Anil Ambani Reliance Power: अनिल अंबानी को बड़ा झटका, रिलायंस पावर और उनकी इन कंपनियों पर लगा 3 साल का प्रतिबंध, ये है वजह

Anil Ambani Reliance Power: सोलर एनर्जी कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (SECI) ने अनिल अंबानी को बड़ा झटका दिया है। रिलायंस पावर और उनकी कंपनियों को 3 साल के लिए सरकारी कंपनी द्वारा जारी टेंडर में भाग लेने से रोक दिया है।

SECI ने अनिल अंबानी को दिया बड़ा झटका

Anil Ambani Reliance Power: रिलायंस पावर की ग्रीन एनर्जी प्लानिंग को झटका देते हुए सोलर एनर्जी कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (SECI) ने अनिल अंबानी की कंपनी, उसकी सहायक कंपनियों और रिलायंस NU BESS लिमिटेड को 3 साल के लिए सरकारी स्वामित्व वाली कंपनी द्वारा जारी टेंडर में भाग लेने से रोक दिया है। मिंट की रिपोर्ट के मुताबिक SECI ने गुरुवार को रिलीज में कहा कि यह प्रतिबंध अनिल अंबानी की कंपनियों द्वारा जून में SECI द्वारा जारी टेंडर में कथित रूप से फर्जी दस्तावेज प्रस्तुत करने के जवाब में लगाया गया है, जिसमें 1000 मेगावाट/2000 मेगावाट घंटे की स्टैंडअलोन BESS प्रोजेक्ट्स स्थापित करने के लिए बोलियां मांगी गई थीं। इसके बाद टेंडर प्रक्रिया को अंततः रद्द कर दिया गया।

मिंट के मुताबिक SECI ने कहा कि महाराष्ट्र एनर्जी जेनरेशन लिमिटेड, जिसे अब रिलायंस NU BESS लिमिटेड के नाम से जाना जाता है। उसके द्वारा प्रस्तुत दस्तावेजों की समीक्षा करने के बाद यह पाया गया कि विदेशी बैंक द्वारा जारी बयाना राशि के विरुद्ध बैंक गारंटी का सबूत फर्जी था। इसके अलावा SECI ने कहा कि बोलीदाता, मेसर्स रिलायंस पावर लिमिटेड की सहायक कंपनी होने के नाते, अपनी मूल कंपनी की ताकत का उपयोग करके वित्तीय योग्यता जरुरतों को पूरा कर चुका था। मामले की विस्तृत जांच करने पर यह निष्कर्ष निकालना तर्कसंगत पाया गया कि बोलीदाता द्वारा लिए गए सभी कॉमशियल और रणनीतिक निर्णय मूल रूप से मूल कंपनी द्वारा संचालित थे।

मिंट के मुताबिक बिजनेस स्टैंडर्ड ने 4 नवंबर को बताया कि रिलायंस पावर की सहायक कंपनी द्वारा प्रस्तुत किए गए फर्जी दस्तावेजों के कारण टेंडर रद्द कर दिया गया। यह घटनाक्रम इसलिए महत्वपूर्ण है क्योंकि SECI, जो सौर, पवन और हाइब्रिड प्रोजेक्ट्स के लिए रिन्युअल एनर्जी कंपनियों को टेंडर जारी करता है। चालू वित्त वर्ष में 20 गीगावाट की प्रोजेक्ट्स के लिए टेंडर जारी करने की उम्मीद है, जबकि सरकार ने वित्त वर्ष 28 तक हर साल 50 गीगावाट की हरित ऊर्जा क्षमता के लिए टेंडर जारी करने का लक्ष्य रखा है।

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