SEBI Rejected Extend Trading Hour: SEBI ने ट्रेडिंग घंटे बढ़ाने के NSE के प्रस्ताव को किया खारिज, ब्रोकरों के विरोध की वजह से उठाया ये कदम
SEBI Rejected Proposal For Extending Trading Hours: स्टॉक एक्सचेंजों के पास F&O सेगमेंट में ट्रेडिंग को रात 11:55 बजे तक और कैश सेगमेंट में शाम 5 बजे तक बढ़ाने की पावर है, लेकिन इसके लिए सेबी की मंजूरी की जरूरत है। अभी दोनों प्लेटफॉर्म पर ट्रेडिंग फिलहाल दोपहर 3:30 बजे रुक जाती है।
सेबी ने ट्रेडिंग घंटे बढ़ाने के प्रस्ताव को खारिज कर दिया
- ट्रेडिंग घंटे बढ़ाने का प्रस्ताव खारिज
- सेबी ने एनएसई का प्रस्ताव किया खारिज
- ब्रोकरों ने किया विरोध
SEBI Rejected Proposal For Extending Trading Hours News Updates: मार्केट रेगुलेटर सेबी (SEBI) ने इंडेक्स डेरिवेटिव के लिए ट्रेडिंग घंटे बढ़ाने के स्टॉक एक्सचेंज NSE के प्रस्ताव को खारिज कर दिया है। ब्रोकरों ने इस कदम का विरोध किया है, जिसके चलते सेबी ने इस प्रस्ताव को खारिज कर दिया। एनएसई के सीईओ आशीषकुमार चौहान के मुताबिक फिलहाल समय बढ़ाने की कोई योजना नहीं है। सेबी ने हमारा आवेदन खारिज कर दिया है क्योंकि स्टॉक ब्रोकरों ने वो फीडबैक नहीं दिया है जो सेबी चाहता था। उन्होंने कहा कि फिलहाल ट्रेडिंग का समय बढ़ाने के प्रस्ताव को टाल दिया गया है।
ये भी पढ़ें -
Top Green Stocks: ग्रीन एनर्जी शेयरों ने 1 साल में दिया 1430% तक रिटर्न, 50 हजार को बना दिया 7.5 लाख
अभी क्या है स्टॉक एक्सचेंज ट्रेडिंग टाइमिंगस्टॉक एक्सचेंजों के पास F&O सेगमेंट में ट्रेडिंग को रात 11:55 बजे तक और कैश सेगमेंट में शाम 5 बजे तक बढ़ाने की पावर है, लेकिन इसके लिए सेबी की मंजूरी की जरूरत है। अभी दोनों प्लेटफॉर्म पर ट्रेडिंग फिलहाल दोपहर 3:30 बजे रुक जाती है।
पिछले साल, NSE ने इंडेक्स फ्यूचर्स एंड ऑप्शन (एफएंडओ) में ट्रेड के लिए शाम 6 बजे और रात 9 बजे से एक और शाम का सत्र शामिल करने का प्रस्ताव दिया था।
स्टॉक एक्सचेंजों की बढ़ेगी कमाई
लंबे ट्रेडिंग घंटों का मतलब वॉल्यूम में वृद्धि के कारण एक्सचेंजों के लिए अधिक कमाई होगा, मगर डेरिवेटिव ट्रेडर्स ने आशंका व्यक्त की थी कि इससे उनका वर्किंग लाइफ बैलेंस खराब हो सकता है। जहां कुछ ब्रोकरों ने ट्रेडिंग घंटों के विस्तार को मंजूरी दे दी थी, वहीं कुछ अन्य ने लो बैंडविड्थ को लेकर चिंता जताई थी।
ट्रेडिशनल ब्रोकिंग फर्म, जहां रिलेशनशिप मैनेजर्स पर निर्भरता के कारण मैनपावर पर अधिक खर्च होता है, लंबे ट्रेडिंग घंटों के पक्ष में नहीं हैं। हालांकि बेहतर तकनीकी क्षमताओं वाले डिस्काउंट ब्रोकर इसके लिए तैयार हैं।
देश और दुनिया की ताजा ख़बरें (Hindi News) अब हिंदी में पढ़ें | बिजनेस (business News) की खबरों के लिए जुड़े रहे Timesnowhindi.com से | आज की ताजा खबरों (Latest Hindi News) के लिए Subscribe करें टाइम्स नाउ नवभारत YouTube चैनल
काशिद हुसैन अप्रैल 2023 से Timesnowhindi.Com (टाइम्स नाउ नवभारत) के साथ काम कर रहे हैं। यहां पर वे सीनियर कॉरेस्पोंडेंट हैं। टाइम्स नाउ नवभारत की ब...और देखें
Gold-Silver Rate Today 22 November 2024: सोना 77700 रु के पार, चांदी भी चमकी, जानें अपने शहर का भाव
Financial Freedom: 30 की उम्र से पहले कैसे हासिल करें फाइनेंशियल फ्रीडम?
Whatsapp New Feature: व्हाट्सऐप लेकर आया नया फीचर, टेक्स्ट में बदल जाएगा ‘वॉइस मैसेज’, ऐसे करें इस्तेमाल
Real Estate: रहेजा डेवलपर्स को मिली NCLT से राहत, जानें क्या है पूरा मामला
NTPC Green Energy IPO: निवेश का आखिरी मौका, जानें कितना है GMP, कब होगी लिस्टिंग
© 2024 Bennett, Coleman & Company Limited