SBI Repo Rate : घटेगी EMI ! आरबीआई के लिए बनी गुंजाइश,जानें SBI ने ऐसा क्यों कहा

SBI Repo Rate And GDP Growth: रिटेल महंगाई दर आरबीआई के मानकों के अनुरूप 4 फीसदी से गिरकर 3.5 4फीसदी पर आ गई है। इसके अलावा खाद्य महंगाई भी 13 महीने के निचले स्तर पर आई गई। जिसे देखते हुए SBI के अर्थशास्त्री रेपो रेट में कटौती की गुंजाइश दे रहे हैं।

एसबीआई रिपोर्ट

SBI Repo Rate And GDP Growth:करीब डेढ़ साल बार रेपो रेट में कटौती की गुंजाइश बन रही है। देश के सबसे बड़े बैंक SBI के अर्थशास्त्रियों द्वारा तैयार की गई रिपोर्ट के अनुसार अनिश्चित वैश्विक वृद्धि परिदृश्य और मुद्रास्फीति में नरमी को देखते हुए मौद्रिक नीति में ढील की गुंजाइश बनती है। असल में जुलाई में रिटेल महंगाई दर आरबीआई के मानकों के अनुरूप 4 फीसदी से गिरकर 3.5 4फीसदी पर आ गई है। इसके अलावा खाद्य महंगाई भी 13 महीने के निचले स्तर पर आई गई। जिसे देखते हुए SBI के अर्थशास्त्री रेपो रेट में कटौती की गुंजाइश दे रहे हैं। आखिरी बार अगस्त 2023 में आरबीआई ने रेपो रेट में बदलवा किया था। उस वक्त आरबीआई ने रेप रेट में 0.25 फीसदी की बढ़ोतरी की थी।

GDP ग्रोथ रेट घटने का अनुमान

रेपो रेट में कटौती के अलावा भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) के अर्थशास्त्रियों ने चालू वित्त वर्ष की जून तिमाही में देश के सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) की वृद्धि दर घटकर 7.1 प्रतिशत रहने का अनुमान जताया है। इस तरह एसबीआई भी उन विश्लेषकों में शामिल हो गया है जिन्होंने जून तिमाही में वास्तविक वृद्धि दर में कमी आने का अनुमान लगाया है।एसबीआई के अर्थशास्त्रियों ने एक रिपोर्ट में कहा कि चालू वित्त वर्ष की अप्रैल-जून तिमाही में सकल मूल्यवर्धन (जीवीए) की वृद्धि पिछले साल की तुलना में सात प्रतिशत से नीचे गिरकर 6.7-6.8 प्रतिशत रह जाएगी।
अर्थशास्त्रियों ने कहा, हमारे ‘नाउकास्टिंग मॉडल’ के अनुसार, वित्त वर्ष 2024-25 की पहली तिमाही के लिए अनुमानित जीडीपी वृद्धि 7.0-7.1 प्रतिशत होगी, और सकल मूल्य वर्धन 6.7-6.8 प्रतिशत रहेगा।
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