KYC Rule For MF: SEBI ने म्युचुअल फंड निवेशकों को दी बड़ी राहत, अब फटाफट हो जाएगा KYC

KYC Rule For MF: नए आदेश के बाद अब केआरए आधिकारिक डेटाबेस से पैन, नाम, पता, ईमेल और मोबाइल नंबर का सत्यापन कर सकते हैं। यदि ये विवरण सही पाए जाते हैं, तो उन्हें सत्यापित रिकॉर्ड माना जाएगा। संशोधित दिशानिर्देशों के तहत एक्सचेंजों, डिपॉजिटरी और संबंधित मध्यवर्ती इकाइयों को मई के अंत तक अपनी प्रणाली में जरूरी तकनीकी बदलाव करने को कहा गया है।

म्युचुअल फंड केवाईसी हुआ आसान

KYC Rule For MF:भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (SEBI) ने केवाईसी पंजीकरण एजेंसियों (KRA) के माध्यम से KYC रिकॉर्ड के सत्यापन करना आसान कर दिया है। KRA को केवाईसी रिकॉर्ड प्राप्त होने के दो दिन के भीतर ग्राहक रिकॉर्ड के ब्योरे को सत्यापित करने की जरूरत होती है जिसमें स्थायी खाता संख्या (PAN), नाम और पता शामिल है। नए आदेश के बाद अब केआरए आधिकारिक डेटाबेस से पैन, नाम, पता, ईमेल और मोबाइल नंबर का सत्यापन कर सकते हैं। यदि ये विवरण सही पाए जाते हैं, तो उन्हें सत्यापित रिकॉर्ड माना जाएगा। जबकि पहले केआरए को ऐसी सुविधा नहीं मिली थी। संशोधित दिशानिर्देशों के तहत एक्सचेंजों, डिपॉजिटरी और संबंधित मध्यवर्ती इकाइयों को मई के अंत तक अपनी प्रणाली में जरूरी तकनीकी बदलाव करने को कहा गया है।

क्या होगा फायदा

विशेषज्ञों का मानना है कि इस कदम से निवेशकों के लिए लेनदेन में सुगमता सुनिश्चित की जा सकेगी। सेबी ने दिशानिर्देश को आसान बनाते हुए अक्टूबर, 2023 के अपने परिपत्र में संशोधन किया है।पिछले साल अक्टूबर में सत्यापन प्रक्रिया में एक बदलाव किया गया था जिससे राशन कार्ड, बिजली बिल या स्कैन किए गए आधार कार्ड जैसे पते के प्रमाण अमान्य हो गए थे।और केआरए को केवाईसी रिकॉर्ड प्राप्त होने के दो दिन के भीतर ग्राहक रिकॉर्ड के ब्योरे को सत्यापित करने की जरूरत होती है जिसमें स्थायी खाता संख्या (पैन), नाम और पता शामिल है।

सेबी के नए बदलाव पर ऑनलाइन पहचान सत्यापन सेवा फर्म साइनजी के सह-संस्थापक एवं मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) अंकित रतन ने कहा, ‘‘नए ढांचे के तहत अब केआरए आधिकारिक डेटाबेस से पैन, नाम, पता, ईमेल और मोबाइल नंबर का सत्यापन कर सकते हैं। यदि ये विवरण सही पाए जाते हैं, तो उन्हें सत्यापित रिकॉर्ड माना जाएगा।संशोधित दिशानिर्देशों के तहत एक्सचेंजों, डिपॉजिटरी और संबंधित मध्यवर्ती इकाइयों को मई के अंत तक अपनी प्रणाली में जरूरी तकनीकी बदलाव करने का काम सौंपा गया है।

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