JM Financial : RBI के बाद SEBI से झटका, JM Financial लीड मैनेजर के रूप में नहीं कर पाएगी काम
JM Financial: जेएम फाइनेंशियल पर डेट सिक्योरिटीज के किसी भी पब्लिक इश्यू के लिए लीड मैनेजर के रूप में कार्य करने पर पाबंदी लगा दी गई है। इसके पहले RBI ने कई तरह की गड़बड़ियां पाए जाने के बाद ग्रुप की कंपनी जेएम फाइनेंशियल प्रोडक्ट्स लिमिटेड पर मंगलवार को कई बैन लगाए थे।
JM Financial: जेएम फाइनेंशियल (JM Financial) पर RBI के बाद अब सेबी (SEBI) ने भी कड़ा एक्शन लिया है। अब जेएम फाइनेंशियल पब्लिक डेट इश्यू (Public debt issues) के लिए लीड मैनेजर के रूप में काम नहीं कर पाएगी। सेबी ने आज गुरुवार को कंपनी पर नियमों के उल्लंघन के चलते यह रोक लगाई है। जिसमें जेएम फाइनेंशियल पर डेट सिक्योरिटीज के किसी भी पब्लिक इश्यू के लिए लीड मैनेजर के रूप में कार्य करने पर पाबंदी लगा दी गई है। इसके पहले RBI ने कई तरह की गड़बड़ियां पाए जाने के बाद ग्रुप की कंपनी जेएम फाइनेंशियल प्रोडक्ट्स लिमिटेड पर मंगलवार को कई बैन लगाए थे।
SEBI ने आदेश में क्या कहा?
मार्केट रेगुलेटर सेबी ने इस मामले पर कंपनी के खिलाफ अंतरिम आदेश पारित किया। सेबी ने अपने अंतरिम आदेश में कहा कि जेएम फाइनेंशियल उन डेट सिक्योरिटीज के पब्लिक इश्यू में 60 दिन के लिए लीड मैनेजर के रूप में काम कर सकती है, जो उसके पास मौजूदा समय में हैं। मार्केट रेगुलेटर ने कहा, “सेबी इस आदेश के तहत शामिल इश्यू की जांच करेगा। इस तरह की गई जांच इस आदेश की तारीख से छह महीने की अवधि के भीतर पूरी की जाएगी।''
सेबी ने वर्ष 2023 के दौरान नॉन-कनवर्टिबल डिबेंचर (NCD) के पब्लिक इश्यू की नियमित जांच की और पाया कि जारी की गई सिक्योरिटीज के एक बहुत बड़े परसेंटेज का लेनदेन लिस्टिंग के दिन ही हुआ, जिसके चलते रिटेल ओनरशिप में तेजी से कमी आई। ए.के. कैपिटल सर्विसेज, जेएम फाइनेंशियल, नुवामा वेल्थ मैनेजमेंट और ट्रस्ट इन्वेस्टमेंट एडवाइजर्स एनसीडी इश्यू के लीड मैनेजर थे।
RBI से लगी ये पाबंदियां
रिजर्व बैंक ने कंपनी के खिलाफ उधार ली गई राशि का इस्तेमाल करके अपने ग्राहकों के एक समूह को कई आईपीओ में बोली लगाने में बार-बार मदद करने के चलते कार्रवाई की है। आरबीआई ने जेएम फाइनेंशियल प्रोडक्ट्स लिमिटेड (JMFPL) को तत्काल प्रभाव से शेयरों और डिबेंचर के खिलाफ लोन देने से रोक दिया, जिसमें शेयरों की IPO के खिलाफ लोन की मंजूरी और डिसबर्सल भी शामिल है।
केंद्रीय बैंक ने इस नॉन-बैंकिंग फाइनेंस कंपनी (NBFC) को शेयरों एवं डिबेंचर के एवज में किसी भी तरह की फंडिंग देने से रोक दिया है, जिसमें शेयरों की इनीशियल पब्लिक ऑफर (IPO) के साथ-साथ ऋणों की मंजूरी और वितरण भी शामिल है।
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आशीष कुशवाहा author
आशीष कुमार कुशवाहा Timesnowhindi.com में बतौर सीनियर कॉपी एडिटर काम कर रहे हैं। वह 2023 से Timesn...और देखें
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