Reliance Infrastructure: अनिल अंबानी की कंपनी के शेयर में गिरावट, सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद रिलायंस इंफ्रास्ट्रक्चर का बुरा हाल

Reliance Infrastructure Share: सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर रिलायंस इंफ्रास्ट्रक्चर ने कहा कि उच्चतम न्यायालय के इस आदेश से उस पर कोई देनदारी नहीं बनती है क्योंकि डीएएमईपीएल एक अलग इकाई है और यह जिम्मेदारी उसी पर आती है। डीएमआरसी की तरफ से चुकाई गई राशि उसे नहीं मिली है और यह डीएएमईपीएल के खाते में गई है।

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रिलायंस इंफ्रास्ट्रक्चर

Reliance Infrastructure Share:अनिल अंबानी (Anil Ambani) की कंपनी रिलायंस इंफ्रास्ट्रक्चर (Reliance Infrastructure)की सफाई के बाद भी, कंपनी के शेयर में 12 अप्रैल को लगातार दूसरे कारोबारी सत्र में गिरावट आई। और लगातार दूसरे कारोबारी सत्र में शेयरप 20 फीसदी गिर गए। इससे पहले 10 अप्रैल को शेयर 20 प्रतिशत की गिरावट के साथ लोअर सर्किट में 227.40 रुपये पर बंद हुआ था। शुक्रवार सुबह शेयर बीएसई पर कंपनी के शेयर लाल निशान में 181.95 रुपये पर खुले और दिन के दौरान पिछले बंद भाव से 20 प्रतिशत तक नीचे आया और लोअर प्राइस बैंड को छूते हुए 181.95 रुपये पर आ गया । हालांकि बाद में शेयर रिकवर करते हुए दोपहर 3 बजे 13 फीसदी की गिरावट पर 198.35 पर ट्रेड कर रहा था।

सुप्रीम कोर्ट के एक आदेश से झटका

असल में बुधवार को सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली मेट्रो रेल कॉरपोरेशन (डीएमआरसी) को बड़ी राहत प्रदान करते हुए अपना ही पुराना फैसला रद्द कर दिया था। कोर्ट ने अनिल अंबानी की कंपनी को झटका देते हुए फैसला सुनाया और कहा कि सार्वजनिक क्षेत्र की उपक्रम कंपनी ‘दिल्ली एयरपोर्ट मेट्रो एक्सप्रेस प्राइवेट लिमिटेड’ 2017 के मध्यस्थता आदेश के अनुपालन में 8,000 करोड़ रुपये से अधिक का भुगतान करने के लिए बाध्य नहीं है। इसके पहले भारत के मुख्य न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली पीठ ने 2021 के फैसले के खिलाफ दाखिल दिल्ली मेट्रो रेल कॉरपोरेशन की सुधारात्मक याचिका को विचारार्थ स्वीकार कर लिया था। और कहा कि शीर्ष अदालत ने दिल्ली उच्च न्यायालय के फैसले को रद्द करने में गलती की।

इसके पहले मध्यस्थता न्यायालय ने दिल्ली एयरपोर्ट मेट्रो एक्सप्रेस प्राइवेट लिमिटेड (DAMEPL) के पक्ष में फैसला देते हुए दिल्ली मेट्रो रेल निगम (डीएमआरसी) को आदेश दिया था कि वह समझौता रद्द करने के एवज में उसे 8,000 करोड़ रुपये का मुआवजा दे।इस फैसले के बाद डीएमआरसी अब तक 3,300 करोड़ रुपये का भुगतान रिलायंस इन्फ्रास्ट्रक्चर को कर चुकी थी। डीएएमईपीएल रिलायंस इन्फ्रास्ट्रक्चर की सहायक कंपनी है।

फैसले के बाद रिलायंस इंफ्रा ने क्या कहा

इस फैसले पर कंपनी ने अपनी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि उच्चतम न्यायालय के इस आदेश से उस पर कोई देनदारी नहीं बनती है क्योंकि डीएएमईपीएल एक अलग इकाई है और यह जिम्मेदारी उसी पर आती है।

रिलायंस इन्फ्रास्ट्रक्चर ने शेयर बाजार को दी गई सूचना में कहा कि डीएमआरसी की तरफ से चुकाई गई राशि उसे नहीं मिली है और यह डीएएमईपीएल के खाते में गई है।दिल्ली एयरपोर्ट मेट्रो मार्ग पर परिचालन का जिम्मा डीएएमईपीएल को मिला था लेकिन इसने कुछ सुरक्षा एवं तकनीकी बिंदुओं का हवाला देते हुए खुद को मेट्रो परिचालन से अलग कर लिया था।

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