Stock Market Today: शेयर बाजार में हलचल तेज! सेंसेक्स 200 अंक टूटा, जानें निवेशकों क्या करना चाहिए?

Stock Market Update: भारतीय शेयर बाजार में दो दिनों की तेजी के बाद शुक्रवार को गिरावट दर्ज की गई। सेंसेक्स 217 अंक टूटा, जबकि निफ्टी 22,500 के नीचे फिसल गया। आईटी और बैंकिंग शेयरों में कमजोरी के कारण बाजार दबाव में रहा, जबकि निवेशक अमेरिकी नौकरियों के आंकड़ों और फेड चेयरमैन जेरोम पॉवेल के भाषण का इंतजार कर रहे हैं।

Stock Market Update

शेयर बाजार में गिरावट

Stock Market Update Today: वैश्विक बाजारों में कमजोरी और अमेरिकी श्रम बाजार से जुड़े आंकड़ों के कारण भारतीय शेयर बाजार शुक्रवार को गिरावट के साथ खुले। आईटी और निजी बैंकिंग शेयरों में बिकवाली देखी गई, जिससे बाजार पर दबाव बढ़ा। बीएसई सेंसेक्स 217.51 अंक या 0.29% गिरकर 74,122.58 पर पहुंच गया, जबकि निफ्टी 50 इंडेक्स 21 अंक या 0.09% की गिरावट के साथ 22,523 पर कारोबार करता दिखा। पिछले दो सत्रों में निफ्टी और सेंसेक्स में लगभग 2% की बढ़त दर्ज की गई थी, लेकिन अब बाजार में कमजोरी देखने को मिल रही है।

टॉप बढ़त और गिरावट वाले शेयर

बाजार खुलने के साथ ही प्रमुख शेयरों में मिलाजुला रुख दिखा। इंफोसिस, जोमैटो, एचसीएल टेक, एनटीपीसी और आईसीआईसीआई बैंक के शेयर गिरावट के साथ कारोबार कर रहे थे, जबकि अडानी पोर्ट्स, टाटा मोटर्स, टाटा स्टील, रिलायंस इंडस्ट्रीज और एलएंडटी के शेयरों में बढ़त देखी गई। कल्पतरु प्रोजेक्ट्स इंटरनेशनल के शेयर शुरुआती कारोबार में 6% तक चढ़ गए, क्योंकि कंपनी और उसकी अंतरराष्ट्रीय सहायक कंपनियों ने 2,306 करोड़ रुपये के नए ऑर्डर प्राप्त किए। वहीं, ब्रिगेड एंटरप्राइजेज के शेयरों में 4% की वृद्धि हुई, क्योंकि फर्म ने चेन्नई में एक प्रीमियम आवासीय परियोजना लॉन्च की, जिसकी अनुमानित राजस्व क्षमता 1,700 करोड़ रुपये है।

शेयर बाजार के सेक्टोरियल प्रदर्शन की बात करें तो निफ्टी बैंक, एफएमसीजी और आईटी सेक्टर सबसे ज्यादा प्रभावित हुए। हालांकि, व्यापक बाजारों में निफ्टी मिडकैप 100 में 0.2% और निफ्टी स्मॉलकैप 100 में 0.7% की बढ़त दर्ज की गई। वैश्विक स्तर पर भी कमजोर संकेत मिल रहे हैं, जिसमें MSCI एशिया एक्स जापान में 0.8% की गिरावट देखी गई।

किस वजह से शेयर बाजार में गिरावट

विशेषज्ञों का मानना है कि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा कनाडा और मैक्सिको से आयातित वस्तुओं पर टैरिफ लगाने के फैसले को 2 अप्रैल तक टालने से निवेशक असमंजस में हैं। जियोजित फाइनेंशियल सर्विसेज के मुख्य रणनीतिकार डॉ. वी. के. विजयकुमार के अनुसार, बाजारों को अब यह समझ आने लगा है कि ट्रंप प्रशासन उच्च टैरिफ को स्थायी रूप से लागू करने की बजाय सौदेबाजी के मूड में है। उन्होंने कहा कि अमेरिकी बाजारों में बिकवाली इस बात का संकेत है कि ट्रंप की नीतियों का अमेरिका की अर्थव्यवस्था और आय पर असर पड़ सकता है। च्वाइस ब्रोकिंग के डेरिवेटिव विश्लेषक हार्दिक मटालिया के अनुसार, निफ्टी को 22,500 के स्तर पर समर्थन मिल सकता है, जबकि 22,600, 22,700 और 22,800 प्रमुख प्रतिरोध स्तर होंगे।

एफआईआई और डीआईआई ने कितनी की बिक्री

एफआईआई और डीआईआई निवेश की बात करें तो 6 मार्च को विदेशी संस्थागत निवेशकों (FII) ने 2377 करोड़ रुपये के इक्विटी बेचे, जबकि घरेलू संस्थागत निवेशकों (DII) ने 1617 करोड़ रुपये के इक्विटी खरीदे। इस बीच, रुपया शुरुआती कारोबार में अमेरिकी डॉलर के मुकाबले 2 पैसे गिरकर 87.14 पर आ गया, जबकि डॉलर इंडेक्स 0.02% गिरकर 104.04 पर पहुंच गया।

कच्चे तेल की कीमतों में शुक्रवार को मामूली बदलाव हुआ, लेकिन अक्टूबर के बाद से इसमें सबसे बड़ी साप्ताहिक गिरावट दर्ज की गई है। ब्रेंट क्रूड 69.63 डॉलर प्रति बैरल पर कारोबार कर रहा था, जबकि WTI कच्चा तेल 66.48 डॉलर प्रति बैरल पर था। अमेरिकी टैरिफ नीति के बारे में अनिश्चितता के कारण निवेशक सतर्क रुख अपनाए हुए हैं, जिससे बाजार में अस्थिरता बनी हुई है।

डिस्क्लेमर : यहां शेयर बाजार में निवेश की सलाह नहीं दी गई है। इक्विटी मार्केट में जोखिम होता है, इसलिए निवेश अपने जोखिम पर करें। निवेश करने से पहले एक्सपर्ट की राय जरूर लें।

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आशीष कुशवाहा author

आशीष कुमार कुशवाहा Timesnowhindi.com में बतौर सीनियर कॉपी एडिटर काम कर रहे हैं। वह 2023 से Timesnowhindi.com के साथ जुड़े हैं। वह यहां शेयर बाजार, ...और देखें

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