Bank Vs Mutual Fund: बैंक और म्यूचुअल फंड इंडस्ट्री आमने-सामने, डिपॉजिट को लेकर छिड़ी बहस

Bank Vs Mutual Fund: आईबीए के चेयरमैन एम वी राव ने एक सम्मेलन में कहा कि म्यूचुअल फंड कंपनियों के लिए आसान नियमों की वजह से निवेशकों को अधिक रिटर्न दे पाना आसान होता है। हालांकि, कोटक म्यूचुअल फंड के सीईओ नीलेश शाह ने कहा कि बैंकों की धीमी जमा वृद्धि का दोष म्यूचुअल फंड कंपनियों पर किस तरह डाला जा सकता है।

म्युचुअल फंड निवेश

Bank Vs Mutual Fund:बैंकों में घटते जमा स्तर को लेकर जताई जा रही चिंताओं के बीच भारतीय बैंक संघ (आईबीए) ने कहा है कि आसान नियमों के कारण खुदरा जमा बैंकों से म्यूचुअल फंड योजनाओं में जा रही है। लेकिन उनके इस रुख के बाद म्यूचुअल फंड इंडस्ट्री ने असहमति जता दी है। उसका कहना है कि बैंकों की धीमी जमा वृद्धि का दोष म्यूचुअल फंड कंपनियों पर किस तरह डाला जा सकता है। दरअसल, एक साल से अधिक समय से बैंकिंग प्रणाली में कम जमा वृद्धि देखी जा रही है। ऐसे में लोन मांग को बनाए रखने की इसकी क्षमता पर चिंता जताई जा रही है।

क्यों बैंक परेशान
आईबीए के चेयरमैन एम वी राव ने एक सम्मेलन में कहा कि म्यूचुअल फंड कंपनियों के लिए आसान नियमों की वजह से निवेशकों को अधिक रिटर्न दे पाना आसान होता है।हालांकि, कोटक म्यूचुअल फंड के प्रबंध निदेशक एवं मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) नीलेश शाह ने इस दावे को समझ पाने में असमर्थता जताई कि बैंकों की धीमी जमा वृद्धि का दोष म्यूचुअल फंड कंपनियों पर किस तरह डाला जा सकता है।
असल में आरबीआई गवर्नर शक्तिकान्त दास सहित उद्योग का मानना है कि बचतकर्ता अपना पैसा हाई रिटर्न वाले म्यूचुअल फंड (एमएफ) में लगाना पसंद करते हैं और म्यूचुअल फंड योजनाओं का प्रबंधन करने वाली कंपनियों के मासिक प्रवाह में वृद्धि से इसकी पुष्टि भी होती है।
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