SARFESI Act:बैंकों द्वारा भेजे गए SMS और ई-मेल बनेंगे लीगल नोटिस, SARFESI और DRT एक्ट में बदलाव की तैयारी

SARFESI And DRT Act: अतिरिक्त सचिव की अध्यक्षता वाली समिति ने कई बैठकें की हैं और इस संबंध में चर्चा एडवांस चरण में है।पिछले महीने वित्त मंत्रालय ने कर्जों की शीघ्र वसूली के लिए ऋण वसूली न्यायाधिकरणों (डीआरटी) की दक्षता बढ़ाने के लिए बैंकों और डीआरटी के शीर्ष अधिकारियों के साथ व्यापक विचार-विमर्श किया था।

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बैंक नोटिस

SARFESI And DRT Act:कर्ज वसूली प्रक्रिया को तेज करने के लिए वित्त मंत्रालय सरफेसी और डीआरटी अधिनियमों में संशोधन की तैयारी कर रहा है। इसके लिए सरकार ने एक समिति भी बना दी है। जो कि जल्द ही सुझाव देगी, जिसमें देनदारों को ई-नोटिस को कानूनी मान्यता देने का प्रावधान भी शामिल है। इसके तहत ई-नोटिस यानी बैंकों द्वारा भेजे गए एसएमएस और ई-मेल को वैध नोटिस माना जा सके। ऐसा होने से कर्ज तेजी से वसूलने में मदद मिलेगी।

पिछले महीने वित्त मंत्रालय ने कर्जों की शीघ्र वसूली के लिए ऋण वसूली न्यायाधिकरणों (डीआरटी) की दक्षता बढ़ाने के लिए बैंकों और डीआरटी के शीर्ष अधिकारियों के साथ व्यापक विचार-विमर्श किया था। सरकार ने पिछले कुछ वर्षों में डीआरटी अधिनियम और सरफेसी अधिनियम में कई संशोधन किए हैं। कानून में आखिरी बदलाव 2016 में किए गए थे, जब सरकार ने ऋण वसूली को अधिक प्रभावी बनाने के लिए संसद में सरफेसी अधिनियम और डीआरटी अधिनियम में संशोधन पेश किया था।

क्या हो सकते हैं बदलाव

सूत्रों ने पीटीआई-भाषा से कहा कि अतिरिक्त सचिव की अध्यक्षता वाली इस समिति ने कई बैठकें की हैं और इस संबंध में चर्चा एडवांस चरण में है।पिछले महीने वित्त मंत्रालय ने कर्जों की शीघ्र वसूली के लिए ऋण वसूली न्यायाधिकरणों (डीआरटी) की दक्षता बढ़ाने के लिए बैंकों और डीआरटी के शीर्ष अधिकारियों के साथ व्यापक विचार-विमर्श किया था। सूत्र के अनुसार हमने प्रासंगिक संशोधनों पर निर्णय लेने के लिए अतिरिक्त सचिव के नेतृत्व में एक समिति गठित की है। इसका उद्देश्य ऋण वसूली प्रक्रिया में दिक्कतों को कम करना और इसे अधिक प्रभावी बनाना है। इसके तहत ई-नोटिस को कानूनी मान्यता देने के लिए एक प्रावधान पेश किया जा सकता है। ताकि बैंकों द्वारा भेजे गए एसएमएस और ई-मेल को वैध नोटिस माना जा सके।

क्या है ये कानून

डीआरटी अधिनियम, 1993 में बैंकों और वित्तीय संस्थानों के बकाया ऋणों के त्वरित न्याय निर्णय और वसूली के लिए एक कानूनी ढांचा प्रदान करने के लिए बनाया गया था।हालांकि, कर्ज वसूली में तेजी लाने में इस कानून की प्रभावशीलता सीमित साबित हुई। इन खामियों को दूर करने और कर्ज वसूली के लिए अधिक मजबूत ढांचा खड़ा करने के लिए वर्ष 2002 में वित्तीय संपत्तियों का प्रतिभूतिकरण और पुनर्निर्माण एवं सुरक्षा हित का प्रवर्तन (सरफेसी) अधिनियम लागू किया गया था।सरकार ने पिछले कुछ वर्षों में डीआरटी अधिनियम और सरफेसी अधिनियम में कई संशोधन किए हैं। कानून में आखिरी बदलाव 2016 में किए गए थे, जब सरकार ने ऋण वसूली को अधिक प्रभावी बनाने के लिए संसद में सरफेसी अधिनियम और डीआरटी अधिनियम में संशोधन पेश किया था।

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