SIP in 250 Rupees: आएगी 250 रु मंथली वाली SIP, और युवा बाजार के जरिए कहां कर रहे सट्टेबाजी
SIP in 250 Rupees: सेबी चेयरपर्सन माधुरी बुच ने कहा है कि 250 रुपये मंथली एसआईपी लान संभव है। और ऐसा जल्द होगा। वहीं वायदा और विकल्प कारोबार पर बुच ने कहा कि घरेलू बचत सट्टेबाजी में जा रही है और युवा ऐसे कारोबार में ढेर सारा पैसा खो रहे हैं।
250 रुपये वाली एसआईपी
SIP in 250 Rupees:जल्द ही 250 रुपये की SIP वाले प्लान बाजार में आ सकते हैं। यानी हर महीने केवल 250 रुपये में SIP खोली जा सकेगी। और ऐसा अगले 3 साल में हो सकता है। इस बात के संकेत सेबी चेयरपर्सन माधुरी बुच ने दिए हैं। सेबी की कोशिश है कि ऐसा कर ज्यादा से ज्यादा लोगों को जोड़ा जा सके। अभी कम से कम 500 रुपये से SIP खोली जा सकती है। इसके अलावा बुच ने वायदा और विकल्प (F&O) कैटेगरी को लेकर भी चेतावनी दी है। उन्होंने उन्होंने कहा कि यह एक व्यापक मुद्दा बन गया है, जो अब अर्थव्यवस्था को प्रभावित कर रहा है।
कैसा होगी 250 रुपये वाली SIP
मनी कंट्रोल की एक रिपोर्ट के अनुसार शुक्रवार को एक कार्यक्रम में माधुरी बुच ने कहा कि अगले 3 साल में 250 रुपये वाली एसआईपी आ सकती है।बुच ने कहा कि पूंजी बाजार नियामक वायदा और विकल्प (एफएंडओ) कैटेगरी में सट्टा दांव के खिलाफ चेतावनी देने के लिए मजबूर है। उन्होंने कहा कि यह एक व्यापक मुद्दा बन गया है, जो अब अर्थव्यवस्था को प्रभावित कर रहा है। बुच ने यहां एसबीआई एमएफ के एक कार्यक्रम में कहा, ''यह निवेशकों के एक छोटे से मुद्दे से अर्थव्यवस्था के एक व्यापक मुद्दे में बदल गया है।
सट्टेबाजी का डर
बुच ने कहा कि घरेलू बचत सट्टेबाजी में जा रही है और युवा ऐसे कारोबार में ढेर सारा पैसा खो रहे हैं। इससे घरेलू बचत का इस्तेमाल पूंजी निर्माण के लिए नहीं हो पा रहा है।बाजार नियामक के एक शोध के मुताबिक निवेशक एफएंडओ खंड में 10 में 9 सौदों में नुकसान उठाते हैं। जोखिम का खुलासा करने पर जोर देने से शुरू करते हुए, सेबी हाल ही में इस क्षेत्र से निवेशकों को दूर रखने के लिए सक्रिय रूप से प्रयास कर रहा है।
बुच ने कहा कि सेबी ने इस क्षेत्र में कारोबार बहुत तेजी से बढ़ने के कारण बदलाव करने का फैसला किया। उन्होंने इस तरह की चेतावनी को उचित ठहराने के लिए नियामक की जिम्मेदारी का जिक्र किया।उन्होंने कहा कि हाल ही में, नियामक ने कुछ इक्विटी क्षेत्रों में परिसंपत्ति मूल्य में उछाल को चिह्नित करने का फैसला किया, क्योंकि कोई अन्य हितधारक अपना काम नहीं कर रहा था।बुच ने कहा कि निवेश सलाहकार के रूप में पंजीकृत होने वाले लोगों के संबंध में नियामक जल्द ही एक परामर्श पत्र लेकर आएगा।
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प्रशांत श्रीवास्तव author
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