SEBI New Rule on Trading: शेयरों के डेरिवेटिव्स में ट्रेडिंग पर SEBI की नए नियम लाने की तैयारी, हेरा-फेरी रोकने के लिए बनेंगे कड़े रूल्स

SEBI New Rule on Trading: सेबी के लिए यह सुनिश्चित करना जरूरी है कि डेरिवेटिव सेगमेंट में केवल साइज, नकदी और मार्केट डेप्थ के संदर्भ में हाई क्वालिटी वाले शेयर ही उपलब्ध हों।

SEBI New Rules

फ्यूचर एंड ऑप्शन पर सेबी के नए प्रस्तावित नियम

मुख्य बातें
  • सेबी लाएगा नये नियम
  • डेरिवेटिव्स सेगमेंट से जुड़े होंगे नए नियम
  • हेरा-फेरी रोकने की तैयारी

SEBI New Rule on Trading: मार्केट रेगुलेटर सेबी (SEBI) ने इंडिविजुअल स्टॉक के डेरिवेटिव्स में ट्रेडिंग करने के लिए कड़े नियम बनाने का प्रस्ताव रखा है। सेबी ने तर्क दिया है कि हाल ही में ऑप्शन मार्केट में आई तेज वृद्धि के बाद शेयर बाजार में हेरफेर के जोखिम को रोकने के लिए ये नियम बनाना आवश्यक हैं। नए प्रस्ताव के तहत शेयर बाजार के फ्यूचर एंड ऑप्शन (F&O) सेगमेंट से लगातार कम कारोबार वाले शेयरों को बाहर किया जाएगा। इस बारे में जारी डिस्कशन पेपर में सेबी ने कहा है कि अंडरलाइंग कैश मार्केट में उचित विस्तार के बिना शेयर बाजार में हेरफेर, अस्थिरता में वृद्धि और निवेशकों के पैसे की सुरक्षा से समझौता होने का जोखिम बढ़ सकता है।

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कौन से शेयरों के डेरिवेटिव में होगी ट्रेडिंग

उपरोक्त सभी कारणों से सेबी के लिए यह सुनिश्चित करना जरूरी है कि डेरिवेटिव सेगमेंट में केवल साइज, नकदी और मार्केट डेप्थ के संदर्भ में हाई क्वालिटी वाले शेयर ही उपलब्ध हों। नए प्रस्ताव के तहत, किसी इंडिविजुअल शेयर को डेरिवेटिव ट्रेडिंग में शामिल करने के लिए उसका कुल में से कम से कम 75 प्रतिशत कारोबारी दिवसों में ट्रेड होना चाहिए।

इसके अलावा कम से कम 15 प्रतिशत एक्टिव ट्रेडर्स या 200 सदस्यों (जो भी कम हो) ने इस शेयर में कारोबार किया हो और इसका औसत दैनिक कारोबार 500 करोड़ रुपये से 1,500 करोड़ रुपये के बीच होना चाहिए।

19 जून तक आम लोगों से मांगे सुझाव

सेबी ने प्रस्ताव दिया है कि इसके अलावा अंडरलाइंग शेयर के लिए ओपन कॉन्ट्रैक्ट की अधिकतम संख्या 1,250 करोड़ रुपये और 1,750 करोड़ रुपये होनी चाहिए। वर्तमान में यह आंकड़ा 500 करोड़ रुपये है।

इन प्रस्तावों का मकसद संबंधित शेयर में पर्याप्त कारोबार सुनिश्चित करना है। सेबी ने इस प्रस्ताव पर 19 जून तक सार्वजनिक टिप्पणियां मांगी हैं।

डिस्क्लेमर : यहां मुख्य तौर पर सेबी के प्रस्तावित नए नियमों की जानकारी दी गयी है, निवेश की सलाह नहीं। इक्विटी मार्केट में जोखिम होता है, इसलिए निवेश अपने जोखिम पर करें। निवेश करने से पहले एक्सपर्ट की राय जरूर लें।

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काशिद हुसैन author

काशिद हुसैन अप्रैल 2023 से Timesnowhindi.Com (टाइम्स नाउ नवभारत) के साथ काम कर रहे हैं। यहां पर वे सीनियर कॉरेस्पोंडेंट हैं। टाइम्स नाउ नवभारत की ब...और देखें

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