SBI ने बढ़ाया MCLR, लोन लेने वालों को अब ज्यादा देनी होगी EMI

SBI MCLR: देश के सबसे बड़े बैंक स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (SBI) ने मार्जिनल कॉस्ट ऑफ फंड्स-बेस्ड लेंडिंग रेट (MCLR) में 10 बेसिस प्वाइंट की बढ़ोतरी की है। इससे लोन महंगा हो गया है। MCLR रेट पर लोन लेने वालों की EMI बढ़ गई है।

एसबीआई लोन हुआ महंगा

SBI MCLR: देश के सबसे बड़े बैंक भारतीय स्टेट बैंक (SBI) ने सभी अवधियों में अपने मार्जिनल कॉस्ट ऑफ फंड्स-बेस्ड लेंडिंग रेट (MCLR) में 10 बेसिस प्वाइंट (0.1%) की वृद्धि की है। इससे लोन महंगा हो सकता है। MCLR रेट पर लोन लेने वालों की EMI बढ़ जाएगी। हालांकि उनके ऊपर असर नहीं पड़ेगा जिन्होंने MCLR रेट पर लोन नहीं लिया होगा। यह बदलाव 15 जून से प्रभावी हो गया और इसके परिणामस्वरूप MCLR से जुड़े लोन लेने वाले उधारकर्ताओं की EMI बढ़ जाएगी। MCLR वह न्यूनतम ब्याज दर है जिसके नीचे बैंक लोन नहीं दे सकते हैं और यह बैंकों की उधार लेने की लागत के रुझान को दर्शाता है। इसे 2016 में पेश किया गया था।

MCLR रेट में बदलाव

MCLR रेट में बदलावों के अनुसार- एक साल की MCLR 8.65% से बढ़कर 8.75% हो गई है, ओवरनाइट MCLR 8.00% से बढ़कर 8.10% हो गई है और एक महीने और तीन महीने की MCLR 8.20% से बढ़कर 8.30% हो गई है। छह महीने की MCLR अब 8.55% से बढ़कर 8.65% हो गई है और दो साल की MCLR 8.75% से बढ़कर 8.85% हो गई है जबकि तीन साल की MCLR अब 8.85% से बढ़कर 8.95% हो गई है। होम और ऑटो लोन समेत ज़्यादातर रिटेल लोन एक साल की MCLR दर से जुड़े हैं।

RBI बेंचमार्क रेट

लोन लेने वालों को उच्च ब्याज दरों में किसी भी कमी के लिए लंबे समय तक इंतजार करना होगा, क्योंकि भारतीय रिजर्व बैंक ने अपनी हालिया बैठक में रेपो दर को 6.5% पर अपरिवर्तित रखने का फैसला किया है। यह लगातार आठवीं बैठक है जिसमें केंद्रीय बैंक ने मौजूदा दर को बनाए रखा है। विशेषज्ञ अगस्त में होने वाली अगली बैठक में दरों में कटौती की उम्मीद नहीं कर रहे हैं। हालांकि इस साल के अंत में संभवतः अक्टूबर या दिसंबर में दरों में कटौती की अच्छी संभावना है और उसके बाद के महीनों में और कटौती हो सकती है।
End Of Feed