साइकिल से 1500 रुपये में शुरू किया ये बिजनेस, आज करोड़ों की मालकिन
Business Story Of Sangeeta Pandey: गोरखपुर की संगीता पांडेय ने ऊंची उड़ान की एक नई इबारत लिखी है। आर्थिक तंगी के बाद भी महज 1500 रुपये लेकर साइकिल से शुरू किये गये कारोबार को तीन करोड़ रुपये के पार पहुंचा दिया है।
संगीता पांडेय
Business Story Of Sangeeta Pandey: गोरखपुर की संगीता पांडेय ने ऊंची उड़ान की एक नई इबारत लिखी है। आर्थिक तंगी के बाद भी महज 1500 रुपये लेकर साइकिल से शुरू किये गये कारोबार को तीन करोड़ रुपये के पार पहुंचा दिया है। संगीता ने शुरूआत में अपने नौ महीने के बच्चे का पालन पोषण करते हुए ये संघर्ष किया है। ये बात करीब 10 साल पुरानी है। घर के हालत बहुत अच्छे नहीं थे। गोरखपुर विश्वविद्यालय से ग्रेजुएशन करने वाली संगीता ने सोचा किसी काम के जरिए एक्सट्रा इनकम का जरिया बनाते हैं। पति संजय पांडेय इस पर राजी हो गये। इस क्रम में वह एक संस्था में गईं। चार हजार रुपये महीने का वेतन तय हुआ।
दूसरे दिन वह अपने नौ माह की बेटी के साथ काम पर गईं तो कुछ लोगों ने आपत्ति जताई। बोले बच्ची की देखरेख और काम एक साथ नहीं हो पाएगा। बात अच्छी नहीं लगी, पर मजबूरी और कुछ करने का जज्बा था। दूसरे दिन वह बच्ची को घर छोड़ काम पर गईं तो उनका मन नहीं लगा। सोचती रहीं जिनकी बेहतरी के लिए काम करने की सोची थी। वह तो मां की ममता से वंचित हो जाएंगे। लिहाजा उन्होंने काम छोड़ दिया।
100 डब्बे मिठाई सेतैयार कर शुरू किया बिजनेस
संगीता ने बताया कि मुझे कुछ करना था। क्या करना है यह नहीं तय कर पा रही थी। पैसे की दिक्कत भी थी। थोड़े से ही शुरूआत करनी थी। कभी कहीं मिठाई का डब्बा बनते हुए देखीं थीं। मन में आया यह काम हो सकता है। घर में पड़ी रेंजर साइकिल से कच्चे माल की तलाश हुई। 1500 रुपये का कच्चा माल उसी साइकिल के कैरियर पर लाद कर घर लाई। उन्होंने उससे 8 घंटे में 100 डब्बे मिठाई तैयार कर लीं। जब वह नमूने लेकर बाजार गईं। कुछ कारोबारियों से बात कीं। बात बनीं नहीं तो घर लौट आईं। आकर इनपुट कॉस्ट और प्रति डब्बा अपना लाभ निकालकर फिर बाजार गईं। लोगों ने बताया हमें तो इससे सस्ता मिलता है। किसी तरह से तैयार माल को बेचा।
15 हजार का कच्चा माल खरीदा
कुछ लोगों से बात कीं तो पता चला कि लखनऊ में कच्चा माल सस्ता मिलेगा। इससे आपकी कॉस्ट घट जाएगी। बचत का 35 हजार लेकर लखनऊ पहुंची। वहां सीख मिली कि अगर एक पिकअप माल ले जाएं तो कुछ परत पड़ेगा। इसके लिए लगभग दो लाख रुपये चाहिए। फिलहाल बस से 15 हजार का माल लाई। डिब्बा तैयार करने के साथ पूंजी एकत्र करने पर ध्यान लगा रहा। डूडा से एक लोन के लिए बहुत प्रयास किया पर पति की सरकारी सेवा (ट्रैफिक में सिपाही) आड़े आ गई। उन्होंने अपने गहने को गिरवी रखकर तीन लाख का गोल्ड लोन लिया। लखनऊ से एक गाड़ी कच्चा माल मंगाई। इस माल से तैयार डब्बे की मार्केटिंग से कुछ लाभ हुआ। साथ ही हौसला भी बढ़ा। एक बार और सस्ते माल के जरिए इनपुट कॉस्ट घटाने के लिए दिल्ली का रुख की। यहां व्यापारियों से उनको अच्छा सपोर्ट मिला। क्रेडिट पर कच्चा माल मिलने लगा।
कारखाने के लिए 35 लाख का लिया लोन
अब तक अपने छोटे से घर से ही काम करती रहीं। कारोबार बढ़ने के साथ जगह कम पड़ी तो कारखाने के लिए 35 लाख का लोन लिया। कारोबार बढ़ाने के लिए 50 लाख का एक और लोन लिया। सप्लाई पहले सााइकिल से होती थी फिर दो ठेलों से आज इसके लिए उनके पास इसके लिए खुद की मैजिक, टैंपू और बैटरी चालित ऑटो रिक्शा भी है। खुद के लिए स्कूटी एवं कार भी। एक बेटा और दो बेटियां अच्छे स्कूलों में तालीम हासिल कर रहीं हैं। पूर्वांचल के हरे बड़े शहर की नामचीन दुकानें उनकी ग्राहक हैं। मिठाई के डिब्बों के साथ पिज्जा, केक भी बनाती है। उत्पाद बेहतरीन हों इसके लिए दिल्ली के कारीगर भी रखीं हैं। वह काम भी करते हैं और बाकियों को ट्रेनिंग भी देते हैं।
दे रहीं सैकड़ो को रोजगार
प्रत्यक्ष और परोक्ष रूप से 100 महिलाओं एवं एक दर्जन पुरुषों को वह रोजगार मुहैया करा रहीं हैं। पंजाब, पश्चिमी बंगाल, गुजरात, राजस्थान तक वह गुणवत्ता पूर्ण कच्चे माल की तलाश में जाती हैं। संगीता बताती हैं कि उन्हें अपने संघर्ष के दिन भूलते नहीं। इसीलिए काम करने वाली कई महिलाएं निराश्रित हैं। कुछ के छोटे-छोटे बच्चे भी हैं। उनको घर ही कच्चा माल भेजवा देती हूं। इससे वह काम भी कर लेतीं और बच्चों की देखभाल भी। कुछ दिव्यांग भी हैं। जिनके लिए चलना-फिरना मुश्किल है। कुछ मूक बधिर भी हैं।
देश और दुनिया की ताजा ख़बरें (Hindi News) अब हिंदी में पढ़ें | बिजनेस (business News) और बजट 2024 (Union Budget 2024) की ताजा समाचार के लिए जुड़े रहे Times Now Navbharat से |
End of Article
आशीष कुशवाहा author
आशीष कुमार कुशवाहा Timesnowhindi.com में बतौर सीनियर कॉपी एडिटर काम कर रहे हैं। वह 2023 से Timesn...और देखें
End Of Feed
© 2024 Bennett, Coleman & Company Limited