SEBI: फ्रंट रनिंग को लेकर एक्शन में आया SEBI, इन संस्थाओं पर लगा दिया बैन

बाजार नियामक भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (SEBI) ने एक फ्रंट-रनिंग मामले में सख्त कार्रवाई करते हुए पीएनबी मेटलाइफ इंडिया इंश्योरेंस कंपनी के इक्विटी डीलर सचिन बकुल दगली और आठ अन्य संस्थाओं पर प्रतिबंध लगा दिया है। 1 जनवरी, 2021 से लेकर 19 जुलाई, 2024 तक चली इस जांच में पता चला कि पीएनबी मेटलाइफ में अधिकांश ट्रेडिंग डिसीजन एग्जीक्यूशन के लिए सचिन बकुल दगली को सौंपे गए थे।

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फ्रंट रनिंग को लेकर एक्शन में आया SEBI

तस्वीर साभार : IANS

SEBI: बाजार नियामक भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (SEBI) ने एक फ्रंट-रनिंग मामले में सख्त कार्रवाई करते हुए पीएनबी मेटलाइफ इंडिया इंश्योरेंस कंपनी के इक्विटी डीलर सचिन बकुल दगली और आठ अन्य संस्थाओं पर प्रतिबंध लगा दिया है। SEBI के मुताबिक, सचिन बकुल दगली और आठ संस्थाओं द्वारा तीन वर्षों से अधिक समय से फ्रंट रनिंग की जा रही थी और इस तरह इन सभी ने मिलकर 21.16 करोड़ रुपये का अवैध मुनाफा कमाया है। बाजार नियामक द्वारा इन सभी को शेयर बाजार से प्रतिबंधित कर दिया गया है और साथ ही अवैध रूप से अर्जित किए गए लाभ को जब्त कर लिया है। SEBI ने कार्रवाई से पहले पीएनबी मेटलाइफ इंडिया इंश्योरेंस से जुड़े कुछ संदिग्ध फ्रंट-रनिंग ट्रेड की जांच की थी।

3 साल से लंबी जांच

इस जांच का उद्देश्य था कि क्या संदिग्ध संस्थाएं या अन्य लोग, जिसमें डीलर और फंड मैनेजर भी शमिल हैं। पीएनबी मेटलाइफ इंडिया इंश्योरेंस के ट्रेड में फ्रंट-रनिंग कर रहे थे। साथ ही, क्या इस दौरान SEBI के नियमों का उल्लंघन हुआ है। 1 जनवरी, 2021 से लेकर 19 जुलाई, 2024 तक चली इस जांच में पता चला कि पीएनबी मेटलाइफ में अधिकांश ट्रेडिंग डिसीजन एग्जीक्यूशन के लिए सचिन बकुल दगली को सौंपे गए थे। जांच में पाया गया कि सचिन बकुल दगली (पीएनबी मेटलाइफ का इक्विटी डीलर) और उनके भाई तेजस दगली (इन्वेस्टेक में इक्विटी सेल्स ट्रेडर) ने पीएनबी मेटलाइफ और इन्वेस्टेक के संस्थागत ग्राहकों के आगामी ट्रेडिंग डिसीजन के बारे में गोपनीय, गैर-सार्वजनिक जानकारी प्राप्त की।

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फ्रंट रनिंग को दिया गया अंजाम

आगे इस जानकारी का उपयोग ट्रेडिंग डिसीजन लेने के लिए किया गया और इसे संदीप शंभरकर के साथ शेयर किया, जिन्होंने धनमाता रियल्टी प्राइवेट लिमिटेड (डीआरपीएल), वर्थी डिस्ट्रीब्यूटर्स प्राइवेट लिमिटेड (डब्ल्यूडीपीएल) और प्रग्नेश संघवी के खातों के माध्यम से फ्रंट-रनिंग ट्रेडों को अंजाम दिया। इस कार्य को अंजाम देने के लिए डीआरपीएल और डब्ल्यूडीपीएल के निदेशक अर्पण कीर्तिकुमार शाह, कबिता साहा और जिग्नेश निकुलभाई डाभी ने भी सहयोग किया।

फ्रंट रनिंग के इतने मामले

SEBI ने बताया कि कुल 6,766 फ्रंट-रनिंग ट्रेड हुए थे। इससे करीब 21,15,78,005 करोड़ का लाभ अर्जित किया गया है। पीएनबी मेटलाइफ ने आईएएनएस को दिए बयान में कहा, "कंपनी ने इस मामले को लेकर सरकारी एजेंसियों के साथ पूरा सहयोग किया है। हम, पीएनबी मेटलाइफ के खिलाफ नामित व्यक्ति द्वारा धोखाधड़ी के निष्कर्ष पर पहुंचने के लिए SEBI को धन्यवाद देते हैं। हमारी आंतरिक प्रक्रियाओं के अनुरूप, हमने अनुशासनात्मक कार्रवाई की है।"

क्या है फ्रंट रनिंग

कंपनी ने आगे कहा,"पीएनबी मेटलाइफ कॉर्पोरेट प्रशासन और पारदर्शिता के उच्चतम मानकों को बनाए रखने के लिए प्रतिबद्ध है।" फ्रंट -रनिंग, एक गैर-कानूनी प्रथा है। इसमें एक ट्रेडर या ब्रोकर, किसी बड़ी कंपनी या संस्था द्वारा एक विशेष स्टॉक में बड़ी खरीदारी किए जाने की गोपनीय जानकारी प्राप्त करता है और बड़ा ऑर्डर एग्जिक्यूट होने से पहले ही उस विशेष स्टॉक में अपनी पॉजिशन बना लेते हैं। ऐसे में जब बड़ी कंपनी या संस्था द्वारा ऑर्डर को एग्जिक्यूट किया जाता है तो उस शेयर में अचानक आई तेजी का फायदा उस ट्रेडर या ब्रोकर को मिल जाता है।

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Pawan Mishra author

पवन कुमार मिश्रा Timesnowhindi.com के साथ फरवरी 2024 से बतौर सीनियर कॉपी एडिटर के रूप में जुड़े हैं। जन्म दिल्ली में हुआ और शिक्षा भी यहीं से पूरी की ह...और देखें

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