SEBI New Rules: सेबी ने उठाया नगर निगम बॉन्ड पर टैक्स छूट का मुद्दा, F&O के लिए उठाएगा कदम
SEBI New Rules: विभिन्न नगर निगमों ने 1997 से अभी तक इंफ्रास्ट्रक्चर के लिए बॉण्ड के जरिये 2,700 करोड़ रुपये जुटाए हैं। एफएंडओ पर भाटिया ने कहा, ‘‘ सेबी बहुत जल्द एफएंडओ के बारे में कुछ करने जा रहा है।

सेबी के नए नियम
- SEBI की नई तैयारी
- F&O के लिए उठाएगा कदम
- नगर निगम बॉन्ड पर मांगी टैक्स छूट
SEBI New Rules: पूंजी बाजार नियामक सेबी निवेशकों की सुरक्षा बढ़ाने के लिए फ्यूचर एंड ऑप्शन (एफएंडओ) सेगमेंट के मामले में जल्द ही कदम उठा सकता है। एक वरिष्ठ अधिकारी ने मंगलवार को यह जानकारी दी। इसके अलावा सेबी ने सरकार से नगर निगम बॉन्ड के ग्राहकों के लिए टैक्स में छूट देने का आग्रह भी किया है, जो इंफ्रास्ट्रक्चर के डेवलपमेंट की फाइनेंसिंग के लिए महत्वपूर्ण है। सेबी के पूर्णकालिक सदस्य अश्विनी भाटिया ने बताया कि नियामक वित्त आयोग के साथ बैठक में नगर निगम बॉन्ड के लिए टैकक्स छूट का मामला उठाएगा।
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कितना फंड जुटाया
विभिन्न नगर निगमों ने 1997 से अभी तक इंफ्रास्ट्रक्चर के लिए बॉण्ड के जरिये 2,700 करोड़ रुपये जुटाए हैं। एफएंडओ पर भाटिया ने कहा, ‘‘ सेबी बहुत जल्द एफएंडओ के बारे में कुछ करने जा रहा है।
सेबी ने हाल ही में अपने परामर्श पत्र में इंडेक्स डेरिवेटिव के नियमों को कड़ा करने के लिए सात उपायों का प्रस्ताव दिया है। इनमें मिनिमम कॉन्ट्रैक्ट साइज को संशोधित करना और ऑप्शन प्रीमियम का एडवांस कलेक्शन आवश्यक बनाना, स्थिति सीमाओं की ‘इंट्रा-डे’ निगरानी, ‘स्ट्राइक’ कीमतों को उचित बनाना, समाप्ति के दिन ‘कैलेंडर स्प्रेड’ लाभ को हटाना और नियर कॉन्ट्रैक्ट एक्सपायरी प्रॉफिट्स में वृद्धि करना शामिल है।
डेरिवेटिव बाजार में पारदर्शिता बढ़ेगी
यदि इन उपायों को लागू किया गया तो इससे जोखिम प्रबंधन में सुधार होगा तथा डेरिवेटिव बाजार में पारदर्शिता बढ़ेगी। अपने परामर्श पत्र में नियामक ने बाजार की वृद्धि को ध्यान में रखते हुए सूचकांक डेरिवेटिव के लिए न्यूनतम अनुबंध आकार को दो चरणों में संशोधित करने का सुझाव दिया था।
पहले चरण की शुरूआत में न्यूनतम अनुबंध मूल्य 15 लाख रुपये से 20 लाख रुपये के बीच होना चाहिए। छह महीने बाद दूसरे चरण में न्यूनतम मूल्य 20 लाख रुपये से 30 लाख रुपये के बीच हो जाएगा।
वर्तमान न्यूनतम अनुबंध राशि पांच लाख रुपये से 10 लाख रुपये तक है, जिसे अंतिम बार 2015 में निर्धारित किया गया था।
कितना हो रहा नुकसान
सेबी के एक हालिया अध्ययन में सामने आया था कि एक करोड़ से अधिक व्यक्तिगत एफएंडओ व्यापारियों में से 93 प्रतिशत को वित्त वर्ष 2021-22 से वित्त वर्ष 2023-24 तक तीन वर्षों में प्रति व्यापारी करीब दो लाख रुपये का औसत नुकसान हुआ (लेनदेन लागत सहित)।
वित्त वर्ष 2021-22 और वित्त वर्ष 2023-24 के बीच तीन साल की अवधि में व्यक्तिगत व्यापारियों का कुल घाटा 1.8 लाख करोड़ रुपये से अधिक हो गया। रिपोर्ट में एफएंडओ में घाटे में चल रहे व्यक्तिगत निवेशकों की संख्या में वृद्धि पर भी प्रकाश डाला गया। (इनपुट - भाषा)
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