स्टॉक मार्केट में निवेश से पहले जान लें इन 7 शब्दों का मतलब
यदि आप भी उन्हीं लोगों में से हैं जिन्होंने हाल ही में ट्रेडिंग शुरू की हैं, तो हम यहां आपको शेयर मार्केट में ज्यादातर उपयोग में आने वाले कुछ शब्दों के बारें में बता रहे हैं। तो चलिए उन्हीं कुछ बेसिक शब्दों का मतलब जानते हैं।
यहां आपको शेयर मार्केट में ज्यादातर उपयोग में आने वाले कुछ शब्दों के बारें में बता रहे हैं
शेयर मार्केट में लोगों ने बड़ी संख्या में पैसा लगाना शुरू कर दिया है। यह ऑनलाइन होने से और आसान हो गया है और डीमेट अकाउंट जा रहे हैं। यदि आप भी उन्हीं लोगों में से हैं जिन्होंने हाल ही में ट्रेडिंग शुरू की हैं, तो हम यहां आपको शेयर मार्केट में ज्यादातर उपयोग में आने वाले कुछ शब्दों के बारें में बता रहे हैं। तो चलिए उन्हीं कुछ बेसिक शब्दों का मतलब जानते हैं। संबंधित खबरें
1. इंट्राडे ट्रेडिंगसंबंधित खबरें
मान लीजिए कि आपने 100 स्टॉक्स खरीदे और जिस दिन उसे खरीदा उसे उसी दिन बेच देते हैं, तो इस तरह के किए गए अस्थायी निवेश को इंट्राडे ट्रेडिंग कहते हैं। यदि उन्हें खरीदने के बाद स्टॉक्स की कीमत गिर जाती है, तो आप का नुकसान होता हैं। वहीं बढ़ने पर फायदा होता है।संबंधित खबरें
2. बुल मार्केट (तेजी)संबंधित खबरें
यदि शेयर मार्केट में तेजी होती है तो शेयरों की कीमत बढ़ जाती है। एक तय समय में बाजार लगातार ऊपर की तरफ जाता रहता है तो उसे बाजार बुल मार्केट में या फिर बाजार में तेजी का माहौल है कहते हैं। संबंधित खबरें
3. बियर मार्केट (मंदी)
जब मार्केट में तेजी के माहौल का ठीक उल्टा मंदी का माहौल होता है, तो इसे बियर मार्केट कहते हैं। यदि आपको लगता है कि आने वाले समय में बाजार नीचे की तरफ जाएगा तो आप उस स्टॉक को लेकर बियरिश (Bearish) हैं।संबंधित खबरें
4. शेयर की फेस वैल्यूसंबंधित खबरें
किसी शेयर की तय कीमत को फेसवैल्यू कहते हैं। इसे खुद कंपनी तय करती है और ये उनके कॉरपोरेट फैसलों के लिए जरूरी होता है, जैसे डिविडेंड देने या स्टॉक स्प्लिट करने के समय कंपनी शेयर की फेस वैल्यू को ही आधार बनाती है। संबंधित खबरें
5. 52 हफ्तों की तेजी/ गिरावटसंबंधित खबरें
52 हफ्ते की ऊंचाई यानि स्टॉक की पिछले 52 हफ्तों में सबसे ज्यादा ऊंचाई पर है। इसी तरह 52 हफ्तों की गिरावट का मतलब शेयर की निचली कीमत से है।संबंधित खबरें
6. अपर सर्किट/लोअर सर्किटसंबंधित खबरें
स्टॉक एक्सचेंज हर स्टॉक के लिए कीमत की एक लिमिट तय कर देते हैं। एक्सचेंज एक ट्रेडिग दिन में स्टॉक की कीमत ना ऊपर की तरफ और ना ही नीचे की तरफ लिमिट के बाहर जाने से रोकती है। ऊपरी कीमत की लिमिट को अपर सर्किट और कीमत की निचली लिमिट को लोअर सर्किट कहते हैं।संबंधित खबरें
7. लॉग पोजिशन
लॉग पोजीशन या लॉग होना आपके सौदे यानी ट्रेड की दिशा बताता है। अगर आपने निफ्टी इंडेक्स ये उम्मीद लगाकर खरीदी है कि इंडेक्स ऊपर जाएगा तो ये आपकी इंडेक्स पर लांग पोजीशन होगी। वहीं अगर आपकी किसी स्टॉक या इंडेक्स पर लांग पोजीशन है तो आपको तेजी वाला ट्रेडर या बुलिश माना जाएगा।संबंधित खबरें
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आशीष कुशवाहा author
आशीष कुमार कुशवाहा Timesnowhindi.com में बतौर सीनियर कॉपी एडिटर काम कर रहे हैं। वह 2023 से Timesn...और देखें
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