SEBI New Rules: शेयर बाजार में शॉर्ट सेलिंग के नियम बदले, उतार-चढ़ाव पर लगेगा ब्रेक, रिटेल निवेशक को अब ये करना होगा

SEBI Short Selling Rules: शॉर्ट सेलिंग का आशय उस शेयर को बेचने से है जो सौदे के समय विक्रेता के पास होता ही नहीं है। पिछले कुछ महीनों में शेयर बाजार में शॉर्ट सेलिंग के बढ़ते चलन और उसके बाद होने वाले उतार-चढ़ाव को लेकर चिंताएं सामने आई हैं।

शॉर्ट सेलिंग के बदले नियम

SEBI Short Selling Rules: बाजार नियामक सेबी ने शेयर बाजार में उतार-चढ़ाव को रोकने के लिए शॉर्ट सेलिंग के नियमों में बदलाव किया है। अब संस्थागत निवेशकों को ऑर्डर देते समय ही बताना होगा कि प्रस्तावित लेनदेन ‘शॉर्ट सेलिंग’ है या नहीं। इसके अलावा खुदरा और संस्थागत दोनों निवेशकों को शेयरों की ‘शॉर्ट सेलिंग’ की मंजूरी मिली हुई है। लेकिन अब खुदरा निवेशकों को लेनदेन के दिन कारोबारी अवधि के अंत तक शॉर्ट सेलिंग के बारे में खुलासा करना होग।

क्या हुए बदलाव

सेबी ने शुक्रवार को कहा कि संस्थागत निवेशकों को ऑर्डर देते समय ही बताना होगा कि प्रस्तावित लेनदेन ‘शॉर्ट सेलिंग’ है या नहीं। शॉर्ट सेलिंग का आशय उस शेयर को बेचने से है जो सौदे के समय विक्रेता के पास होता ही नहीं है। पिछले कुछ महीनों में शेयर बाजार में शॉर्ट सेलिंग के बढ़ते चलन और उसके बाद होने वाले उतार-चढ़ाव को लेकर चिंताएं सामने आई हैं। इसी को देखते हुए भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (सेबी) ने बाजार में शॉर्ट सेलिंग से संबंधित मानदंडों के संबंध में कुछ बदलाव किए हैं।

रिटेल निवेशकों के लिए क्या

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