सेबी ने बाप ऑफ चार्ट को किया बैन, कार्वी के 3 पूर्व अधिकारियों से भी होगी वसूली
SEBI Ban Baap Of Chart And Action On Karvy Ex Employee: सेबी ने कार्वी समूह के तीन पूर्व अधिकारियों को नोटिस भेजकर उन्हें ग्राहकों के फंड के दुरुपयोग के मामले में लगभग 1.8 करोड़ रुपये का भुगतान करने को कहा। साथ ही बाप ऑफ चार्ट’ के नाम से अनधिकृत निवेश सलाहकार की इकाइयों से 17 करोड़ रुपये से ज्यादा की अवैध कमाई को जब्त करने का आदेश भी दिया है।
सेबी का सख्त एक्शन
SEBI Ban Baap Of Chart And Action On Karvy Ex Employee: भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) ने ‘बाप ऑफ चार्ट’ के नाम से अनधिकृत निवेश सलाहकार सेवाएं देने वालीं तीन इकाइयों को बुधवार को शेयर बाजार से प्रतिबंधित कर दिया। साथ ही बाजार नियामक ने इन इकाइयों से 17 करोड़ रुपये से ज्यादा की अवैध कमाई को जब्त करने का आदेश भी दिया है।सेबी ने एक बयान में कहा कि खुद को निवेश सलाहकार बताने वाले मोहम्मद नसीरुद्दीन अंसारी सोशल मीडिया मंच एक्स और मैसेजिंग मंच टेलीग्राम के माध्यम से ‘बाप ऑफ चार्ट’ के नाम से शेयर बाजार में निवेश करने की सलाह देता था। ये सिफारिशें प्रतिभूति बाजार से संबंधित शैक्षिक प्रशिक्षण प्रदान करने की आड़ में दी गई थीं।
इन लोगों पर भी बैन
अंसारी के अलावा पदमती और गोल्डन सिंडिकेट वेंचर्स को भी अगला आदेश आने तक शेयर बाजार से प्रतिबंधित कर दिया गया है।सेबी ने उन्हें निर्देश दिया कि वे निवेश सलाहकार के रूप में कार्य करना बंद करें।अपने 45 पन्नों के अंतरिम आदेश-सह-कारण बताओ नोटिस में सेबी ने पाया कि निवेश सलाहकार गतिविधियों को करने से सिर्फ दो साल की अवधि के दौरान 17.21 करोड़ रुपये जमा हुए हैं। ये गतिविधियां गैर-पंजीकृत और धोखाधड़ी दोनों श्रेणियों में आती हैं।सेबी ने पाया कि प्रथम दृष्टया सीधे उनके बैंक खातों में ‘शैक्षणिक पाठ्यक्रमों’ के लिए शुल्क की प्राप्ति के मद्देनजर नासिर, पदमती और गोल्डन सिंडिकेट वेंचर्स अंतरिम उपाय के रूप में कथित गैरकानूनी लाभ के लिए संयुक्त रूप से और अलग-अलग उत्तरदायी हैं।
कार्वी के 3 पूर्व अधिकारियों पर भी कार्रवाई
सेबी ने कार्वी समूह के तीन पूर्व अधिकारियों को नोटिस भेजकर उन्हें ग्राहकों के फंड के दुरुपयोग के मामले में लगभग 1.8 करोड़ रुपये का भुगतान करने को कहा।भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) ने अपने नोटिस में कहा है कि 15 दिन के भीतर भुगतान नहीं करने पर कार्वी स्टॉक ब्रोकिंग लिमिटेड (केएसबीएल) के इन पूर्व अधिकारियों की गिरफ्तारी और संपत्ति के साथ-साथ बैंक खातों की कुर्की भी की जा सकती है।
सेबी ने केएसबीएल के पूर्व उपाध्यक्ष (एफएंडए) कृष्ण हरि जी, पूर्व अनुपालन अधिकारी श्रीकृष्ण गुरजादा और पूर्व महाप्रबंधक (बैक ऑफिस परिचालन) श्रीनिवास राजू को तीन अलग-अलग नोटिस भेजे हैं।सेबी ने इन तीनों लोगों को मई में जुर्माने का भुगतान करने को कहा था। लेकिन ऐसा नहीं करने पर यह मांग नोटिस जारी किया गया है।सेबी ने कृष्ण हरि जी को 1.06 करोड़ रुपये का भुगतान करने का निर्देश दिया जबकि राजू एवं गुरज़ादा को क्रमशः 42.41 लाख रुपये और 31.81 लाख रुपये देने के लिए कहा है। इसमें ब्याज एवं वसूली लागत भी शामिल है।बकाया भुगतान न करने पर सेबी इनकी चल-अचल संपत्ति कुर्क करके और बेचकर रकम वसूल करेगा। इसके अलावा उनके बैंक खातों की कुर्की और गिरफ्तारी का भी सामना करना पड़ सकता है।यह मामला केएसबीएल द्वारा ग्राहकों की प्रतिभूतियां गिरवी रखकर और अपने ग्राहकों द्वारा दी गई पावर ऑफ अटॉर्नी (पीओए) का दुरुपयोग करके भारी धन जुटाने से संबंधित है। इसके अलावा केएसबीएल धनराशि को अपनी समूह संस्थाओं में स्थानांतरित भी कर रही थी।
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