SEBI Front Running Ban: शेयर मार्केट में कर रहे थे गलत काम, सेबी ने किया भंडाफोड़, 21 करोड़ रु का लगा फटका

SEBI Front Running Ban: सचिन बकुल दगली और उनकी सह-साजिशकर्ताओं को भारतीय प्रतिभूति बाजार से प्रतिबंधित कर दिया है। इसके साथ ही, इन इकाइयों द्वारा अर्जित अवैध लाभ को जब्त कर लिया गया है। यह फ्रंट-रनिंग योजना तीन वर्षों से अधिक समय तक जारी रही और इन इकाइयों ने पीएनबी मेटलाइफ इंडिया इंश्योरेंस कंपनी लिमिटेड के बड़े ग्राहकों के लेन-देन के बारे में गोपनीय जानकारी प्राप्त की थी।

पीएनबी मेटलाइफ इंडिया इंश्योरेंस।

SEBI Front Running Ban: भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) ने एक बड़ी कार्रवाई करते हुए पीएनबी मेटलाइफ इंडिया इंश्योरेंस कंपनी के इक्विटी डीलर सचिन बकुल दगली और आठ अन्य इकाइयों से जुड़ी एक ‘फ्रंट-रनिंग’ योजना का भंडाफोड़ किया। इन लोगों ने इस धोखाधड़ी के माध्यम से 21.16 करोड़ रुपये का अवैध लाभ कमाया था। ‘फ्रंट रनिंग’ से तात्पर्य है कि अग्रिम सूचना प्राप्त करके शेयर बाजार में लेन-देन करना और इससे लाभ उठाना, जबकि यह सूचना सामान्य जनता के लिए उपलब्ध नहीं होती है।

तीन साल से अधिक समय तक चल रही थी धोखाधड़ी योजना

सेबी ने शुक्रवार को एक अंतरिम आदेश जारी करते हुए सचिन बकुल दगली और उनकी सह-साजिशकर्ताओं को भारतीय प्रतिभूति बाजार से प्रतिबंधित कर दिया है। इसके साथ ही, इन इकाइयों द्वारा अर्जित अवैध लाभ को जब्त कर लिया गया है। यह फ्रंट-रनिंग योजना तीन वर्षों से अधिक समय तक जारी रही और इन इकाइयों ने पीएनबी मेटलाइफ इंडिया इंश्योरेंस कंपनी लिमिटेड के बड़े ग्राहकों के लेन-देन के बारे में गोपनीय जानकारी प्राप्त की थी।

सचिन दगली और अन्य का संलिप्तता

सेबी की जांच में पाया गया कि सचिन बकुल दगली, जो पीएनबी मेटलाइफ इंडिया के इक्विटी डीलर थे, और उनके भाई तेजस दगली ने गोपनीय और गैर-सार्वजनिक जानकारी का इस्तेमाल किया। इस जानकारी का उपयोग उन्होंने संबंधित लेन-देन के लिए किया और इसे संदीप शंभरकर के साथ साझा किया। इसके बाद, संदीप शंभरकर ने धनमाता रियल्टी प्राइवेट लिमिटेड (डीआरपीएल), वर्थी डिस्ट्रिब्यूटर्स प्राइवेट लिमिटेड (डब्ल्यूडीपीएल) और प्रग्नेश संघवी के खातों के जरिये फ्रंट रनिंग गतिविधियों को अंजाम दिया।

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