Revenue Growth: मार्च तिमाही में धीमी होगी कंपनियों की रेवेन्यू ग्रोथ ! CRISIL के मुताबिक ढाई साल में रहेगी सबसे कम
Revenue Growth: शहरी क्षेत्रों में अच्छी मांग रहने से संगठित रिटेल सेक्टर में लगातार 13वीं तिमाही में वृद्धि हुई है। एयरलाइंस और होटल जैसी डिस्क्रिशनरी सर्विसेज को एमआईसीई (मीटिंग, इंसेंटिव, कॉन्फ्रेंस और एग्जिबिशंस), शादियों और कॉरपोरेट यात्रा में उछाल से फायदा हुआ।

भारतीय कंपनियों की रेवेन्यू ग्रोथ
- धीमी रहेगी कंपनियों की रेवेन्यू ग्रोथ
- मार्च तिमाही के लिए CRISIL का अनुमान
- नई रिपोर्ट में किया जिक्र
Revenue Growth: 2024 की जनवरी-मार्च तिमाही में घरेलू कंपनियों की रेवेन्यू ग्रोथ रेट 4-6 प्रतिशत तक सीमित रह सकती है जो कोविड महामारी के बाद की सबसे धीमी दर होगी। क्रेडिट एसेसमेंट एंड एनालिसिस से जुड़ी क्रिसिल की एक रिपोर्ट में यह दावा किया गया है। यह रिपोर्ट 350 कंपनियों के एनालिसिस पर आधारित है। हालांकि इसमें फाइनेंशियल सर्विसेज और तेल-गैस सेक्टर की कंपनियों को शामिल नहीं किया गया है। रिपोर्ट के मुताबिक पिछले वर्षों में रेवेन्यू में मजबूत वृद्धि के बाद यह नरमी आई है। कोविड महामारी के बाद सितंबर, 2021 में इकोनॉमिक रिवाइवल का सिलसिला शुरू होने के बाद से लगातार तेजी ही देखी जा रही थी।
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किसका रहेगा सबसे अच्छा परफॉर्मेंस
रिपोर्ट के मुताबिक क्रिसिल की निगरानी में शामिल 47 सेक्टरों में से केवल 12 सेक्टरों के मार्च तिमाही में तिमाही और सालाना आधार पर रेवेन्यू ग्रोथ में सुधार की उम्मीद है। कंज्यूमर डिस्क्रिशनरी प्रोडक्ट्स और सर्विसेज का प्रदर्शन सबसे अच्छा रहने की उम्मीद है। डिस्क्रिशनरी प्रोडक्ट्स के बीच पिछले वर्ष में अधिक मात्रा और कीमतों में बढ़ोतरी के कारण पैसेंजर व्हीकल में अच्छी वृद्धि से ऑटो सेक्टर को मजबूती मिली।
एयरलाइंस और होटल को फायदा
रिपोर्ट में कहा गया है कि शहरी क्षेत्रों में अच्छी मांग रहने से संगठित रिटेल सेक्टर में लगातार 13वीं तिमाही में वृद्धि हुई है। एयरलाइंस और होटल जैसी डिस्क्रिशनरी सर्विसेज को एमआईसीई (मीटिंग, इंसेंटिव, कॉन्फ्रेंस और एग्जिबिशंस), शादियों और कॉरपोरेट यात्रा में उछाल से फायदा हुआ।
कंस्ट्रक्शन सेक्टर का परफॉर्मेंस
कंस्ट्रक्शन सेक्टर से जुड़े सेक्टरों की रेवेन्यू ग्रोथ में धीमी रफ्तार की आशंका है। इसकी वजह हाई कम्पैरेटिव बेस होना है। वित्त वर्ष 2022-23 की मार्च तिमाही में कंस्ट्रक्शन कंपनियों ने अपना उच्चतम तिमाही रेवेन्यू हासिल किया था।
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