New FDI Rules: रिजर्व बैंक ने FPI को FDI में कैटेगराइज करने के लिए जारी किया फ्रेमवर्क, जान लीजिए नियम

New FDI Rules: आरबीआई ने एफपीआई द्वारा विदेशी पोर्टफोलियो निवेश को एफडीआई में रीक्लासिफाइड करने के लिए एक ऑपरेशनल फ्रेमवर्क जारी किया है। इस फ्रेमवर्क के अनुसार, संबंधित एफपीआई को सरकार से जरूरी मंजूरी और संबंधित भारतीय निवेशकर्ता कंपनी की सहमति लेनी होगी।

FDI पर आए नए नियम

मुख्य बातें
  • FDI पर आए नए नियम
  • रिजर्व बैंक ने जारी किया फ्रेमवर्क
  • तत्काल प्रभाव से लागू होंगे नियम

New FDI Rules: भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (एफपीआई) के निवेश को लेकर एक ऑपरेशनल फ्रेमवर्क जारी की है। इसके तहत यदि किसी यूनिट का निवेश निर्धारित सीमा से अधिक होता है, तो उसे प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) की कैटेगरी में डाला जाएगा। विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों द्वारा वर्तमान में अपने निवेशक समूह (एफपीआई) के साथ किया गया निवेश कुल पेड-अप इक्विटी कैपिटल (कंपनी के विभिन्न विकल्पों में मौजूद सभी शेयरों सहित) के 10 प्रतिशत से कम होना चाहिए।

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तय सीमा का उल्लंघन कर निवेश करने वाले किसी भी एफपीआई के पास उल्लंघन करने वाले लेनदेन के निपटान की तारीख से पांच कारोबारी दिन के भीतर भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) और भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) द्वारा तय शर्तों के अधीन अपनी हिस्सेदारी को बेचने या ऐसी हिस्सेदारी को एफडीआई के रूप में रीक्लासिफाइड करने का ऑप्शन है।

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