सहारा के फंड को अपने कब्जे में ले सकती है सरकार, जानें प्लानिंग और कैसे निवेशकों को मिलेगा वापस
Sahara Refund Amount: इस समय यह पैसा सहारा के निवेशकों को लौटाने के लिए बैंकों में खोले गए स्पेशल अकाउंट में पड़ा है। और पिछले 11 साल में अभी पात्र निवेशक नहीं मिलने के कारण पूरा पैसा वापस लौटाया नहीं जा सका है। इस बीच सुब्रत रॉय सहारा के निधन के बाद केंद्र सरकार इस पैसे को भारत सरकार के संचित निधि में जमा करा सकती है।
सहारा पर सरकार लेगी बड़ा फैसला !
क्या प्लानिंग
इकोनॉमिक्स टाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार सरकार सहारा की बेनामी पड़े रकम को संचित निधि (Consolidated Fund Of India) में जमा करने का रास्ता तलाश रही है। इसके लिए वह सभी कानूनी प्रावधानों पर विचार कर रही है। जिसके आधार पर सरकार फैसला लेगी। असल में पिछले 11 साल से 25 हजार करोड़ रुपये से ज्यादा की रकम के दावेदार अभी तक बहुत कम आए है। इसे देखते हुए सरकार इसे संचित निधि में लेना चाहती है। जिसके बाद अगर पात्र लोगों को उनका पैसा वापस देने के बाद रकम बचती है, तो वह उस पैसे का अस्तमाल आने वाले दिनों में गरीब कल्याण योजनाओं के लिए कर सकती है।
सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में वापस हो रहा है पैसा
सेबी ने 2011 में सहारा समूह की दो कंपनियों सहारा इंडिया रियल एस्टेट कॉर्पोरेशन लिमिटेड (एसआईआरईएल) और सहारा हाउसिंग इन्वेस्टमेंट कॉर्पोरेशन लिमिटेड (एसएचआईसीएल) को वैकल्पिक रूप से पूर्ण परिवर्तनीय बांड (ओएफसीडी) के रूप में पहचाने जाने वाले कुछ बांडों के जरिए करीब तीन करोड़ निवेशकों से जुटाए गए धन को वापस करने का आदेश दिया था।नियामक ने आदेश में कहा था कि दोनों कंपनियों ने उसके नियमों और विनियमों का उल्लंघन करके धन जुटाया था।
लंबी कानूनी लड़ाई के बाद उच्चतम न्यायालय ने 31 अगस्त 2012 को सेबी के निर्देशों को बरकरार रखा और दोनों कंपनियों को निवेशकों से एकत्र धन 15 प्रतिशत ब्याज के साथ वापस करने को कहा था।इसके बाद सहारा को निवेशकों को धन लौटाने के लिए सेबी के पास अनुमानित 24,000 करोड़ रुपये जमा करने को कहा गया। हालांकि समूह लगातार यह कहता रहा कि उसने पहले ही 95 प्रतिशत से अधिक निवेशकों को प्रत्यक्ष रूप से भुगतान कर दिया है।पूंजी बाजार नियामक की नवीनतम वार्षिक रिपोर्ट के अनुसार, भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) ने सहारा समूह की दो कंपनियों के निवेशकों को 11 वर्षों में 138.07 करोड़ रुपये वापस किए।
कहां हैं निवेशक
इस बीच सुब्रत रॉय सहारा के निधन के बाद सेबी अध्यक्ष माधबी पुरी बुच ने बीते गुरूवार को कहा था कि सुब्रत रॉय के निधन के बाद भी पूंजी बाजार नियामक समूह के खिलाफ मामला जारी रखेगा।सहारा समूह के संस्थापक सुब्रत रॉय का 75 वर्ष की उम्र में मंगलवार को निधन हो गया था।फिक्की के एक कार्यक्रम से इतर बुच ने पत्रकारों से बात करते हुए कहा कि सेबी के लिए यह मामला एक इकाई के आचरण से जुड़ा है और यह जारी रहेगा चाहे कोई व्यक्ति जीवित हो या नहीं।
रिफंड बेहद कम होने के सवाल पर बुच ने कहा कि पैसा निवेशकों द्वारा किए गए दावों के सबूत के आधार पर उच्चतम न्यायालय द्वारा नियुक्त समिति के जरिए वापस किया गया है।निवेशकों को केवल 138 करोड़ रुपये का रिफंड किया गया है, जबकि सहारा समूह को निवेशकों को रिफंड के लिए सेबी के पास 24,000 करोड़ रुपये से अधिक जमा करने के लिए कहा गया था।इस बीच पुनर्भुगतान के लिए विशेष रूप से खोले गए बैंक खातों में जमा राशि बढ़कर 25,000 करोड़ रुपये से अधिक हो गई है।
कितने लोगों ने किया आवेदन
वार्षिक रिपोर्ट के अनुसार, सेबी को 31 मार्च, 2023 तक 53,687 खातों से जुड़े 19,650 आवेदन प्राप्त हुए। इनमें से 48,326 खातों से जुड़े 17,526 आवेदनों के लिए 138.07 करोड़ रुपये की कुल राशि लौटाई गई, जिसमें 67.98 करोड़ रुपये की ब्याज राशि भी शामिल है।शेष आवेदन सहारा समूह की दोनों कंपनियों द्वारा उपलब्ध कराई जानकारी के जरिए उनका कोई पता नहीं लग पाने के कारण बंद कर दिए गए।सेबी ने आखिरी अद्यतन जानकारी में 31 मार्च 2022 तक 17,526 आवेदनों से संबंधित कुल राशि 138 करोड़ रुपये बताई थी।सेबी के अनुसार, 31 मार्च 2023 तक राष्ट्रीयकृत बैंकों में जमा कुल राशि करीब 25,163 करोड़ रुपये है।
रिफंड पोर्टल से 5000 करोड़ का भुगतान
इस बीच केंद्र सरकार ने सहारा रिफंड पोर्टल लांच किया है। जिस पर आवेदन करने के बाद सरकार सुप्रीम कोर्ट के आदेश के अनुसार करीब 5000 करोड़ रुपये की रकम रिफंड कर रही है। इसके तहत अधिकतम 10 हजार रुपये की रकम वापस की जा रही है। बाकी रकम कब वापस होगी, इस बारे में अभी कोई आधिकारिक सूचना नहीं है। सरकार का कहना है कि वह धीरे-धीरे सभी पात्र लोगों की जमा रकम वापस करेगी।
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