महंगाई पर राहत: मार्च में 5.66 फीसदी पर आई,जारी रह सकता है ब्याज दरों की बढ़ोतरी पर ब्रेक

CPI Inflation: मार्च के महीने में ग्रामीण इलाके में शहरों की तुलना में कम महंगाई रही है। इस दौरान गांवों में महंगाई दर 5.51 फीसदी और शहरी इलाकों में 5.89 फीसदी थी। महंगाई कम होने की प्रमुख वजह खाने के तेल , सब्जियों , मांस-मछली आदि की कीमतों में कमी आना है।

मार्च में महंगाई घटी

CPI Inflation: महंगाई पर अच्छी खबर है। मार्च के महीने में रिटेल महंगाई दर गिरकर 5.66 फीसदी पर आ गई है। जो कि दिसंबर 2021 के बाद का सबसे निचला स्तर है। इसके पहले फरवरी में रिटेल महंगाई दर 6.44 फीसदी पर थी। मार्च में महंगाई के आंकड़ों में कमी आने से इस बात की उम्मीद बढ़ गई है कि भारतीय रिजर्व बैंक ब्याज दरों में बढ़ोतरी पर लगे ब्रेक को बरकरार रख सकता है। क्योंकि मार्च की महंगाई दर आरबीआई के सामान्य स्तर 6 फीसदी से कम है। ऐसे में वह मई में आनी वाली मौद्रिक नीति में मार्च के नजरिए को बरकार रख सकता है। बीते 6 मार्च को आरबीआई ने करीब एक साल बाद ब्याज लगातार बढ़ रही ब्याज दरों (रेपो रेट) पर ब्रेक लगाते हुए Status quo का फैसला किया था।

गांवों में महंगाई कम

MOSPI द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार मार्च के महीने में ग्रामीण इलाके में शहरों की तुलना में कम महंगाई रही है। इस दौरान गांवों में महंगाई दर 5.51 फीसदी और शहरी इलाकों में 5.89 फीसदी थी। मार्च के आंकड़ों की अहम बात यह है कि महंगाई न केवल फरवरी की तुलना में कम हुई है। जबकि मार्च के महीने में शहरों की तुलना में ग्रामीण इलाकों में महंगाई घटी है। जबकि फरवरी में गावों में शहरों की तुलना में महंगाई ज्यादा थी। इसका असर ग्रामीण इलाकों में मांग बढ़ने के रूप में दिख सकता है। जिसका फायदा इकोनॉमी को मिलेगा।

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