RBI Monetary Policy September 2022: त्योहारी सीजन से पहले बड़ा झटका, दोबारा बढ़ेगी लोन की EMI!

RBI Monetary Policy Meeting 2022 Announcements: भारतीय रिजर्व बैंक की छह सदस्यी मौद्रिक सीमिति की बैठक शुक्रवार को समाप्त हो गई है। इसमें महंगाई, अर्थव्यवस्था और रेपो रेट सहित कई अहम मुद्दों पर चर्चा हुई।

मुख्य बातें
  • सिर्फ भारत ही नहीं, बल्कि कई देश महंगाई का सामना कर रहे हैं।
  • सरकार और RBI महंगाई को कंट्रोल करने की कोशिश कर रहे हैं।
  • हाल ही में अमेरिका के केंद्रीय बैंक ने भी ब्याज दर में इजाफा किया था।
RBI Monetary Policy September 2022 Announcement: 28 सितंबर 2022 को शुरू हुई भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) की मौद्रिक नीति समिति (MPC) की तीन दिन की बैठक अब समाप्त हो गई है। यह मीटिंग रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया के गवर्नर शक्तिकांत दास (Shaktikanta Das) की अध्यक्षता में हुई, जिसमें कई अहम निर्णय लिए गए। रेपो रेट, महंगाई और आर्थिक वृद्धि पर चर्चा हुई। केंद्रीय बैंक ने रेपो रेट (Repo Rate) को फिर से बढ़ाने का निर्णय लिया है। रेपो रेट को 50 बीपीएस बढ़ाकर 5.90 फीसदी कर दिया गया है। स्थायी जमा सुविधा यानी SDF को 5.15 फीसदी से बढ़ाकर 5.65 फीसदी कर दिया गया है। इनके अलावा एमएसएफ रेट और बैंक रेट 6.15 फीसदी हो गई है।
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चालू वित्तीय वर्ष 2022-23 के लिए केंद्रीय बैंक ने सकल घरेलू उत्पाद (GDP) के अनुमान को 7.2 फीसदी से घटाकर 7 फीसदी कर दिया है। दूसरी तिमाही में यह 6.3 फीसदी, तीसरी तिमाही में 4.6 फीसदी और चौथी तिमाही में यह 4.6 फीसदी रह सकती है। इसके अलावा अगले वित्त वर्ष, 2023-24 की पहली तिमाही में वास्तविक जीडीपी 7.2 फीसदी पर रहने का अनुमान लगाया गया है।
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