SME IPO: SME IPO को लेकर SEBI हुआ अलर्ट, 6 इन्वेस्टमेंट बैंकों की हो रही जांच, नियम और किए जाएंगे सख्त

SME IPO: सेबी द्वारा निवेशकों को कुछ छोटी कंपनियों में निवेश के खतरों के बारे में चेतावनी देने के प्रयासों के साथ-साथ ऐसे आईपीओ के लिए सख्त नियमों की योजना के बाद यह जांच की गई है।

SME IPO

एसएमई आईपीओ पर सेबी की नजर

मुख्य बातें
  • एसएमई आईपीओ पर सेबी सख्त
  • शुरू की 6 बैंकों की जांच
  • बनाए जाएंगे नए नियम

SME IPO: मार्केट कैपिटल रेगुलेटर सेबी (SEBI) आईपीओ बाजार में गड़बड़ी और अस्थिरता को लेकर अलर्ट हो गया है। इसी के तहत सेबी ने 6 घरेलू निवेश बैंकों की जांच शुरू की है, जिन्होंने छोटे बिजनेसों के आईपीओ (SME IPO) पर काम किया है। सेबी की जांच इस साल की शुरुआत में शुरू हुई थी और यह बैंकों द्वारा लगाए गए फीस पर केंद्रित है। सेबी ने पाया है कि कम से कम आधा दर्जन छोटे निवेश बैंकों ने कंपनियों से उनके आईपीओ के जरिए जुटाए गए फंड के 15% के बराबर शुल्क लिया है, जबकि यह भारत में 1-3% की लिया जाता है।

ये भी पढ़ें -

Hyundai IPO: हुंडई लाएगी भारत का सबसे बड़ा IPO, SEBI से मिल गई मंजूरी, जानें कब हो सकती है लिस्टिंग

बनाए जाएंगे सख्त नियम

रॉयटर्स की रिपोर्ट के अनुसार सेबी द्वारा निवेशकों को कुछ छोटी कंपनियों में निवेश के खतरों के बारे में चेतावनी देने के प्रयासों के साथ-साथ ऐसे आईपीओ के लिए सख्त नियमों की योजना के बाद यह जांच की गई है।

किसे माना जाता है SME IPO

भारत में, 5 करोड़ से 2.5 अरब रुपये के वार्षिक कारोबार वाली छोटी कंपनियां बीएसई और नेशनल स्टॉक एक्सचेंज ऑफ इंडिया (एनएसई) के अलग-अलग सेक्शंस में लिस्ट होती हैं। इन कंपनियों को बहुत अधिक खुलासे नहीं करने होते और आईपीओ ऑफर की जाँच एक्सचेंजों द्वारा की जाती है, जबकि बड़े आईपीओ को सेबी द्वारा मंजूरी लेनी होती है।

ये होता है खेल

सेबी बैंकों और कुछ निवेशकों के बीच को-ऑर्डिनेटेड एक्टिविटी पर अंकुश लगाना चाहता है, जो अमीर लोों और रिटेल निवेशकों के रूप में बड़ी बोलियाँ लगाने के लिए नियमों को तोड़ते हैं। ये बोलियां असली नहीं होतीं और अलॉटमेंट के समय रद्द कर दी जाती हैं, लेकिन हाई सब्सक्रिप्शन के कारण अन्य निवेशक आकर्षित होते हैं और ज्यादा बोली लगाते हैं। इससे शेयर का प्रीमियम बढ़ जाता है।

आगे क्या है सेबी का प्लान

जुलाई में सेबी ने अपने कड़े कदम के तहत छोटी कंपनियों के कारोबार के पहले दिन प्रीमियम लिस्टिंग लिमिट को 90% तक सीमित कर दिया था। अब सेबी ने ऑडिटरों और एक्सचेंजों से सतर्क रहने और उन कंपनियों को लिस्ट होने से रोकने को कहा है, जहां आईपीओ दस्तावेजों में दी गई जानकारी से असंतुष्टि है।

सेबी 12-15 एक्शन पॉइंट पर भी काम कर रहा है, जो छोटी कंपनियों के आईपीओ के तरीके में बदलाव लाएंगे।

देश और दुनिया की ताजा ख़बरें (Hindi News) अब हिंदी में पढ़ें | बिजनेस (business News) और बजट 2024 (Union Budget 2024) की ताजा समाचार के लिए जुड़े रहे Times Now Navbharat से |

काशिद हुसैन author

काशिद हुसैन अप्रैल 2023 से Timesnowhindi.Com (टाइम्स नाउ नवभारत) के साथ काम कर रहे हैं। यहां पर वे सीनियर कॉरेस्पोंडेंट हैं। टाइम्स नाउ नवभारत की ब...और देखें

End of Article

© 2024 Bennett, Coleman & Company Limited