अमेरिका का सिलिकॉन वैली बैंक जाने क्यों हुआ दिवालिया, क्या दुनिया में फिर 2008 जैसा आएगा संकट
अमेरिका का 16वां बड़ा बैंक सिलिकॉन वैली दिवालिया हो गया है। इस खबर के आने के बाद अमेरिकी शेयर बाजार के बैंकिंग इंडेक्स में 8.1% गिरावट देखने को मिली है। ऐसे में फिर से सवाल उठने लगे हैं कि क्या फिर से 2008 की तरह ही मंदी जैसे हालात बन सकते हैं।
नियंत्रण रखने के लिएFDIC को नियुक्त किया गया है।
- बैंकिंग में 8.1% की दिखी गिरावट
- टेक कंपनियों के बिगड़े हालात, बैंक भी डूबा
- सभी ब्रांच 13 मार्च को फिर से खुलेंगी
Silicon Valley Bank Crisis: अमेरिका के बड़े बैंक सिलिकॉन वैली बैंक के दिवालिया होने की वजह से शुक्रवार को बंद कर दिया गया है और जमा की गई राशि पर नियंत्रण रखने के लिए फेडरल डिपॉजिट इंश्योरेंस कॉरपोरेशन (FDIC) को नियुक्त किया गया है। ऐसे में अमेरिका में फिर से वित्तीय संकट के काले बादल नजर आने लगे हैं।
बैंकिंग इंडेक्स में 8.1% की दिखी गिरावट
इस खबर के आने से अमेरिकी स्टॉक मार्केट के बैंकिंग इंडेक्स में 8.1% गिरावट देखने को मिली। जो कि पिछले 3 सालों में 1 दिन में आई सबसे बड़ी गिरावट बताई जा रही है। वहीं भारतीय शेयर बाजार पर भी असर पड़ा है। शुक्रवार को भारतीय शेयर बाजार गिरावट के साथ बंद हुआ था। साथ ही इससे दुनियाभर में फिर से मंदी का खतरा है।
टेक कंपनियों के बिगड़े हालात, बैंक भी डूबा
सिलिकॉन वैली बैंक अमेरिका के 16वां सबसे बड़े बैंक के रूप में जाना जाता है, इसके पास 210 अरब डॉलर से अधिक के एसेट्स हैं और कई शहरों में ब्रांच हैं। लगातार ब्याज बढ़ने से बैंक के हालात बिगड़ते रहे। ये बैंक टेक कंपनियों और नए वेंचर्स को फाइनेंशियल मदद करता है, इन कंपनी का बैंक पर करीब 44% बिजनेस है। फेडरल रिजर्व ने ब्याज दरें लगातार बढाई जिससे इन सेक्टर्स पर बुरा असर पड़ा। निवेशकों ने इनमें पैसा लगाना कम कर दिया था। यही वजह रही कि बैंक के कारोबर पर भी निगेटिव असर पड़ा। कर्ज के वापस नहीं मिलने की वजह से इसका सीधा असर बैंक के वित्तीय हालत पर पड़ा है।
ग्राहकों की जमा राशि का क्या होगा
बयान के अनुसार, सिलिकॉन वैली बैंक की ऑफिस और सभी ब्रांच 13 मार्च को फिर से खुलेंगी और सभी बीमित जमाकर्ताओं के पास सोमवार सुबह तक अपनी बीमाकृत जमा राशि तक पूरी पहुंच होगी। बीमित जमाकर्ताओं की सुरक्षा के लिए, FDIC ने डिपॉजिट इंश्योरेंस नेशनल बैंक ऑफ सांता क्लारा (DINB) बनाया है। सभी बीमित जमाकर्ताओं के पास सोमवार सुबह, 13 मार्च, 2023 तक अपनी बीमित जमा राशि तक पूरी तरह से पहुंच होगी।
क्या 2008 जैसे बन सकते हैं हालात
एक्सपर्ट की मानें 2008 में हुए अमेरिका को सबसे बड़े बैंकिंग क्राइसिस जैसे हालात होने की संभावना बिलकुल भी नहीं है। कहा जा रहा है कि इस बैंक में ज्यादातर पैसा टेक्नोलॉजी से जुड़ी कंपनियों के ही थे जिसकी वजह से ज्यादा असर नहीं होगा। वहीं 2008 की बात करें तो बैंकिंग फर्म लेहमन ब्रदर्स के चलते अमेरिका को सबसे बड़े बैंकिंग क्राइसिस से गुजरना पड़ा था। इससे पूरी दुनिया मंदी की चपेट में आ गई थी। साल 2001 से 2006 के बीच अमेरिकी रियल एस्टेट कंपनियों को खूब लोन बंटे गए। उस समय अमेरिकी रियल एस्टेट बाजार उंचाई पर था। जिससे बैंकों को भी फायदा पहुंचा। लेकिन जब इस सेक्टर में मंदी आई तो बैंकों की मुश्किलें बढ़ गईं और बैंकों का कर्ज डूबने लगा। साल 2008 में लेहमन ब्रदर्स ने खुद को दिवालिया घोषित कर दिया।
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