Hindenburg Report: हिंडनबर्ग के आरोपों पर SEBI चीफ का आया बयान, कहा - हमारा जीवन और फाइनेंशियल स्थिति खुली किताब

Hindenburg Report On SEBI Chairperson: हिंडनबर्ग के आरोपों पर सेबी चीफ और उनके पति ने कहा कि सभी जरूरी खुलासे पहले ही सेबी को वर्षों से किए जाते रहे हैं। हमें किसी भी वित्तीय दस्तावेजों को पेश करने में कोई हिचकिचाहट नहीं है।

सेबी अध्यक्ष पर हिंडेनबर्ग रिपोर्ट

मुख्य बातें
  • हिंडनबर्ग ने सेबी चीफ पर लगाए आरोप
  • सेबी चीफ ने आरोपों का किया खंडन
  • आरोपों को बताया बेबुनियाद

Hindenburg Report On SEBI Chairperson: अमेरिका की शॉर्ट सेलर फर्म हिंडनबर्ग ने भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) की चेयरपर्सन माधवी पुरी बुच और उनके पति धवल बुच पर ऑफशोर फंड्स में हिस्सेदारी रखने का आरोप लगाया है। इन फंड्स का निवेश अडानी ग्रुप के शेयरों में बताया गया है। हिंडनबर्ग के सेबी चीफ के आरोपों में 2.70 लाख करोड़ रु के अडानी ग्रुप द्वारा कथित गड़बड़ी की जांच में हितों के टकराव से लेकर ब्लैकस्टोन जैसी कंपनियों के लिए रेगुलेटरी ढील तक शामिल है, जहां धवल बुच सीनियर एडवाइजर के तौर पर काम करते हैं। हालांकि हिंडनबर्ग के आरोपों का माधबी पुरी बुच और उनके पति ने खंडन किया है।

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''आरोपों में नहीं कोई सच्चाई''

माधबी पुरी बुच और उनके पति ने एक संयुक्त में कहा है कि 10 अगस्त, 2024 की हिंडनबर्ग रिपोर्ट में हमारे खिलाफ लगाए गए आरोपों के संदर्भ में, हम यह कहना चाहते हैं कि हम रिपोर्ट में लगाए गए निराधार आरोपों का खंडन करते हैं। इनमें कोई सच्चाई नहीं है। उन्होंने कहा है कि हमारा जीवन और फाइनेंसेज एक खुली किताब है।

अडानी ग्रुप का आया बयानइस मामले में अडानी ग्रुप का भी बयान आया है। ग्रुप ने हिंडनबर्ग रिसर्च के ताजा आरोपों को दुर्भावनापूर्ण और चुनिंदा सार्वजनिक सूचनाओं से छेड़छाड़ करने वाला बताते हुए रविवार को कहा कि इसका बाजार नियामक सेबी की चेयरपर्सन या उनके पति के साथ कोई कमर्शियल रिलेशन नहीं है।

अडानी ग्रुप ने शेयर बाजार को दी एक सूचना में कहा है कि हिंडनबर्ग के नए आरोप सार्वजनिक रूप से उपलब्ध सूचनाओं का दुर्भावनापूर्ण, शरारती और छेड़छाड़ करने वाला चयन है। ऐसा तथ्यों और कानून की अवहेलना करते हुए निजी मुनाफाखोरी के लिए पूर्व-निर्धारित निष्कर्षों पर पहुंचने के इरादे से किया गया है।

सेबी को किए गए सभी खुलासे

बुच दंपति ने कहा कि सभी जरूरी खुलासे पहले ही सेबी को वर्षों से किए जाते रहे हैं। हमें किसी भी वित्तीय दस्तावेजों को पेश करने में कोई हिचकिचाहट नहीं है, जिसमें वे दस्तावेज भी शामिल हैं जो उस समय से संबंधित हैं जब हम पूरी तरह से प्राइवेट सिटीजन थे। उन्होंने कहा है कि हम उस समय के अपने दस्तावेज किसी भी अधिकारी के सामने पेश कर सकते हैं।

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काशिद हुसैन author

काशिद हुसैन अप्रैल 2023 से Timesnowhindi.Com (टाइम्स नाउ नवभारत) के साथ काम कर रहे हैं। यहां पर व...और देखें

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