RBI गवर्नर का बड़ा बयान, कहा- क्रिप्टोकरेंसी बनेगी अगले फाइनेंशियल क्राइसिस की वजह
Cryptocurrency: क्रिप्टोकरेंसी पर भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास ने बड़ा बयान दिया है। क्रिप्टोकरेंसी को रोकना बेहद अहम है वरना यह अगले फाइनेंशियल क्राइसिस की वजह बन सकती है।
क्रिप्टोकरेंसी बनेगी अगले फाइनेंशियल क्राइसिस की वजह: RBI गवर्नर
मुख्य बातें
- हर कोई महंगाई को नीचे लाना चाहता है: शक्तिकांत दास।
- दास ने पहले कहा था कि RBI की मुद्रास्फीति पर 'अर्जुन की आंख' की तरह नजर है।
- नवंबर में 10 महीने बाद महंगाई पहली बार छह फीसदी के संतोषजनक स्तर से नीचे आई।
नई दिल्ली। भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के गवर्नर शक्तिकांत दास (Shaktikanta Das) ने बुधवार को अगले वित्तीय संकट पर अपने विचार शेयर किए। उन्होंने कहा कि प्राइवेट क्रिप्टोकरेंसी (Cryptocurrency) की वजह से अगला वित्तीय संकट आ सकता है। आरबीआई गवर्नर ने प्राइवेट क्रिप्टो को इसका दोषी ठहराया। ऐसा इसलिए क्योंकि उनसे मैक्रो इकोनॉमिक और वित्तीय स्थिरता के लिए जोखिम पैदा होता है।
सुरक्षित नहीं हैं क्रिप्टोकरेंसी
बिजनेस स्टैंडर्ड BFSI इनसाइट समिट में दास ने दिवालिया क्रिप्टो एक्सचेंज एफटीएक्स (FTX) का उदाहरण भी दिया। एफटीएक्स के पूर्व सीईओ सैम बैंकमैन- फ्राइड को पिछले हफ्ते बहामास में उनके पेंटहाउस से गिरफ्तार किया गया था। बैंकमैन- फ्राइड पर अमेरिकी अधिकारियों द्वारा इक्विटी निवेशकों को धोखा देने का आरोप लगाया गया है। शक्तिकांत दास के अनुसार प्राइवेट क्रिप्टोकरेंसी असुरक्षित हैं। उन्होंने जोर देकर कहा कि क्रिप्टोकरेंसी पर प्रतिबंध लगाया जाना चाहिए क्योंकि अगला वित्तीय संकट प्राइवेट क्रिप्टोकरेंसी से आएगा।
महंगाई पर काबू के लिए सरकार भी गंभीर
शक्तिकांत दास ने बुधवार को कहा कि महंगाई पर काबू के लिए केंद्र सरकार और केंद्रीय बैंक द्वारा समन्वित रुख अख्तियार किया जा रहा है। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि मुद्रास्फीति को लेकर रिजर्व बैंक के साथ सरकार भी समान रूप से गंभीर है। रिजर्व बैंक कुछ सप्ताह पहले ही सरकार को लिखित रूप से मुद्रास्फीति को संतोषजनक दायरे में लाने से चूकने की वजह बताई है। इसके बाद अब गवर्नर का यह बयान आया है।
समिट को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि मैं कहूंगा कि रिजर्व बैंक ने महंगाई के मोर्चे पर नीतिगत दर, मौद्रिक समीक्षा और तरलता जैसे उपाय किए हैं वहीं सरकार ने आपूर्ति पक्ष के कदम उठाए हैं। इनमें पेट्रोल और डीजल पर करों में कटौती, आयातित खाद्य सामान पर शुल्कों में कटौती जैसे कदम शामिल हैं। उन्होंने कहा कि सरकार भी महंगाई को लेकर समान रूप से गंभीर है।
(एजेंसी इनपुट्स के साथ)
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