केवल हज से सऊदी अरब कमा लेता है 12 लाख करोड़, 10 लाख हाजियों में भारत-पाक के सबसे ज्यादा
सऊदी अरब को हज से सालाना अरबों डॉलर का रेवेन्यू मिलता है। इस रेवेन्यू के 2032 तक 350 अरब डॉलर पर पहुंचने की संभावना है। सऊदी सरकार और अधिक तीर्थयात्रियों और गैर-मुस्लिम टूरिस्ट्स को आकर्षित करने के लिए भी कई चीजों पर काम कर रहा है।
हज से सऊदी अरब की कमाई
मुख्य बातें
- सऊदी को हज से 12 लाख करोड़ की कमाई होती है
- इस इनकम में लगातार बढ़ोतरी होने का अनुमान है
- लाखों लोग हर साल हज के लिए सऊदी जाते हैं
Saudi Arabia Hajj Income : सऊदी अरब के दो शहरों, मक्का और मदीना, में मुसलमानों के दो सबसे पवित्र धार्मिक स्थल हैं। दुनिया भर से लाखों मुसलमान हर साल सऊदी अरब हज करने के लिए पहुंचते हैं, जो कि इस्लाम धर्म के बुनियादी 5 स्तंभों में से एक है। हज के दौरान सभी मुसलमान मक्का-मदीना में मौजूद दोनों पवित्र स्थलों पर जाते हैं। सालाना लाखों लोगों के हज पर पहुंचने से सऊदी अरब की सरकार को तगड़ा रेवेन्यू मिलता है।संबंधित खबरें
2022 में कितनी रही इनकमसंबंधित खबरें
सऊदी अरब की हज से होने वाली इनकम में सालाना में 7 फीसदी की चक्रवृद्धि वार्षिक वृद्धि दर (सीएजीआर) से वृद्धि हो सकती है। फ्यूचर मार्केट इनसाइट्स की रिपोर्ट के अनुसार 2022 में हज के मौके पर सऊदी को करीब 150 अरब डॉलर (आज के हिसाब से करीब 12.27 लाख करोड़ रु) की इनकम हुई होगी। जबकि 7 फीसदी के सीएजीआर से यह इनकम 2032 तक 350 अरब डॉलर पहुंच सकती है।संबंधित खबरें
कैसे होती है इनकमसंबंधित खबरें
हज के अलावा साल भर लोग उमरा के लिए भी जाते हैं। हज या उमरा के दौरान लोग जितना पैसा खर्च करते हैं, वह देश की अर्थव्यवस्था में शुमार हो जाता है। ये सारा पैसा सऊदी अरब की इनकम में नहीं आता, पर इससे वहां की अर्थव्यस्था को काफी सपोर्ट मिलता है। मक्का चेंबर और कॉमर्स के अनुसार विदेशियों को हज पर 4600 डॉलर (करीब 3.76 लाख रु) खर्च करने होते हैं। घरेलू हाजियों को हज के लिए 1500 डॉलर (लगभग 1.22 लाख रु) खर्च करने होते हैं, जिसमें यात्रा के अलावा खाने और खरीदारी पर भी पैसा खर्च होता है।संबंधित खबरें
कहां-कहां से पहुंचते हैं लोगसंबंधित खबरें
वैसे तो दुनिया भर से लोग हज करने जाते हैं। पर हज के लिए सऊदी अरब ने अलग-अलग देशों का कोटा तैयार किया हुआ है। इनमें इंडोनेशिया से सबसे अधिक 2,20,000 लोगों को सालाना हज की परमिशन मिली हुई है। ये विदेशियों के लिए हज कोटे का 14 फीसदी हिस्सा है। पाकिस्तान (11 फीसदी), भारत (11फीसदी) और बांग्लादेश (8 फीसदी) से भी काफी लोग हज पर जाते हैं। बाकी नाइजीरिया, ईरान, तुर्की और मिस्र भी इस लिस्ट में शामिल हैं।संबंधित खबरें
सऊदी विजन 2030संबंधित खबरें
सऊदी विजन 2030 इनिशिएटिव के तहत सऊदी सरकार इनोवेशन और टेक्नोलॉजी एडवांसमेंट के मामले में आगे बढ़ रही है, जो सऊदी अरब हज टूरिज्म मार्केट शेयर के बढ़ने में अहम योगदान दे रहा है। कोरोना काल में हज यात्रियों की संख्या सीमित हो गई थी। 2021 में केवल 60000 लोग मक्का जा पाए। पर 2022 में ये संख्या फिर से 10 लाख तक पहुंच गई।संबंधित खबरें
2025 तक कितनी होगी संख्यासंबंधित खबरें
सऊदी अरब सरकार नए टूरिज्म इंफ्रास्ट्रक्चर तैयार कर रही है और इस रूढ़िवादी देश को धार्मिक और गैर-धार्मिक दोनों तरह के पर्यटकों के लिए अधिक डायवर्सिफाई बना रही है, जिससे सऊदी अरब हज टूरिज्म की मांग बढ़ रही है। सऊदी अरब हज टूरिज्म के जरिए यहां की हुकूमत 2025 तक टूरिस्ट्स की संख्या 17 मिलियन से बढ़ाकर 30 मिलियन करना चाहती है।संबंधित खबरें
क्यों बढ़ रही यात्रियों की संख्यासंबंधित खबरें
कंफर्ट और सुविधाएं, यात्रा में आसानी, और तीर्थयात्रियों को मिलने वाले आवास वे बड़े फैक्टर हैं, जिससे सऊदी अरब हज टूरिज्म की मांग बढ़ रही है। अब वहां ऐतिहासिक स्मारकों को संरक्षित किया जा रहा है। दरअसल सऊदी सरकार तेल से हटकर अपनी इकोनॉमी के लिए इनकम के दूसरे सोर्स मजबूत कर रही है। इसीलिए गैर-मुस्लिम पर्यटकों को भी सऊदी अरब हज टूरिज्म के तहत आकर्षित किया जा रहा है।संबंधित खबरें
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काशिद हुसैन author
काशिद हुसैन अप्रैल 2023 से Timesnowhindi.Com (टाइम्स नाउ नवभारत) के साथ काम कर रहे हैं। यहां पर व...और देखें
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