहने पर $14 मिलियन (लगभग ₹125 करोड़) का जुर्माना लग सकता है।
RNEL ने 2022 में एक बोली जीती थी, जिसमें ₹18,100 करोड़ की सब्सिडी दी जानी थी। लेकिन प्रोजेक्ट की समय सीमा पूरी न करने पर कंपनी को अब भारी वित्तीय नुकसान उठाना पड़ सकता है।
रिलायंस इंडस्ट्रीज के शेयरों में लगातार गिरावट विदेशी निवेशकों की बिकवाली और वैश्विक मंदी की चिंताओं के कारण हो रही है। वहीं, RNEL पर संभावित जुर्माना कंपनी की चुनौतियों को और बढ़ा सकता है। निवेशकों को आगे की रणनीति बनाते समय आर्थिक सुधार और नीतिगत फैसलों पर ध्यान देना होगा।
डिस्क्लेमर : यहां शेयर बाजार में निवेश की सलाह नहीं दी गई है। इक्विटी मार्केट में जोखिम होता है, इसलिए निवेश अपने जोखिम पर करें। निवेश करने से पहले एक्सपर्ट की राय जरूर लें।
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आशीष कुमार कुशवाहा Timesnowhindi.com में बतौर सीनियर कॉपी एडिटर काम कर रहे हैं। वह 2023 से Timesnowhindi.com के साथ जुड़े हैं। वह यहां शेयर बाजार, ...और देखें

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