रेरा की यूपी सरकार से सिफारिश, 45 हजार होमबायर्स को राहत देने के लिए डेवलपर्स के खिलाफ अनपेड ड्यूज से हटाएं पेनल्टी

Real Estate Regulatory Authority: उत्तर प्रदेश रियल एस्टेट रेगुलेटरी अथॉरिटी (UP-RERA) ने राज्य सरकार से नोएडा और ग्रेटर नोएडा में डेवलपर्स के खिलाफ अनपेड ड्यूज राशि और 45,000 से ज्यादा आवास इकाइयों के पंजीकरण की अनुमति देने के लिए पेनल्टी को हटाने की सिफारिश की है।

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बिना रजिस्ट्री के ही कब्जा पा चुके हैं 45,000 यूनिट्स के मालिक

Real Estate Regulatory Authority: उत्तर प्रदेश रियल एस्टेट रेगुलेटरी अथॉरिटी (UP-RERA) ने राज्य सरकार से नोएडा और ग्रेटर नोएडा में डेवलपर्स के खिलाफ अनपेड ड्यूज राशि और 45,000 से ज्यादा आवास इकाइयों के पंजीकरण की अनुमति देने के लिए पेनल्टी को हटाने की सिफारिश की है। नोएडा और ग्रेटर नोएडा अथॉरिटी के अनुमान के मुताबिक डेवलपर्स के पास करीब 39,000 करोड़ रुपये का बकाया है। अथॉरिटीज ने पूरे हो चुके प्रोजेक्ट्स के लिए ऑक्यूपेंसी सर्टिफिकेट (Occupancy Certificates) जारी नहीं किया है, जब तक कि डेवलपर्स अपनी बकाया राशि का भुगतान नहीं करते।

नोएडा-ग्रेटर नोएडा के 1,65,000 होमबायर्स को मिलेगी राहत

यूपी-रेरा के अध्यक्ष राजीव कुमार ने मनीकंट्रोल के साथ बातचीत करते हुए कहा, “हमने राज्य सरकार को RERA अधिनियम की धारा 32 के तहत सिफारिशें की हैं और नो-ड्यूज सर्टिफिकेट से रजिस्ट्री को डीलिंक करने का सुझाव दिया है क्योंकि रियल एस्टेट डेवलपर्स को वित्तीय संकट का सामना करना पड़ रहा है। ये उन 1,65,000 होमबायर्स की समस्याओं का समाधान करने में मदद कर सकता है जो काफी लंबे समय से इंतजार कर रहे हैं।''

गारंटी के रूप में डेवलपर्स की पर्सनल प्रॉपर्टीज को गिरवी रखने का सुझाव

राजीव कुमार ने आगे कहा, ''हमने राज्य सरकार को ये भी सुझाव दिया है कि अधिकारी गारंटी के रूप में डेवलपर्स की पर्सनल ऐसेट्स और प्रॉपर्टीज को गिरवी रख सकते हैं ताकि गतिरोध को हल किया जा सके और खरीदारों को उनके घर मिल सकें।”

क्या है धारा 32

बताते चलें कि रियल एस्टेट नियामक के पास धारा 32 के रूप में एक हेल्दी, ट्रांसपैरेंट, एफिशिएंट और कॉम्पिटीटिव रियल एस्टेट सेक्टर के ग्रोथ और प्रोमोशन को सुविधाजनक बनाने के साथ-साथ आवंटियों, प्रमोटरों और रियल एस्टेट के एजेंट्स के हितों की रक्षा के लिए एक शक्ति है, जिसके तहत सरकार को सिफारिशें की जा सकती हैं।

बिना रजिस्ट्री और बिना कब्जे वाले 1,25,000 यूनिट्स

सर्वे में मालूम चला कि 45,000 यूनिट्स ऐसे हैं जिनमें खरीदारों के पास बिना रजिस्ट्री के ही कब्जा है और 1,25,000 यूनिट्स ऐसे हैं जहां न तो कब्जा है और न ही रजिस्ट्री हुई है। ये यूनिट्स पूरी तरह से तैयारी होने की स्थिति में हैं। यूपी-रेरा ने ये भी कहा है कि SWAMIH (स्पेशल विंडो फॉर अफोर्डेबल एंड मिड-इनकम हाउसिंग) फंड से पूरे किए जा रहे प्रोजेक्ट्स पर कठोर निर्णय नहीं लिया जाना चाहिए।

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    सुनील चौरसिया author

    मैं सुनील चौरसिया,. मऊ (उत्तर प्रदेश) का रहने वाला हूं और अभी दिल्ली में रहता हूं। मैं टाइम्स नाउ नवभारत में बिजनेस, यूटिलिटी और पर्सनल फाइनेंस पर...और देखें

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