शेयर बाजार में लगातार दूसरे दिन गिरावट, जानें किसने दिया झटका और कौन से फैक्टर हावी
Share Market Today: सेंसेक्स के शेयरों में एक्सिस बैंक में सबसे ज्यादा 4.38 प्रतिशत की गिरावट आई। इसके अलावा भारतीय स्टेट बैंक, इंडसइंड बैंक, एनटीपीसी, अल्ट्राटेक सीमेंट, बजाज फिनसर्व, टाटा स्टील, जेएसडब्ल्यू स्टील, मारुति और लार्सन एंड टुब्रो प्रमुख रूप से नुकसान में रहे।
गिरावट का दौर
Share Market Today: घरेलू शेयर बाजारों में गिरावट का सिलसिला बुधवार को लगातार दूसरे दिन भी जारी रहा और बीएसई सेंसेक्स 286 अंक और नीचे आ गया। विदेशी संस्थागत निवेशकों की पूंजी निकासी जारी रहने और अमेरिकी तथा एशियाई बाजारों के कमजोर रुख से भी बाजार धारणा प्रभावित हुई।तीस शेयरों पर आधारित बीएसई सेंसेक्स 286.06 अंक यानी 0.44 प्रतिशत की गिरावट के साथ 65,226.04 अंक पर बंद हुआ। कारोबार के दौरान एक समय यह 633.33 अंक तक लुढ़क गया था।नेशनल स्टॉक एक्सचेंज का निफ्टी भी 92.65 अंक यानी 0.47 प्रतिशत की गिरावट के साथ 19,436.10 अंक पर बंद हुआ।
इन शेयरों में सबसे ज्यादा गिरावट
सेंसेक्स के शेयरों में एक्सिस बैंक में सबसे ज्यादा 4.38 प्रतिशत की गिरावट आई। इसके अलावा भारतीय स्टेट बैंक, इंडसइंड बैंक, एनटीपीसी, अल्ट्राटेक सीमेंट, बजाज फिनसर्व, टाटा स्टील, जेएसडब्ल्यू स्टील, मारुति और लार्सन एंड टुब्रो प्रमुख रूप से नुकसान में रहे।दूसरी तरफ लाभ में रहने वाले शेयरों में नेस्ले, हिंदुस्तान यूनिलीवर, एचडीएफसी बैंक, टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज, इन्फोसिस, एचसीएल टेक्नोलॉजीज और एशियन पेंट्स शामिल हैं।
क्यों रही गिरावट
कोटक सिक्योरिटीज लि. के शोध (खुदरा) प्रमुख श्रीकांत चौहान के अनुसार वैश्विक संस्थागत निवेशक घरेलू शेयर बाजार से पैसा निकाल रहे हैं। इसका कारण यह है कि अमेरिकी डॉलर की विनिमय दर और बॉन्ड प्रतिफल में तेजी से उभरते बाजारों की संपत्तियां निवेश के लिहाज से कम आकर्षक बनी हुई हैं।उन्होंने कहा कि घरेलू स्तर पर मजबूत वृहद आर्थिक आंकड़ों के बावजूद भारत वैश्विक समस्याओं से अछूता नहीं है। ऐसे में नीतिगत दर में और वृद्धि को लेकर चिंता के साथ वैश्विक बाजारों में अगर गिरावट आती है, उसका असर देखने को मिल सकता है।
मिडकैप और स्मॉल कैप में भी गिरावट
बीएसई मिडकैप सूचकांक 1.52 प्रतिशत टूटा जबकि स्मॉलकैप में 0.96 प्रतिशत की गिरावट रही।जियोजीत फाइनेंशियल सर्विसेज के शोध प्रमुख विनोद नायर ने कहा कि अमेरिका में रोजगार के मजबूत आंकड़े से फेडरल रिजर्व के आक्रामक रुख को बल मिला है। इसके साथ बॉन्ड प्रतिफल के कई साल के उच्चस्तर पर पहुंचने से नीतिगत दर वृद्धि की संभावना लग रही है। वैश्विक स्तर पर निवेशक मुद्रास्फीति को लेकर चिंता और डॉलर में तेजी को देखते हुए जोखिम से बचने की रणनीति अपना रहे हैं।
उन्होंने कहा कि भारत में अर्थव्यवस्था में मजबूती के बावजूद मझोली कंपनियों के शेयरों के ऊंचे मूल्य और हाल की तेजी के बाद बाजार में ‘करेक्शन’ देखने को मिल रही है।एशिया के अन्य बाजारों में दक्षिण कोरिया का कॉस्पी, जापान का निक्की और हांगकांग का हैंगसेंग नुकसान में जबकि चीन का शंघाई कम्पोजिट लाभ में रहा।यूरोप के प्रमुख बाजारों में शुरुआती कारोबार में तेजी का रुख रहा। अमेरिकी बाजारों में मंगलवार को एक प्रतिशत से अधिक की गिरावट आई थी।
देश और दुनिया की ताजा ख़बरें (Hindi News) अब हिंदी में पढ़ें | बिजनेस (business News) की खबरों के लिए जुड़े रहे Timesnowhindi.com से | आज की ताजा खबरों (Latest Hindi News) के लिए Subscribe करें टाइम्स नाउ नवभारत YouTube चैनल
© 2024 Bennett, Coleman & Company Limited