होम लोन लेने से पहले LTV को जान लें, ब्याज दरों से लेकर अमाउंट पर सीधा होता है असर

Role Of LTV While Taking Home Loan: घर खरीदने की इच्छा रखने वाले व्यक्ति को बजट, प्रोपर्टी की कीमत, होम लोन ब्याज दर, अवधि, रिपेमेंट आदि सहित कई फैक्टर्स पर विचार करना पड़ता है। लेकिन, अक्सर वे यह तय नहीं कर पाते हैं कि जब वे होम लोन के लिए आवेदन करेंगे तो उन्हें कितनी लोन राशि मिलेगी।

Home loan And LTV

घर लेते समय हमेशा रखें ये ध्यान

Role Of LTV While Taking Home Loan:होम लोन लेने की प्रक्रिया में एलटीवी एक महत्वपूर्ण फैक्टर होता है। इससे वह राशि तय की जाती है, जो आप लोन के तौर पर ले सकते हैं, जिससे आपकी डाउन पेमेंट, ब्याज की दरें, और प्रोपर्टी की पसंद प्रभावित होती हैं। घर खरीदने वाले व्यक्ति के तौर पर, एलटीवी रेशो तथा इससे जुड़ी बातों को समझना बहुत ज़रूरी होता है, क्योंकि इससे ड्रीम होम खरीदने की आपकी योग्यता और घर के मालिक बनने की कुल लागत पर गहरा असर पड़ सकता है। अलग-अलग बैंक और फाइनेंस कंपनियों द्वारा ऑफर किए जाने वाले एलटीवी रेशो की तुलना करें और उस उधारदाता को चुनें जो आपके फाईनेंशियल लक्ष्यों और रिपेमेंट प्लान के साथ मेल करता है।

कैसे तय करें होम लोन अमाउंट

भविष्य में घर खरीदने की इच्छा रखने वाले व्यक्ति को बजट, प्रोपर्टी की कीमत, होम लोन ब्याज दर, अवधि, रिपेमेंट आदि सहित कई फैक्टर्स पर विचार करना पड़ता है। लेकिन, अक्सर वे यह तय नहीं कर पाते हैं कि जब वे होम लोन के लिए आवेदन करेंगे तो उन्हें कितनी लोन राशि प्राप्त होगी? ऐसे कई फैक्टर्स हैं जिनके आधार पर होम लोन प्रदान की जाने की राशि तय की जाती है, जो आपकी आमदनी, एलिजिबिलिटी, क्रेडिट स्कोर और मौजूदा कर्ज पर आधारित होते हैं। होम लोन पाने की संभावना को तय करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाला एक ज़रूरी फैक्टर लोन-टू-वैल्यू (एलटीवी) रेशियो होता है।

एलटीवी का ब्याज पर सीधा असर

हैप्पी होमबॉयर्स’ रिपोर्ट में यह समझाया गया है कि एलटीवी एक बहुत महत्वपूर्ण फाईनेंशियल मैट्रिक होता है जिसका प्रयोग होम लोन के मामले में मोर्टगेज से जुड़े जोखिम का असेसमेंट करने के लिए किया जाता है। उदाहरण के लिए, यदि आप 50 लाख रुपये की कीमत वाले घर के लिए 40 लाख रुपये का लोन लेते हैं, तो आपका एलटीवी रेशो 80% है। एलटीवी को आरबीआई के नियमों द्वारा तय किया जाता है। 30 लाख रुपये से कम की वैल्यू वाली प्रोपर्टीज़ के लिए, आप 90% तक उधार ले सकते हैं। लेकिन 75 लाख रुपये से अधिक की उच्च-वैल्यू वाली प्रोपर्टीज़ के लिए, आप 75% से अधिक उधार नहीं ले सकते हैं। इस गाइडेंस से आपकी फाईनेशियल प्लानिंग तय होती है क्योंकि नियमों के तहत आपको घर खरीदने के लिए एक हिस्से का भुगतान अपनी जेब से करना होता है।

लोअर एलटीवी, जिसे अक्सर बड़ी डाउन पेमेंट से पाया जाता है, इसके कारण फेवरेबल ब्याज दर तथा लोन टर्म्स प्राप्त की जा सकती हैं, जबकि उच्च एलटीवी के कारण उच्च ब्याज दरें, मोर्टगेज बीमा जरूरतें, या यहां तक कि लोन से इंकार किया जा सकता है।

इन फैक्टर को न करें नजरअंदाज

घर खरीदते समय एलटीवी रेशियो का सीधा असर डाउन पेमेंट राशि पर पड़ता है। प्रोपर्टी की कीमत के 80% से 90% तक फाईनेंस करना उदारदाता के लिए आम बात है। यदि एलटीवी रेशो उच्च है, तो इसके मायने हैं कि आप कम डाउनपेमेंट के साथ होम लोन ले सकते हैं, जिसके कारण घर खरीदना अधिक आसान हो जाता है।

एलटीवी रेशियो आपकी प्रोपर्टी की पसंद को प्रभावित कर सकता है। यदि डाउन पेमेंट के लिए आपका बजट लिमिटेड है, तो आपको उन प्रोपर्टीज पर ध्यान देना होगा जो उधारकर्ता की अनुमति के अनुसार फाईनेंसिंग रेंज में आती हैं। कभी-कभी इसके कारण आपके विकल्प सीमित हो सकते हैं, खास तौर पर उच्च कीमत वाले क्षेत्रों के लिए ऐसा हो सकता है।

एलटीवी रेशियो से आपके लिए उपलब्ध मैक्सिमम लोन अवधि भी प्रभावित हो सकती है। यदि आप उच्च एलटीवी रेशियो का विकल्प चुनते हैं, तो उधारदाता, जोखिम को कम करने के लिए छोटी लोन अवधि ऑफर कर सकते हैं। इसके उलट, निम्न एलटीवी रेशो से आपको लंबी लोन अवधि को चुनने में सहायता मिल सकती है, जिससे आपकी मासिक ईएमआई भुगतान राशि कम हो सकती है।

लेखक आदिल शेट्टी BankBazaar.com के सीईओ हैं

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