Sri Lanka Economic Crisis: राष्ट्रपति विक्रमसिंघे ने स्वीकारा- भारत के सहयोग की बदौलत आर्थिक संकट से निकला श्रीलंका
Sri Lanka Economic Crisis: श्रीलंका के राष्ट्रपति रानिल विक्रमसिंघे ने कोलंबो में 20-22 जून तक आयोजित 31वीं अखिल भारतीय साझेदार बैठक में स्वीकारा कि अगर भारत आर्थिक मदद नहीं किया होता तो हम आर्थिक संकट के दो कठिन वर्षों से नहीं निकल पाते।
श्रीलंका के राष्ट्रपति रानिल विक्रमसिंघे
Sri Lanka Economic Crisis: श्रीलंका के राष्ट्रपति रानिल विक्रमसिंघे ने शनिवार को कहा कि श्रीलंका आर्थिक संकट के दो कठिन वर्षों से उबर पाया है और यह भारत से मिले 3.5 अरब डॉलर के वित्तीय सहयोग के कारण संभव हो पाया है। विक्रमसिंघे ने भारत के साथ मजबूत साझेदारी बनाए रखने की अपनी प्रतिबद्धता पर जोर दिया। कोलंबो में 20-22 जून तक आयोजित 31वीं अखिल भारतीय साझेदार बैठक को संबोधित करते हुए विक्रमसिंघे ने कहा कि नई सरकार के शपथ ग्रहण समारोह में भाग लेने के लिए अपनी पिछली भारत यात्रा के दौरान उन्होंने भारत के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के साथ साझेदारी के प्रमुख क्षेत्रों पर चर्चा की थी।
भारत ने दिया था 3.5 अरब डॉलर का लोन
उन्होंने कहा कि दो मुश्किल वर्षों से गुजरने के बाद, मुझे यह स्वीकार करना होगा कि यह इसलिए संभव हुआ क्योंकि भारत ने हमें 3.5 अरब डॉलर का लोन दिया था। वह सब चुका दिया जाएगा। विक्रमसिंघे ने कहा कि पर्यावरण अनुकूल ऊर्जा उन महत्वपूर्ण क्षेत्रों में से एक है जिस पर दोनों देश संयुक्त रूप से काम करेंगे। उन्होंने कहा कि पिछले सप्ताह जब मैं दिल्ली में था, तो मैंने प्रधानमंत्री मोदी से उस संयुक्त कार्यक्रम को आगे बढ़ाने की जरूरत पर चर्चा की, जिस पर हमने फैसला किया है, सहमति जताई है। इसलिए प्रमुख कार्यक्रमों की पहचान हो गई है। उन्होंने कहा कि श्रीलंका ने कई प्रस्तावों पर चर्चा की है।
विक्रमसिंघे ने कहा कि पहला है श्रीलंका और भारत के बीच ग्रिड इंटरकनेक्शन, ताकि पर्यावरण अनुकूल ऊर्जा भारत को भेजी जा सके, जहां आप सभी को इसकी बहुत जरूरत है। हमारे पास सामपुर सौर ऊर्जा परियोजना है, जो अंतरसरकारी परियोजना है, और एक तीन-द्वीप परियोजना है, जहां हम उम्मीद करते हैं कि जुलाई में शिलान्यास हो सकता है। उन्होंने कहा कि इसके अतिरिक्त श्रीलंका और भारत के बीच भूमि संपर्क स्थापित करने की परियोजना पर भी ध्यान केंद्रित किया जा रहा है। (इनपुट भाषा)
देश और दुनिया की ताजा ख़बरें (Hindi News) अब हिंदी में पढ़ें | बिजनेस (business News) और चुनाव के समाचार के लिए जुड़े रहे Times Now Navbharat से |
End of Article
रामानुज सिंह author
रामानुज सिंह अगस्त 2017 से Timesnowhindi.com के साथ करियर को आगे बढ़ा रहे हैं। यहां वे असिस्टेंट ...और देखें
End Of Feed
© 2025 Bennett, Coleman & Company Limited