Share Market: FII की बिकवाली से लगातार चौथे दिन गिरा शेयर मार्केट, सेंसेक्स और निफ्टी भी नुक्सान में

आज गुरूवार को लगातार चौथे दिन भी शेयर मार्केट में गिरावट का सिलसिला जारी रहा। नेशनल स्टॉक एक्सचेंज के निफ्टी में मामूली सी गिरावट देखने को मिली है दूसरी तरफ सेंसेक्स में भी 17 अंकों की मामूली गिरावट देखने को मिली है। विदेश इसंस्थागत निवेशकों की पूंजी निकासी की बदौलत यह गिरावट देखने को मिली है।

FII की बिकवाली से लगातार चौथे दिन गिरा शेयर मार्केट, सेंसेक्स और निफ्टी भी नुक्सान में

Share Market: स्थानीय शेयर बाजार में गिरावट का सिलसिला गुरूवार को लगातार चौथे दिन जारी रहा और बीएसई सेंसेक्स 17 अंक और टूट गया। विदेशी संस्थागत निवेशकों (FII) की पूंजी निकासी जारी रहने के बीच हिंदुस्तान यूनिलीवर का वित्तीय परिणाम उम्मीद के अनुरूप नहीं रहने से निवेशकों की धारणा प्रभावित हुई। तीस शेयरों पर आधारित बीएसई सेंसेक्स 16.82 अंक यानी 0.02 प्रतिशत की गिरावट के साथ 80,065.16 अंक पर बंद हुआ। कारोबार के दौरान सूचकांक ऊंचे में 80,259.82 अंक तक गया जबकि नीचे 79,813.02 अंक तक आया।

निफ्टी में भी आई गिरावट

नेशनल स्टॉक एक्सचेंज का निफ्टी भी 36.10 अंक यानी 0.15 प्रतिशत की गिरावट के साथ 24,399.40 अंक पर बंद हुआ। सेंसेक्स में शामिल शेयरों में हिंदुस्तान यूनिलीवर में करीब छह प्रतिशत की गिरावट आई। दैनिक उपयोग का सामान बनाने वाली कंपनी का एकीकृत शुद्ध लाभ चालू वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही में 2.33 प्रतिशत घटकर 2,595 करोड़ रुपये रहने की सूचना से इसका शेयर भाव नीचे आया। मुख्य रूप से शहरी बाजार में मांग में नरमी से कंपनी का लाभ प्रभावित हुआ। इसके अलावा नेस्ले, आईटीसी, मारुति, एशियन पेंट्स, इन्फोसिस, टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज, लार्सन एंड टुब्रो और एचसीएल टेक्नोलॉजीज के शेयर भी नीचे आए।

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लाभ में रहे ये शेयर

दूसरी तरफ लाभ में रहने वाले शेयरों में अल्ट्राटेक सीमेंट, महिंद्रा एंड महिंद्रा, टाइटन, अदाणी पोर्ट्स, भारतीय स्टेट बैंक और पावर ग्रिड शामिल हैं। शेयर बाजार के आंकड़ों के अनुसार, विदेशी संस्थागत निवेशकों ने बुधवार को 5,684.63 करोड़ रुपये मूल्य के शेयर बेचे। वहीं घरेलू संस्थागत निवेशकों ने 6,039.90 करोड़ रुपये मूल्य के शेयर खरीदे। जियोजीत फाइनेंशियल सर्विसेज के मुख्य निवेश रणनीतिकार वी के विजयकुमार ने कहा, ‘‘बाजार के समक्ष सबसे बड़ी चुनौती विदेशी संस्थागत निवेशकों की लगातार पूंजी निकासी है। एनएसडीएल के आंकड़ों के अनुसार 23 अक्टूबर तक उन्होंने 93,088 करोड़ रुपये की निकासी की। एफआईआई की पूंजी निकासी का कारण भारत में शेयरों का मूल्यांकन ऊंचा होना जबकि चीन और हांगकांग में मूल्यांकन आकर्षक होना है।’’

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