मुनाफावसूली से शेयर बाजार में गिरावट, BSE में 505 अंकों की गिरावट तो Nifty भी डाउन

Share Market Today:सेंसेक्स के समूह में शामिल शेयरों में से पावरग्रिड सबसे ज्यादा 2.76 प्रतिशत नीचे आया। इसके अलावा, इंडसइंड बैंक, एचयूएल, एनटीपीसी, आईसीआईसीआई बैंक, एचडीएफसी बैंक, एचडीएफसी लि., आईटीसी, इन्फोसिस, एल एंड टी, बजाज फाइनेंस, कोटक बैंक, एचसीएल टेक और टेक महिंद्रा भी नुकसान में रहें।

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शेयर बाजार गिरावट के साथ बंद

Share Market Today:शेयर बाजार में शुक्रवार को गिरावट आई और बीएसई सेंसेक्स 505 अंक टूटकर रिकॉर्ड ऊंचाई से नीचे आ गया। वैश्विक स्तर पर कमजोर रुख के बीच वित्तीय, सूचना प्रौद्योगिकी और तेल कंपनियों के शेयरों में मुनाफावसूली होने से बाजार नीचे आया।तीस शेयरों पर आधारित बीएसई सेंसेक्स 505.19 अंक यानी 0.77 प्रतिशत की गिरावट के साथ 65,280.45 अंक पर बंद हुआ। सेंसेक्स के तीस शेयरों में से 25 नुकसान में जबकि पांच लाभ में रहे।कारोबार के दौरान यह 65,175.74 से 65,898.98 अंक के दायरे में रहा।नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) का सूचकांक निफ्टी भी आठ दिन की लगातार तेजी के बाद 165.50 अंक यानी 0.85 प्रतिशत की गिरावट के साथ 19,331.80 अंक पर बंद हुआ।

निफ्टी के 50 शेयरों में से 44 को नुकसान

सेंसेक्स के समूह में शामिल शेयरों में से पावरग्रिड सबसे ज्यादा 2.76 प्रतिशत नीचे आया। इसके अलावा, इंडसइंड बैंक, एचयूएल, एनटीपीसी, आईसीआईसीआई बैंक, एचडीएफसी बैंक, एचडीएफसी लि., आईटीसी, इन्फोसिस, एल एंड टी, बजाज फाइनेंस, कोटक बैंक, एचसीएल टेक और टेक महिंद्रा भी नुकसान में रहें।दूसरी तरफ टाटा मोटर्स में सर्वाधिक 2.94 प्रतिशत की तेजी रही। इसके अलावा, टाइटन, महिंद्रा एंड महिंद्रा, एसबीआई और टीसीएस भी लाभ में रहें।
जियोजीत फाइनेंशियल सर्विसेज के शोध प्रमुख विनोद नायर ने कहा है कि मुनाफावसूली के कारण घरेलू शेयर बाजार नीचे आये। वैश्विक स्तर पर कमजोर रुख का असर यहां के शेयर बाजारों पर पड़ा। वैश्विक बाजार में गिरावट का कारण अमेरिकी बॉन्ड प्रतिफल बढ़ना है। आंकड़ों के अनुसार अमेरिका में निजी क्षेत्र में नौकरियां बढ़ने से माना जा रहा है कि उच्च ब्याज दर के हालात कुछ समय तक बने रहेंगे।

विदेशी बाजार में भी गिरावट

वैश्विक बाजारों में हांगकांग का हैंगसेंग, चीन का शंघाई कंपोजिट और जापान का निक्की गिरावट में रहा। अमेरिकी बाजार में बृहस्पतिवार को आई गिरावट का असर अन्य बाजारों पर पड़ा।अमेरिका में श्रम बाजार के उम्मीद से कहीं अधिक मजबूत होने की रिपोर्ट का असर पड़ा है। निवेशकों को आशंका है कि श्रम बाजार में अच्छी स्थिति होने से अमेरिकी केंद्रीय बैंक फेडरल रिजर्व मुद्रास्फीति को काबू में लाने के लिये लंबे समय तक ब्याज दर को ऊंचा बनाये रख सकता है।वैश्विक तेल मानक ब्रेंट क्रूड 0.25 प्रतिशत मजबूत होकर 76.60 डॉलर प्रति बैरल पर पहुंच गया।शेयर बाजार के आंकड़ों के अनुसार विदेशी संस्थागत निवेशक लिवाल बने हुए हैं। उन्होंने बृहस्पतिवार को 2,641.05 करोड़ रुपये मूल्य के शेयर खरीदे।
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