मुश्किल में Ashneer Grover, BharatPe के फाउंडर ने किया केस, शेयरों को लेकर लड़ाई
नई दिल्ली। भारतपे (BharatPe) के पूर्व को-फाउंडर और शार्क टैंक (Shark Tank India) के पूर्व जज अश्नीर ग्रोवर (Ashneer Grover) चर्चा में हैं। अश्नीर ग्रोवर इस बार एक मुसीबत में फंस सकते हैं। ऐसा इसलिए क्योंकि फिनटेक यूनीकॉर्न के मूल फाउंडर भाविक कोलाडिया (Bhavik Koladiya) ने अपने पूर्व पार्टनर अश्नीर ग्रोवर के खिलाफ एक मुकदमा दर्ज कर दिया है। मालूम हो कि पांच साल पहले 2017 में, भाविक कोलाडिया ने शाश्वत नकरानी (Shashvat Nakrani) के साथ मिलकर फिनटेक कंपनी भारतपे की शुरुआत की थी, जो कि साल 2021 में एक यूनिकॉर्न बन गई। जनवरी 2022 से ही कंपनी सुर्खियों में रहा है।
कोलाडिया पिछले साल अगस्त में कंपनी से बाहर निकल गए थे। उन्होंने शेयर विवाद को लेकर अपने द्वारा स्थापित फिनटेक और शार्क टैंक इंडिया फेम ग्रोवर के खिलाफ मामला (Ashneer Grover sued) दर्ज किया है। कोलाडिया के पास उनकी कंपनी में बहुमत हिस्सेदारी थी, लेकिन अमेरिका में क्रेडिट कार्ड धोखाधड़ी के लिए अपने पिछले कन्विक्शन के कारण कैप टेबल से बाहर होना पड़ा।
अमेरिका में जेल जा चुके हैं कोलाडिया
फिनटेक यूनिकॉर्न की स्थापना करने वाले कोलाडिया ने किराने की दुकान चलाने और बिना लाइसेंस के डिजिटल भुगतान स्वीकार करने के लिए अमेरिका में जेल की सजा काटी थी। ये अमेरिका के कानूनी नियमों का उल्लंघन था। मामले की जानकारी रखने वाले लोगों के अनुसार, कोलाडिया के भारतपे में शामिल होने से बड़े संस्थागत निवेशकों के साथ फंड रेजिंग वाली बातचीत प्रभावित होती, इसलिए उन्हें अपना पद और अपने शेयरों को छोड़ना पड़ा।
अब क्या चाहते हैं कोलाडिया?
अब भारतपे के संस्थापक कंपनी में अपने शेयर वापस लेना चाह रहे हैं। पूछे जाने पर उन्होंने ईटी प्राइम से कहा कि मैं इस मामले पर टिप्पणी नहीं कर सकता। आप मेरे वकीलों से बात कर सकते हैं। दिल्ली हाई कोर्ट इस मामले की सुनवाई 18 जनवरी 2023 को करेगा।
ग्रोवर के साथ कोलाडिया का क्या है विवाद?
जुलाई 2017 में सह-संस्थापक कोलाडिया और नाकरानी (जो उस समय IIT-दिल्ली में पढ़ रहे थे) ने भारतपे की शुरुआत की थी और मार्च 2018 में इसे इनकॉर्पोरेट किया था। जून 2018 तक कोलाडिया उनकी कंपनी का चेहरा थे। ग्रोवर कंपनी के तीसरे सह-संस्थापक के रूप में भारतपे से जुड़े। शार्क टैंक इंडिया के पूर्व जज ग्रोवर के पास 32 फीसदी इक्विटी थी, नाकरानी के पास 25.5 फीसदी और कोलाडिया 42.5 फीसदी हिस्सेदारी के साथ सबसे बड़े शेयरधारक थे। हालांकि, दिसंबर 2018 में सिकोइया के एक निवेशक के रूप में बोर्ड में आने से ठीक पहले, कोलाडिया का नाम संस्थापकों की लिस्ट में नहीं था।
तब से ग्रोवर भारतपे का चेहरा बन गए और कोलाडिया एक 'सलाहकार' के रूप में बने रहे। कोलाडिया ने अपने शेयर ग्रोवर, नाकरानी, नकरानी के पिता मनसुखभाई मोहनभाई नाकरानी और कुछ एंजल निवेशकों को ट्रांसफर कर दिए।