सुप्रीम कोर्ट के इस ऑर्डर से Jio-Airtel को लग सकता है झटका, देना पड़ेगा 14400 करोड़ का टैक्स !
Jio-Airtel May Need Pay Tax: ब्रोकरेज फर्म कोटक इंस्टीट्यूशनल इक्विटीज के अनुसार इस टैक्स डिमांड का इन कंपनियों पर बड़ा असर पड़ सकता है। इसका मानना है कि टैक्स अधिकारी जुर्माने के साथ इस अवधि के लिए टैक्स भुगतान में कमी की डिमांड कर सकते हैं।
जियो-एयरटेल को देना पड़ सकता है टैक्स!
- जियो-एयरटेल को भरना पड़ सकता है टैक्स
- हो सकती 14400 करोड़ की टैक्स डिमांड
- सुप्रीम कोर्ट के एक ऑर्डर का दिख सकता है असर
Jio-Airtel May Need Pay Tax: हाल ही में सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने टेलीकॉम सेक्टर (Telecom Sector) से जुड़ा एक फैसला सुनाया। फैसले में टेलीकॉम ऑपरेटरों द्वारा भुगतान की गई लाइसेंस फीस को "प्रकृति में पूंजी" (Capital In Nature) यानी कैपिटल एक्सपेंडिचर माना गया। उस फैसले के बाद अब कोटक इंस्टीट्यूशनल इक्विटीज का अनुमान है कि भारती एयरटेल (Bharti Airtel) और रिलायंस जियो (Reliance Jio) को 2020-23 के लिए कुल 14400 करोड़ रु की टैक्स डिमांड का सामना करना पड़ सकता है। इनमें एयरटेल का 6000 करोड़ रु और जियो का 8400 करोड़ रु टैक्स शामिल है।
ये भी पढ़ें - New Business Ideas: खिचड़ी से कमा लिए 50 करोड़ रु, पति-पत्नी ने लगाया प्यार का तड़का
संबंधित खबरें
जुर्माना भी भरना पड़ेगा
द हिंदू बिजनेस लाइन की एक रिपोर्ट के मुताबिक ब्रोकरेज फर्म कोटक इंस्टीट्यूशनल इक्विटीज के अनुसार इस टैक्स डिमांड का इन कंपनियों पर बड़ा असर पड़ सकता है। इसका मानना है कि टैक्स अधिकारी जुर्माने के साथ इस अवधि के लिए टैक्स भुगतान में कमी की डिमांड कर सकते हैं।
एनुअल लाइसेंस फीस को कैपिटल एक्सपेंडिचर माना जाए
सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को कहा कि 1999 की न्यू टेलीकॉम पॉलिसी के तहत एंट्री फीस के साथ-साथ वेरिएबल एनुअल लाइसेंस फीस के भुगतान को कैपिटल एक्सपेंडिचर माना जाना चाहिए और इसे आयकर अधिनियम की धारा 35एबीबी के तहत ट्रीट किया जाना चाहिए।
दिसंबर 2013 के अपने एक फैसले में दिल्ली हाई कोर्ट ने एनुअल लाइसेंस फीस को रेवेन्यू एक्सपेंडिचर माना था, मगर उस फैसले को सुप्रीम कोर्ट ने रद्द कर दिया।
कैसे मिलती है टैक्स छूट
फिलहाल टेलीकॉम कंपनियां लाइसेंस शुल्क को एक खर्च मानती हैं और इसलिए इस पर टैक्स छूट मिल जाती है। हालाँकि, सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद, लाइसेंस शुल्क को कैपिटल एक्सपेंडिचर माना जाएगा, जिसमें उस अवधि के लिए लाइसेंस शुल्क को वसूलने का प्रावधान होगा जिसके लिए लाइसेंस दिया गया था।
देश और दुनिया की ताजा ख़बरें (Hindi News) अब हिंदी में पढ़ें | बिजनेस (business News) की खबरों के लिए जुड़े रहे Timesnowhindi.com से | आज की ताजा खबरों (Latest Hindi News) के लिए Subscribe करें टाइम्स नाउ नवभारत YouTube चैनल
काशिद हुसैन अप्रैल 2023 से Timesnowhindi.Com (टाइम्स नाउ नवभारत) के साथ काम कर रहे हैं। यहां पर वे सीनियर कॉरेस्पोंडेंट हैं। टाइम्स नाउ नवभारत की ब...और देखें
जेएसडब्ल्यू समूह की अपनी वाहन कंपनी बनाने की तैयारी, 1 अरब डॉलर का निवेश
New Income Tax Bill: बजट सत्र में नया इनकम टैक्स बिल लाएगी मोदी सरकार! जानें क्या-क्या हो सकते हैं बदलाव
Jio Coin : क्या मुकेश अंबानी की RIL की क्रिप्टोकरेंसी में एंट्री? जियोकॉइन की चर्चा तेज, जानिए डिटेल
Budget Glossary: बजट 2025 से पहले जान लें ये 17 जरूरी शब्द, पड़ोसी से पूछने की नहीं पड़ेगी जरूरत
8th pay commission salary hike: सैलरी मैट्रिक्स के हिसाब से चपरासी से ऑफिसर तक कितना बढ़ सकता है वेतन? कैसे करें कैलकुलेट
© 2025 Bennett, Coleman & Company Limited