SEBI New Rule on Trading: शेयरों के डेरिवेटिव्स में ट्रेडिंग पर SEBI की नए नियम लाने की तैयारी, हेरा-फेरी रोकने के लिए बनेंगे कड़े रूल्स

SEBI New Rule on Trading: सेबी के लिए यह सुनिश्चित करना जरूरी है कि डेरिवेटिव सेगमेंट में केवल साइज, नकदी और मार्केट डेप्थ के संदर्भ में हाई क्वालिटी वाले शेयर ही उपलब्ध हों।

फ्यूचर एंड ऑप्शन पर सेबी के नए प्रस्तावित नियम

मुख्य बातें
  • सेबी लाएगा नये नियम
  • डेरिवेटिव्स सेगमेंट से जुड़े होंगे नए नियम
  • हेरा-फेरी रोकने की तैयारी

SEBI New Rule on Trading: मार्केट रेगुलेटर सेबी (SEBI) ने इंडिविजुअल स्टॉक के डेरिवेटिव्स में ट्रेडिंग करने के लिए कड़े नियम बनाने का प्रस्ताव रखा है। सेबी ने तर्क दिया है कि हाल ही में ऑप्शन मार्केट में आई तेज वृद्धि के बाद शेयर बाजार में हेरफेर के जोखिम को रोकने के लिए ये नियम बनाना आवश्यक हैं। नए प्रस्ताव के तहत शेयर बाजार के फ्यूचर एंड ऑप्शन (F&O) सेगमेंट से लगातार कम कारोबार वाले शेयरों को बाहर किया जाएगा। इस बारे में जारी डिस्कशन पेपर में सेबी ने कहा है कि अंडरलाइंग कैश मार्केट में उचित विस्तार के बिना शेयर बाजार में हेरफेर, अस्थिरता में वृद्धि और निवेशकों के पैसे की सुरक्षा से समझौता होने का जोखिम बढ़ सकता है।

ये भी पढ़ें -

कौन से शेयरों के डेरिवेटिव में होगी ट्रेडिंग

उपरोक्त सभी कारणों से सेबी के लिए यह सुनिश्चित करना जरूरी है कि डेरिवेटिव सेगमेंट में केवल साइज, नकदी और मार्केट डेप्थ के संदर्भ में हाई क्वालिटी वाले शेयर ही उपलब्ध हों। नए प्रस्ताव के तहत, किसी इंडिविजुअल शेयर को डेरिवेटिव ट्रेडिंग में शामिल करने के लिए उसका कुल में से कम से कम 75 प्रतिशत कारोबारी दिवसों में ट्रेड होना चाहिए।

End Of Feed