अगले महीने CNG-PNG गैस के घट सकते हैं दाम, रिलायंस के KG- D6 ब्लॉक से तय प्राइसिंग का होगा असर

Reliance KG- D6 Natural Gas Price: गैस के दाम बढ़ने से सीएनजी और पाइप के जरिये घरों में पहुंचने वाली रसोई गैस (पीएनजी) की दरें 70 प्रतिशत तक बढ़ी चुकी हैं। सरकार देश में उत्पादित प्राकृतिक गैस के दाम साल में दो बार तय करती है। प्राकृतिक गैस को सीएनजी और पीएनजी में बदला जाता है।

RELIANCE KG D6 CNG PNG

सीएनजी-पीएनजी पर दिखेगा असर

Reliance KG- D6 Natural Gas Price: रिलायंस इंडस्ट्रीज के केजी-डी6 से उत्पादित होने वाली प्राकृतिक गैस के दाम में अगले महीने से करीब 14 प्रतिशत की कटौती की जा सकती है। वैश्विक स्तर पर ईंधन कीमतों में कमी के बीच प्राकृतिक गैस के दाम घटने की उम्मीद है। एक अक्टूबर से शुरू छह महीने की अवधि के लिये गहरे समुद्री क्षेत्रों और उच्च दबाव तथा उच्च तापमान (एचपीटीपी) से उत्पादित गैस की कीमत घटाकर 10.4 डॉलर प्रति 10 लाख ब्रिटिश थर्मल यूनिट (प्रति इकाई) की जा सकती है। यह अभी 12.12 डॉलर प्रति इकाई है। सीएनजी का उपयोग वाहन ईंधन के रूप में, जबकि पीएनजी का उपयोग घरों में खाना पकाने में किया जाता है। इसके अलावा बिजली और उर्वरक उत्पादन में भी इसका इस्तेमाल होता है।

दो बार फिक्स होते हैं रेट

सरकार देश में उत्पादित प्राकृतिक गैस के दाम साल में दो बार तय करती है। प्राकृतिक गैस को सीएनजी और पीएनजी में बदला जाता है। गैस के दाम तय करने के लिये दो फॉर्मूले हैं। ऑयल एंड नैचुरल गैस कॉरपोरेशन (ओएनजीसी) और ऑयल इंडिया लि. (ओआईएल) से उत्पादित गैस तथा गहरे सागर जैसे कठिन क्षेत्रों में स्थित नये क्षेत्रों से उत्पादित गैस के लिये इन फॉर्मूलों का उपयोग किया जाता है।दरों का निर्धारण हर साल एक अप्रैल और एक अक्टूबर को किया जाता है।
इस साल अप्रैल में, पुराने क्षेत्रों से जुड़े फॉर्मूले में बदलाव किया गया। इसके तहत इसे मौजूदा ब्रेंट कच्चे तेल की कीमत के 10 प्रतिशत पर मानकीकृत किया गया। हालांकि, दर के लिये 6.5 डॉलर प्रति यूनिट की सीमा तय की गयी थी।पुराने क्षेत्रों की दरें अब मासिक आधार पर तय की जाती हैं। सितंबर महीने के लिये कीमत 8.60 डॉलर प्रति इकाई हो गई, लेकिन सीमा तय होने के कारण उत्पादकों को केवल 6.5 अमेरिकी डॉलर ही मिलेंगे।ब्रेंट कच्चे तेल का औसत भाव इस महीने करीब 94 डॉलर प्रति बैरल है। लेकिन सीमा तय होने से दर 6.5 डॉलर बनी रहेगी।

पुराने फॉर्मूले पर तय होंगे रेट

सूत्रों ने कहा कि कठिन क्षेत्र से उत्पादित गैस की कीमत के लिये पुराने फॉर्मूले का ही उपयोग किया जा रहा है। इसके तहत अंतरराष्ट्रीय एलएनजी की कीमतों का एक साल का औसत और कुछ वैश्विक गैस केंद्रों पर दरों को एक तिमाही के अंतराल के साथ लिया जाता है।उन्होंने कहा कि जुलाई, 2022 से जून, 2023 की संदर्भ अवधि में अंतरराष्ट्रीय कीमतों में गिरावट आई थी। इसीलिए कठिन क्षेत्रों से उत्पादित गैस के लिये कीमतें कम होंगी।एक अप्रैल से शुरू एक महीने की अवधि के लिये कठिन क्षेत्रों से उत्पादित गैस की कीमत घटाकर 12.12 अमेरिकी डॉलर प्रति इकाई कर दी गई, जो पहले रिकॉर्ड 12.46 डॉलर थी।
70 फीसदी तक बढ़े दाम
रूस-यूक्रेन युद्ध के कारण वैश्विक बाजारों में ईंधन के दाम मजबूत हुए थे। इससे अक्टूबर, 2022 से मार्च, 2023 के बीच देश में पुराने क्षेत्रों से उत्पादित गैस के दाम भी चढ़कर रिकॉर्ड 8.57 डॉलर पर पहुंच गये। वहीं कठिन क्षेत्रों से उत्पादित गैस की कीमत 12.46 डॉलर हो गयी।पुराने फॉर्मूले के आधार पर एक अप्रैल से पुराने क्षेत्रों से उत्पादित गैस के दाम बढ़कर 10.7 डॉलर प्रति इकाई किए जाने थे, लेकिन सरकार ने कीमतों को काबू में रखने के लिये फॉर्मूले में बदलाव किया और दाम को लेकर सीमा तय कर दी।पूर्व में गैस के दाम बढ़ने से सीएनजी और पाइप के जरिये घरों में पहुंचने वाली रसोई गैस (पीएनजी) की दरें 70 प्रतिशत तक बढ़ी थीं।
देश और दुनिया की ताजा ख़बरें (Hindi News) अब हिंदी में पढ़ें | बिजनेस (business News) की खबरों के लिए जुड़े रहे Timesnowhindi.com से | आज की ताजा खबरों (Latest Hindi News) के लिए Subscribe करें टाइम्स नाउ नवभारत YouTube चैनल

लेटेस्ट न्यूज

    TNN बिजनेस डेस्क author

    TNN बिजनेस डेस्कऔर देखें

    End of Article

    © 2024 Bennett, Coleman & Company Limited